ये उपाय अपनाएं और तरबूज में फूलों की संख्या बढ़ाएं

increase the number of flowers in the watermelon crop
  • किसान भाइयों इस समय तरबूज की फसल की बुवाई को लगभग एक माह पूरा हो चुका है। 

  • एक माह की अवस्था को पूर्ण करने के बाद तरबूज की फसल में फूल अवस्था शुरू हो जाती है। 

  • फूल लगने की अवस्था में अच्छे फूल उत्पादन एवं फूलों को गिरने से रोकने के लिए यह उपाय करना बहुत आवश्यक होता है। ये निम्न उपाय अपनाकर अच्छे फूल उत्पादन को बढ़ाया एवं गिरने से रोका जा सकता है। 

  • फूलों के अच्छे उत्पादन एवं फूलों को गिरने से बचाने के लिए डबल (होमोब्रेसिनोलाइड) @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • इसी के साथ तरबूज के पौधे के अच्छे विकास एवं वृद्धि हेतु नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001% एल) @ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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टमाटर की फसल में फल फटने की समस्या का ऐसे करें नियंत्रण

Follow these tips to prevent fruit cracking in tomato crops

किसान भाइयों टमाटर की फसल में फल फटना एक मुख्य समस्या है जिसे ‘ब्लॉसम एन्ड रॉट’ के नाम से भी जाना जाता है l मुख्यतः यह समस्या कैल्शियम एवं बोरॉन की कमी के कारण देखने को मिलती है परंतु इसके और भी अनेक कारण हो सकते हैं। 

‘ब्लॉसम एन्ड रॉट’ के कारण 

  • अनियमित एवं अव्यवस्थित सिंचाई के कारण। 

  • तापमान में अधिक उतार चढ़ाव होने के कारण। इसके लिए खेत में मल्च का उपयोग लाभप्रद रहता है। 

  • फसल में अधिक नाइट्रोजन एवं कम पोटाश देने के कारण। इसके लिए खेत में संतुलित खाद एवं उर्वरकों का उपयोग करें। 

  • अगर टमाटर हल्की दोमट मिट्टी एवं अधिक चूने वाली मिट्टी में लगा हुआ है तो यह समस्या अधिक देखने को मिलती है क्योंकि इस प्रकार की मिट्टी में सामान्यतः बोरॉन की कमी होती है।

प्रबंधन के सुझाव

  • इसके लिए रोपाई के 25 दिन बाद कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट 20 किलों प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में अनुप्रयोग करें।  

  • रोपाई के 40 दिन बाद कालबोर 5 किलो प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • रोपाई के 80 दिन बाद कैल्शियम नाइट्रेट 10 किलो प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • कमी के लक्षण दिखाई देने पर कैल्शियम EDTA @ 200 ग्राम + बोरॉन 20 @ 200 ग्राम/एकड़ की दर से दो बार छिड़काव करें।

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मध्यप्रदेश राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में बारिश के आसार

Weather Update

बंगाल की खाड़ी में संभावित तूफान का खतरा अब कम हो गया है।तमिलनाडु सहित केरल, कर्नाटक और दक्षिण आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। राजस्थान तथा महाराष्ट्र के कई जिलों के साथ साथ पश्चिमी मध्य प्रदेश व पूर्वी गुजरात के भी कुछ जिलों में 7 से 9 मार्च के मध्य बारिश की संभावना बन रही है। इसके अलावा पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के क्षेत्रों का मौसम शुष्क बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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आगे कैसा रहेगा प्याज भाव, देखें इंदौर मंडी की साप्ताहिक समीक्षा

Indore onion Mandi Bhaw,

पिछले हफ्ते इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा वीडियो के माध्यम से देखें और जानें आने वाले दिनों में प्याज भाव कैसा रह सकता है?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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गोबर से मुनाफा कमाने में मददगार मशीन, पंजाब के युवक ने किया तैयार

A machine helpful in making profit from cow dung

ज्यादातर भारतीय किसान पशुपालन का कार्य भी जरूर करते हैं। इसके माध्यम से उन्हें प्रतिदिन की आमदनी होती है। मवेशियों के दूध से लेकर गोबर तक के उपयोग से अच्छी कमाई की जा सकती है। किसान दूध तो किसी प्रकार बेच लेते हैं पर जब बात गोबर के प्रबंधन की आती है तब इससे मुनाफा कमाने में उन्हें समस्याएं पेश आती हैं।

इन्हीं समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पंजाब के 31 वर्षीय युवक कार्तिक पाल ने दो आधुनिक मशीन बनाई है। साल 2017 में कार्तिक ने गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन बनाई और बाद में उन्होंने गोबर सुखाने की मशीन भी बना डाली।

इस मशीन की मदद से कुछ ही मिनटों में गीले गोबर से पानी अलग हो जाता है और इसका पाउडर बन जाता है। यह 5 एचपी पावर वाला गोबर ड्रायर ऑटोमैटिक मशीन है, इसकी कीमत दो लाख 40 हजार रखी गई है। इसके अलावा छोटे किसानों के लिए भी 3 एचपी पावर वाली गोबर ड्रायर मशीन बनाई गई है और इसकी कीमत एक लाख 40 हजार रुपये रखी गई है।

स्रोत: आज तक

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मछली पालन के लिए मिलेगी सब्सिडी, इस योजना में करें आवेदन

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana

“प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना” के अंतर्गत मछली पालन को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए राज्य सरकारें आवेदन आमंत्रित करते हैं। इस योजना के अंतर्गत किसानों को तालाब, हैचरी, खाने की मशीन, क्वालिटी टेस्टिंग लैब आदि दिया जाता है। इसके अलावा मछली रखने के लिए और उनके बेहतर संरक्षण की भी व्यवस्था दी जाती है।

संपूर्ण देश में किसानों के बीच मछली पालन के व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने इस योजना को शुरु किया है। इसे ब्लू क्रांति के रूप में भी जाना जा रहा है। इस योजना का लाभ मछली पालने वाले, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मछली व्यापारी व किसान उठा सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: अमर उजाला

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सिर्फ 400 रूपये में ड्रोन से करें छिड़काव, 20 मिनट में 1 एकड़ क्षेत्र होगा कवर

agri drone

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल से कई कृषि कार्य बेहद आसान हो गए हैं। इसके माध्यम से 1 एकड़ के खेत में महज 20 मिनट में छिड़काव का कार्य आसानी से किया जा सकता है। बता दें की यही काम करने में हाथों से इस्तेमाल किये जाने वाले स्प्रे पंप एक पूरा दिन और 2 श्रमिक लगते हैं।

बता दें की एग्री ड्रोन बैट्री चलित होता है और इसकी बैटरी बिजली से चार्ज हो जाती है। इसकी बैटरी को चार्ज करने में सिर्फ 20 मिनट का समय लगता है। इस एग्री ड्रोन के द्वारा सभी प्रकार के उर्वरक, कीटनाशक, फफूंद नाशक एवं रसायनों का छिड़काव किया जा सकता है।

तमिलनाडु की गरूड़ा ऐरो स्पेस नामक कंपनी ने इस एग्री ड्रोन को तैयार किया है। कम्पनी ने इस एग्री ड्रोन के लिए प्रति एकड़ 400 रूपए का किराया निर्धारित किया है। इस एग्री ड्रोन की किसान भी खूब तारीफ कर रहे हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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नींबू वर्गीय पौधों में सिट्रस सिल्ला कीट नियंत्रण के उपाय

Citrus psylla insect attack in citrus plants
  • यह नींबू वर्गीय पौधों में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों में से एक प्रमुख कीट है जो की शरद एवं बसंत ऋतु के दौरान नई कोमल पत्तियों पर सक्रिय रहता है एवं मार्च-अप्रैल माह में फूल और फल वृद्धि के दौरान अधिक क्षति पहुंचाता है।

  • यह कीट नींबू वर्गीय पौधों में होने वाले रोग ग्रीनिंग का वाहक भी है। 

  • यह कीट आकार में छोटा, 3-4 मिमी लंबा, भूरे रंग का, पारदर्शी पंख युक्त होता है। 

  • यह कीट खुली पत्तियों की कलियों पर अंडे देता है जो चमकीले पीले रंग के होते हैं। 

  • शिशु व प्रौढ़ दोनों ही पत्तियों, कोमल तनों और फूलों से रस चूसकर पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं। 

  • इससे पत्तियां मुड़कर सूख कर झड़ने लगती है और अंतत: टहनियां भी सूखने लगती हैं।

  • इस कीट के निम्फ क्रिस्टलीय शहद जैसे द्रव को स्रावित करते हैं जो की कवक के विकास को आकर्षित करता हैं फलस्वरूप प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है।

  • इसके प्रबंधन के लिए सेलक्विन (क्विनालफॉस) @ 700 मिली या प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 04% ईसी) @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

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मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों में फिर होगी वर्षा

Madhya Pradesh Weather Update,

पहाड़ों पर भारी हिमपात होने के आसार हैं। दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना डीप डिप्रेशन तमिलनाडु सहित दक्षिणी आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण उत्तर कर्नाटक तथा केरल में बारिश देगा। 7 से 9 मार्च के बीच राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा पूर्वी गुजरात में भी बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव, अब घर बैठे मिलेगा लाभ

Big change in the crop insurance scheme

बदलते मौसम के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2016 में ‘फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की थी। इस योजना के माध्यम से किसान अपनी फसल का बीमा करवाकर, फसल में किसी भी तरह के नुकसान होने पर सरकार की ओर से आर्थिक मदद की मांग कर सकते हैं।

हालाकि पिछले कुछ समय से देखा गया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इस योजना की हार्ड कॉपी समय से न मिल पाने की वजह से किसान फसल में नुकसान होने के बावजूद बीमा क्लेम नहीं कर पा रहे थे। किसानों की इस समस्या को देखते हुए सरकार ने फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव किया है।

इस बदलाव के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ की शुरुआत की है। इस योजना की सहायता से अब किसान घर बैठे जल्द से जल्द बीमा दस्तावेज खुद प्राप्त कर सकते हैं। दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें और इस योजना का लाभ उठाएं।

स्रोत: एबीपी लाइव

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