जरूर अपनाएं स्मार्ट खेती के ये उपयोगी टिप्स

Must follow these useful tips of smart farming
  • किसान भाइयों स्मार्ट खेती से आशय यह है की किसान खेती करने के नए तरीके एवं खेती को लाभ पहुंचाने वाले उत्पादों का उपयोग कर खेती करें।  

  • स्मार्ट खेती के अंतर्गत कीट रोग एवं पोषण संबधी फसल की आवश्यकता को टेक्नोलॉजी के माध्यम से पूरा किया जाता है। 

  • इस प्रकार की खेती में मोबाइल एप्लीकेशन, वृहद आंकड़े, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीनों का उपयोग होता है।  

  • कृषि में भी सूचना संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग किसान की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

  • युवा कृषक पारंपरिक खेती की जगह स्मार्ट खेती तकनीक अपनाकर अपनी खेती में व्यापक सुधार कर सकते हैं। 

  • स्मार्ट खेती के माध्यम से किसान की लागत कम एवं उपज ज्यादा होती है।

ग्रामोफ़ोन एप के माध्यम से आप भी कर सकते हैं स्मार्ट खेती। आज ही अपने खेत को “मेरी खेती” विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें।

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बंगाल की खाड़ी पर बनने वाला तूफान मचा सकता है भारी तबाही

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी पर बन रहा समुद्री तूफान अगले 2 दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार दीप समूह में भारी से अधिक भारी बारिश दे सकता है। यह उत्तरी म्यानमार की ओर बढ़ेगा तथा 22 मार्च को लैंडफॉल करेगा। राजस्थान गुजरात पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के कई भागों में भीषण लू जारी रहेगी। दिल्ली सहित उत्तर भारत में तापमान सामान्य से ऊपर बने रहेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को 31000 रूपये प्रत‍ि हेक्‍टेयर देगी सरकार

Government will give Rs 31000 per hectare to farmers for natural farming

खेती में रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से मृदा स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इससे बचने का एकमात्र विकल्प प्राकृतिक खेती है, जिसकी सहायता से खेत की उपज और मिट्टी की उर्वरक क्षमता दोनों को बढ़ाया जा सकता है। वहीं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से देशभर में योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके तहत सरकार किसानों को बीज, जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक, जैविक खाद, कम्पोस्ट, वानस्पतिक अर्क आदि के लिए व‍ित्‍त‍ीय सहायता उपलब्‍ध करा रही है। इसके लिए सरकार किसानों को 31 हजार रुपये प्रत‍ि हेक्‍टेयर की वित्तीय राशि दे रही है। जो कि किसान भाईयों को 3 वर्ष तक उपलब्ध कराई जाएगी।

इसी के साथ ही केंद्र सरकार गंगा नदी के किनारे परम्परागत कृषि विकास योजना और भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। वहीं सरकार इन योजनाओं के अनुरूप नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल 120.49 करोड़ रुपये का फंड अभी तक क‍िसानों के ल‍िए जारी कर चुकी है। इसकी सहायता से कई किसान भाई लाभान्वित हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ मृदा स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्‍य से रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे पौधों के पोषक तत्वों के अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों के संयुक्त उपयोग से खेती में लाभ प्राप्त कर सकें।

स्रोत: टीवी9

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केंद्र सरकार की इस योजना से महिलाओं को मिलेगी फ्री सिलाई मशीन

PM Free Sewing Machine Scheme

महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक ‘पीएम फ्री सिलाई मशीन योजना’ है, इसके तहत महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीन दी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सशक्त बन सकें।

पीएम फ्री सिलाई मशीन योजना क्या है?

इस योजना के माध्यम से देश की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की श्रमिक और असहाय महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीन दी जा रही है, ताकि वह भी स्वरोजगार के जरिए अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। वहीं इस योजना के तहत हर राज्य में 50 हजार से अधिक महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन दी जाएगी। देश में जारी इस योजना को हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड, बंगाल, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में मुख्य रूप से शुरु कर दिया गया है।

योजना के लिए जरूरी शर्तें

इस योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिल पाएगा, जिनकी आयु 20 से 40 वर्ष के बीच होगी। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर और बीपीएल वर्ग की सभी महिलाएं फ्री सिलाई मशीन योजना की पात्र होंगी। इसी के साथ ही आवेदक श्रमिक महिलाओं के पति की वार्षिक आय 12,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदन करने की प्रक्रिया

जो महिलाएं इस योजना की पात्र हैं, उन्हें विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र के अनुसार अपना आवेदन भरना होगा। इसके लिए वे आवेदन फॉर्म समाज कल्याण विभाग से प्राप्त कर सकती हैं। इसके अलावा आधिकारिक वेबसाइट www.india.gov.in पर जाकर भी फॉर्म को डाउनलॉड किया जा सकता है।

स्रोत: ट्रैक्टर जंग्शन

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नेशनल लाइवस्टॉक मिशन से पाएं 50 लाख की भारी सब्सिडी

Get a huge subsidy of 50 lakhs from National Livestock Mission

वीडियो के मध्य से देखें की कैसे आप नेशनल लाइवस्टॉक मिशन से जुड़ कर आप पशुपालन के लिए 50 लाख की भारी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: यूट्यूब

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इंदौर मंडी में 19 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 19 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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जानें आखिर क्या है एकीकृत कीट प्रबंधन एवं इसके प्रमुख उपाय

What is Integrated Pest Management and its main measures
  • किसान भाइयों फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट, रोग एवं खरपतवार आदि से होने वाली हानि को आर्थिक परिसीमा से नीचे रखने में सक्षम अधिकाधिक विधियों का सामन्यजस्यपूर्ण उपयोग एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन (आईपीएम) कहलाता है l

  • इसमें पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक एवं आवश्यक होने पर रासायनिक पौध संरक्षण क्रियाओं का परस्पर उपयोग किया जाता है। 

प्रमुख उपाय:

  • व्यवहारिक नियंत्रण में गहरी जुताई करना, फसल चक्र अपनाना, बीज एवं पौध उपचार, समय पर बुवाई, प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग, खरपतवार नियंत्रण, पोषक तत्वों एवं सिंचाई जल का समुचित उपयोग आदि। 

  • यांत्रिक नियंत्रण में प्रकाश पाश एवं लैंगिक पाश, रोग एवं कीट ग्रसित भागों को नष्ट करना आदि है। 

  • जैविक क्रियाओं में परभक्षी एवं परजीवी कीटों का उपयोग करना।

  • रासायनिक नियंत्रण में परभक्षी एवं परजीवी कीटों की उपस्थिति में इनके संरक्षण की दृष्टि से नाशीकीटों के आर्थिक परिसीमा से अधिक प्रकोप होने पर ही अपेक्षाकृत सुरक्षित कीटनाशक रसायनों का प्रयोग करना।

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गर्मियों में लोबिया की फसल चारे के रूप में लगाकर उठाएं लाभ

Benefits of planting cowpea crop as fodder in summer
  • किसान भाइयों गर्मियों के मौसम में पशुओं के हरे चारे की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में पशुपालक इस समय लोबिया की बुवाई कर सकते हैं।  

  • लोबिया पशुओं के लिए पौष्टिक चारे के रूप में बहुत उपयोगी है।

  • लोबिया सबसे तेज बढ़ने वाली एक दलहनी चारा फसल है। 

  • लोबिया की फसल अधिक पौष्टिक व पाचकता से भरपूर होने के कारण इसे घास के साथ मिलाकर बोने से इसकी पोषकता और भी बढ़ जाती है।

  • लोबिया की खेती सब्ज़ी के रूप में भी की जाती है क्योंकि बरसात के दिनों में हरी सब्जियों की उपलब्धता कम हो जाती है। उस समय हरी सब्जी के लिए लोबिया का उत्पादन किसानों को अच्छा मुनाफा दिलाता है।

  • इसके अलावा लोबिया एक दलहनी फसल भी है जो मिट्टी में नाइट्रोज़न नामक पोषक तत्व की उपलब्धता को बढ़ाता है।

  • किसान गर्मी की फसल के लिए मार्च-अप्रैल माह में इसकी बुवाई कर सकते हैं।

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बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान पर ताज़ा अपडेट, कई क्षेत्रों में होगी बारिश

बंगाल की खाड़ी में जल्दी ही एक समुद्री तूफान बन सकता है। इसका असर सबसे अधिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर देखा जाएगा। 19, 20 और 21 मार्च को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। पहाड़ों पर एक बार फिर बारिश और हिमपात संभव है। मध्य तथा उत्तर भारत को लू से कुछ राहत मिल सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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होली पर इस राज्य के किसानों को मिला कर्जमाफी का उपहार

The farmers of this state got the gift of loan waiver on Holi

महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने किसानों के हित में कई योजनाओं की घोषणा की है। इनमें से एक योजना किसानों की कर्जमाफी को लेकर है। जो कि राज्य के सभी भूमि विकास बैंक से लोन प्राप्त करने वाले किसानों के लिए है। इसकी सहायता से अब कर्ज में डूबे किसानों को कर्जमाफी से राहत मिल जायेगी।

इस योजना के तहत किसानों का अपनी फसल पर लिए गए कर्ज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। इसकी मदद से प्रदेश के करीब 34,788 किसानों को कर्ज से मुक्ति मिलेगी। हालांकि इससे पहले सरकार ने साल 2020 के पहले बजट में किसानों का लोन चुकाने के लिए 50,000 रुपए का इंसेंटिव देने की घोषणा की थी, लेकिन उस दौरान आर्थिक तंगी के चलते इस योजना पर काम नहीं हो पाया था।

फिलहाल राज्य सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए इस योजना को पूरा करने का वादा किया है। इसी के साथ ही सरकार की ओर से 2022-23 में 43,112 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की घोषणा की है। इसकी मदद से राज्य के हर तबके के किसानों को खेती करने में काफी मदद मिलेगी।

स्रोत: कृषि जागरण

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