सावधान, मूंग में पर्ण कुंचन विषाणु जनित रोग होगा घातक

  • किसान भाइयों मूंग की फसल में पर्ण कुंचन विषाणु जनित रोग का प्रकोप फसल की किसी भी अवस्था में हो सकता है। 

  • इस रोग का मुख्य वाहक थ्रिप्स नामक कीट होते हैं। 

  • इस रोग के लक्षण में नई पत्तियों के किनारों, शिराओं और उसकी शाखाओं के चारों और हरिमहीनता प्रकट होना प्रारंभ हो जाती है। पत्तियां नीचे की ओर सिकुड़कर मुड़ने लगती हैं। ऐसी पत्तियां धीरे से हिलाने से ही डंठल सहित नीचे गिर जाती हैं। फली बनने की अवस्था में पौधा छोटी और विकृत फली पैदा करता है।

प्रबंधन के उपाय:

  • बुवाई के 30 दिनों के अंदर संक्रमण दिखाई देने पर संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें। 

  • विषाणु और थ्रिप्स को आश्रय देने वाले खरपतवारों को हटा दें।

  • प्रतिरोधी बीज किस्मों का उपयोग करें।  

  • थ्रिप्स प्रबंधन के लिए लैमनोवा (लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% ईसी) @ 250 मिली + प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस  40 % + सायपरमेथ्रिन 4% ईसी) @ 400 मिली + फिपनोवा (फिप्रोनिल 5% एससी) @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं। 

  • प्री वेंटल (पॉलीफॉर्मफॉस) @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव भी फायदेमंद रहता है। 

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