गोमूत्र से बनेगी जैविक कीटनाशक दवाएं, छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल

Bio-pesticides will be made from cow urine in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ सरकार गोबर से वर्मीकम्पोस्ट खाद, बिजली एवं हर्बल पेंट बनाने के बाद अब गोमूत्र से जैविक कीटनाशक बनाने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

बता दें कि राज्य में वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट खाद के खेती में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इसके परिणामस्वरूप सरकार अब गोमूत्र को रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के विकल्प के रूप लाने का प्रयास कर रही है। इस योजना के तहत किसानों की रासायनिक कीटनाशक पर निर्भरता खत्म होगी, साथ ही खेती में लागत कम होने से आय में वृद्धि होगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि छत्तीसगढ़ सरकार गोमूत्र से कीटनाशक बनाने में सफल रहती है, तो राज्य की इस अनूठी पहल से बड़े पैमाने पर जैविक कीटनाशक दवाओं का उत्पादन होगा। जो कि जैविक खेती में एक क्रांति की तरह काम करेगा।

स्रोत: किसान समाधान

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रूस यूक्रेन युद्ध से सोयाबीन किसानों को लाभ, देखें विशेषज्ञ रिपोर्ट

Soybean farmers benefit from Russia Ukraine war

रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध की वजह से सोयाबीन के भाव में तेजी आने की संभावना है और इसकी वजह से भारतीय किसानों को भी सोयाबीन के अच्छे दाम मिल सकते हैं। वीडियो के माध्यम से देखें पूरी खबर विस्तार से।

स्रोत: यूट्यूब

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भंडार गृह में संग्रहित गेहूँ की उपज को चूहों से कैसे रखें सुरक्षित?

How to keep the wheat crop stored in the warehouse safe from rats
  • किसान भाइयों अभी लगातार खेतों से गेहूँ की फसल की कटाई हो रही है और बहुत सारे किसान अपनी गेहूँ की फसल को बाजार में बेचने के बजाय भंडार ग्रह में संग्रहित करके रख रहे हैं। 

  • गेहूँ के भंडारण में सबसे बड़ी समस्या चूहों की होती है। 

  • इसके बचाव के लिए भंडारण के पहले निम्न बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है –

  • गेहूँ की फसल को भंडार गृह में रखने के पहले भंडार गृह को अच्छे से साफ करके रखें। 

  • यदि भंडार गृह में पहले से ही चूहों का प्रकोप हो तो पहले से ही उनके निवारण के उपाय करना जरूरी है।

  • गेहूँ भंडारण के बाद यदि चूहों का प्रकोप दिखाई दे तो आटे या बेसन में चूहा मार दवा मिलाकर रखने से चूहों का नियंत्रण किया जा सकता है।  

  • एक ग्राम जिंक फॉस्फाईड और उन्नीस ग्राम सत्तू या आटा में थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर एवं लगभग 10 ग्राम की गोली बनाकर चूहों के आने-जाने के रास्ते पर गिनती में रख देना चाहिए। 

  • चूहा शंकालु प्रवृत्ति का होता है। इसलिए बदल-बदल कर विषाक्त चारा चूहे-दानी एवं टिकिया को रखना चाहिए।

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बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान की संभावना, देखें कहाँ कहाँ होगा असर?

know the weather forecast

पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ विपरीत है चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब कमजोर पड़ने लगा है जिसके प्रभाव से हवाओं की दिशा बदलेगी। तथा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित तेलंगाना में तापमान गिरेंगे। बंगाल की खाड़ी में गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र जल्द ही डिप्रेशन बनेगा जो और अधिक सशक्त होकर समुद्री तूफान बन सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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रतलाम मंडी में 17 मार्च को क्या रहे सोयाबीन व मटर भाव?

soybean and peas rates

सोयाबीन व मटर भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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अमूल फ्रेंचाइजी से कमाएं लाखों रूपए, जानें इससे जुड़ने की पूरी प्रक्रिया

Earn lakhs of rupees from Amul Franchisee

अमूल डेयरी सेक्टर में देश का सबसे लोकप्रिय ब्रांड है। इसका बिजनेस मॉडल भी उतना ही शानदार है। ऐसे में अगर आप भी इस सेक्टर में अपना बिजनेस शुरु करना चाहते हैं तो अमूल इसके लिए अपनी फ्रेंचाइजी ऑफर करता है। इससे जुड़कर आप भी लोखों की कमाई कर सकते हैं।

अमूल अपनी फ्रेंचाइजी देने के लिए लोगों को दो तरह के आउटलेट ऑफर करता है:

अमूल प्रिफर्ड आउलेट: इस आउटलेट को शुरु करने के लिए 100 से 150 स्क्वायर फीट स्पेस के साथ करीब 2 लाख रूपए होना जरूरी है। जिसमें 25 हजार रूपए ब्रांड सिक्योरिटी देनी होती है। इसमें कमाई की बात करें तो पाउच मिल्क पर 2.5 प्रतिशत और मिल्क प्रोडक्ट पर 10 प्रतिशत का मार्जिन मिलता है।

अमूल आइस्क्रीम स्कूपिंग पार्लर: इस आउटलेट को शुरु करने के लिए 300 स्क्वायर फीट या इससे ज्यादा स्पेस होना जरूरी है। इसे शुरु करने के लिए कम से कम 6 लाख रूपए होने चाहिए, जिसमें 50 हजार रूपए ब्रांड सिक्योरिटी के रूप में देने होते हैं। इसमें अमूल प्रोडक्ट्स पर लगभग 50 प्रतिशत और अन्य प्रोडक्ट्स पर 10 प्रतिशत का मार्जिन मिलता है।

अमूल प्रिफर्ड आउटलेट या आइस्क्रीम स्कूपिंग पार्लर खोलने के लिए जरूरी प्रक्रिया निम्न प्रकार हैं:
इसके लिए सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच 022-68526666 नंबर पर कॉल की जा सकती है। या फिर retail@amul.coop पर भी मेल के जरिए फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वहीं सब कुछ फाइनल होने के बाद आपको ब्रांड सिक्योरिटी देनी होगी। जिसके बाद आप अपने बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं।

स्रोत: भास्कर

आपके लिए महत्वपूर्ण योजनाओं से जुड़ी जानकारियों एवं कृषि सम्बंधित ख़बरों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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बांस की खेती में एक बार निवेश कर 40 साल तक कमाएं बंपर मुनाफा

Earn bumper profits for 40 years by investing once in bamboo cultivation

भारत सरकार देश में प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए कई अभियान चला रही है। हालांकि इसके बावजूद भी प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। लोगों के बीच इसकी जरूरत को देखते हुए केंद्र ने बांस को प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर रखा है।

बांस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बांस मिशन योजना की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह खत्म करने के लिए बांस की खेती करने पर जोर दिया है, ताकि प्लास्टिक के बजाय लोग बांस से बने उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। इसके लिए सरकार बांस की खेती करने के इच्छुक लोगों को बंपर सब्सिडी दे रही है।

मिशन के तहत दी जा रहीं सुविधाएं

एक आंकड़े के अनुसार 3 साल में बांस के प्रति पौधे की औसत लागत ₹240 लगेगी, इसी के अनुसार सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी के रूप में ₹120 प्रति पौधा दिया जाएगा। वहीं इस मिशन के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, इसमें से 60 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार देगी। जबकि उत्तर पूर्व क्षेत्रों को सरकार द्वारा 60 प्रतिशत की राशि दी जाएगी। इसके साथ ही सभी राज्यों के हर जिले में एक नोडल अधिकारी चयनित किया जाएगा। जिसकी मदद से लोग इस योजना से जुड़ी सारी जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

इस पर आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट nbm.nic.in पर क्लिक करें। यहां पर किसान पंजीकरण लिंक पर जाकर अपना पंजीकरण करवाएं। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, इसे सावधानी के साथ भरकर सबमिट कर दें।

स्रोत: कृषि जागरण

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होली की छुट्टी से पहले क्या रहे गेहूँ भाव, देखें उज्जैन मंडी का हाल

Ratlam Mandi wheat Rate

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 17 मार्च के दिन उज्जैन के मंडी में क्या रहे गेहूँ के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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इंदौर मंडी में 17 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 17 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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प्याज की रोपाई के 65 दिनों बाद किये जाने वाले आवश्यक छिड़काव

Important tips to be done after 65 days of onion transplanting

  • प्याज की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए उर्वरक एवं पोषण प्रबंधन की जानकारी होना बेहद जरूरी है। संतुलित मात्रा में खाद, उर्वरकों एवं कृषि रसायनों के प्रयोग से उच्च गुणवत्ता के साथ रोग एवं कीट रहित फसल प्राप्त की जा सकती है। 

  • यदि आपकी प्याज की फसल रोपाई के बाद लगभग 65 दिनों की हो गई है तो निम्न सिफारिशें उपयोग में लायी जा सकती हैं। 

  • जल घुलनशील उर्वरक 00:52:34 @ 1 किलो + एबामेक्टिन 1.9% ईसी [अबासीन] 150 मिली + किटाज़िन 48% ईसी 400 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • इस छिड़काव के मदद से फसल को मकड़ी एवं बैंगनी धब्बा रोग जैसी समस्याओं से सुरक्षित रखा जा सकता है l 00:52:34 जल घुलनशील उर्वरक का प्रयोग करने से कंद निर्माण में मदद मिलती है।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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