फूलगोभी में डाउनी मिल्ड्यू का बढ़ रहा प्रकोप, जानें नियंत्रण के उपाय

Increasing outbreak of downy mildew in cauliflower
  • इस रोग के लक्षण तने पर भूरे दबे हुए धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं जिन पर फफूंद की सफेद मृदुरोमिल बढ़ती चली जाती है।

  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं और इनमें भी मृदुरोमिल फफूंद की वृद्वि होती है।

  • इस रोग के प्रभाव से फूलगोभी का शीर्ष संक्रमित होकर सड़ जाता है।

  • फूलगोभी में डाउनी मिल्ड्यू के नियंत्रण हेतु उचित जल प्रबंधन करें ताकि मिट्टी की सतह पर अतिरिक्त नमी न रहे। फसल में प्रकोप हो जाने पर करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% WP) @ 300-400 ग्राम/एकड़ या नोवैक्सिल (मेटलैक्सिल-एम 8% + मैनकोजेब 64% WP) @ 1 किलोग्राम/एकड़ का उपयोग करें। इसके साथ हीं फसल चक्र अपना कर और खेत में साफ़ सफाई रख कर भी इसका नियत्रण कर सकते हैं।

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मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित उत्तर और पूर्व भारत में भारी बारिश

know the weather forecast,

मानसून अब गंगा के मैदानी भागों में सक्रिय हो गया है। हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राजस्थान, उत्तरी और पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में मूसलाधार बारिश की संभावना है। मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम जिले अभी फिलहाल बारिश बहुत काम देख पाएंगे पश्चिमी राजस्थान गुजरात और महाराष्ट्र के साथ-साथ तटीय आंध्र प्रदेश तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में मानसून कमजोर बना रह सकता है। उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वोत्तर राज्यों में मध्यम बारिश की संभावना है। तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, केरल और लक्षद्वीप में तेज बारिश होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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किसान भाइयों के लिए खुशखबरी, 10 लाख तक दे रही है सरकार

Warehouse Subsidy Scheme

उचित भंडारण न होने की वजह से बहुत सारे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कई किसान इस नुकसान से बचने के लिए मजबूरन अपनी उपज कम दामों पर बेच देते हैं। वहींं गोदामों की मदद से किसान ज्यादा समय तक अपनी उपज को सुरक्षित रख पाते हैं। अगर बात बिहार की करें तो यहाँ के कई जिले ऐसे हैं जहां आज भी गोदाम की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। इसकी वजह से प्रदेश के किसान बहुत परेशान होते हैं। गोदाम खोलने के लिए हर किसान आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं होता है। इसीलिए सरकार किसानों को गोदाम खोलने पर सब्सिडी दे रही है।

बिहार सरकार ने प्रदेश के किसानों की फसल भंडारण सम्बंधित समस्या का समाधान करते हुए “गोदाम सब्सिडी योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को अपनी फसल लंबे समय तक सुरक्षित रखने और बेहतर दाम प्राप्त करने में मदद पहुंचाना है। इस योजना का लाभ उठा कर किसान अपनी फसल लम्बे वक़्त तक सुरक्षित रख सकेंगे और सही समय पर बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा भी प्राप्त कर सकेंगे। बता दें की इस योजना के माध्यम से 100 और 200 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम बनवाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसान DBT पोर्टल (dbtagriculture.bihar.gov.in) पर विजिट कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: न्यूज़ 18

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 4680 5000
रीवा बैकुंठपुर सरसों(काला) 4800 4900
शिवपुरी बराड़ सरसों 5376 5586
गुना बीनागंज सरसों 5020 5030
राजगढ़ जीरापुर सरसों 5345 5400
राजगढ़ जीरापुर सरसों(काला) 5385 5385
मुरैना कैलारस सरसों 5634 5634
शिवपुरी खन्याधाना सरसों 5120 5200
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5000 5220
राजगढ़ खिलचीपुर सरसों 5290 5290
राजगढ़ कुरावर सरसों 4500 5025
ग्वालियर लश्कर सरसों 5500 5500
मुरैना मुरैना सरसों 5395 5540
सतना नागोद सरसों 5010 5010
मुरैना पोरसा सरसों(काला) 5290 5390
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5655 5685
सागर सागर सरसों-जैविक 4800 5160
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सरसों 4600 5250

स्रोत: एगमार्कनेट

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ज्यादातर राज्यों में भारी बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

मानसून अब गंगा के मैदानी भागों में सक्रिय बना रहेगा। अगले चार या पांच दिनों तक यहां अच्छी बारिश जारी रहेगी। हरियाणा, पूर्वी पंजाब, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तरी मध्य प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश जारी रहेगी। सिक्किम सहित पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी तेज बारिश होगी। महाराष्ट्र के तटीय जिलों सहित तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गुजरात सहित पश्चिमी राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के उत्तरी जिलों में मानसून कमजोर बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बागवानी फसलों में दीमक के प्रकोप का ऐसे करें नियंत्रण

How to control the outbreak of termites in horticulture crops
  • दीमक की समस्या बागवानी वाले फसल जैसे अनार, आम, अमरुद, जामुन, निम्बू, संतरा, पपीता, आंवला आदि में काफी देखने को मिलता है।

  • यह जमीन में सुरंग बनाकर पौधों की जड़ों को खाते हैं। अधिक प्रकोप होने पर ये तने को भी खाते हैं और मिट्टी युक्त संरचना बनाते हैं।

  • गर्मियों के मौसम में मिट्टी में दीमक को नष्ट करने के लिए गहरी जुताई करें और हमेशा अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद का हीं उपयोग करें।

  • 1 किग्रा ब्यूवेरिया बेसियाना को 25 किग्रा गोबर की सड़ी खाद में मिलाकर पौधरोपण से पहले डालना चाहिए।

  • दीमक के टीले को केरोसिन से भर दें ताकि दीमक की रानी के साथ-साथ अन्य सभी कीट मर जाएँ।

  • दीमक द्वारा तनों पर बनाए गए छेद में क्लोरोपायरिफोस 50 EC @ 250 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें और पेड़ की जड़ों के पास यही दवा 50 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर डालें।

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कपास की फसल में फूल व पूड़ी झड़ने की समस्या का ऐसे करें निदान

This is how to control the problem of flowers and Square dropping in cotton crop
  • कपास की फसल में फूल व पूड़ी के झड़ने की बहुत सारी वजहें हो सकती हैं।

  • कई बार प्रकाश संश्लेषक की क्रिया में बाधा उत्पन्न होने की वजह से पूड़ी तथा फूलों के झड़ने की समस्या आती है।

  • फूल वाली अवस्था में खेत में पानी भरा रहने पर भी फूलो के झड़ने की दर को बढ़ावा मिलता है।

  • मिट्टी में पानी की अधिकता हवा के आवागमन को प्रभावित करती है जिससे फूल तथा फल दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

  • पौधे में जिंक और बोरान की कमी की वजह से भी फूल और फल झड़ जाते है।

  • फूल और फल की अवस्था में आसमान में अधिक समय तक बादलों का होना या बहुत दिनों तक धुप का न निकलना फूलों को प्रभावित करता है।

  • प्रति इकाई पौधों की अधिक संख्या भी फूल तथा फल झड़ने का एक कारण हो सकती है।

  • नाइट्रोजन के अत्यधिक उपयोग से वानस्पति विकास को बढ़ावा मिलता है जिसके परिणामस्वरूप फूल व पूड़ी झड़ते हैं, कीट या रोगों के लगने से भी फूल एवं फल समय से पहले झड़ जाते हैं। कभी-कभी पौधे में हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी यह समस्या देखने को मिलती है।

  • फूलों को झड़ने से बचाने तथा अच्छे बॉल्स के विकास के लिए होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% W/W 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें। समुद्री शैवाल विगरमैक्स जेल गोल्ड का 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें और सूक्ष्म पोषक तत्त्व न्यूट्रीफुल मैक्स 250 मिली/एकड़ का स्प्रे करें।

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कपास में फ्यूजेरियम विल्ट के लक्षणों को पहचाने और अपनाएं नियंत्रण के उपाय

Identify the symptoms of fusarium wilt in cotton and adopt control measures
  • फ्यूजेरियम विल्ट रोग का रोग कारक फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम एफ.एस.पी. है।

  • यह कपास के सबसे प्रमुख रोगों में से एक मुख्य रोग के रूप में जाना जाता है।

  • इस रोग में पत्तियां किनारों से मुरझाना शुरू कर देती हैं तथा मुख्य शिरे की ओर मुरझाती चली जाती हैं।

  • पत्तियों की शिराये गहरी, संकरी और धब्बे वाली हो जाती हैं तथा अंत में पौधा सूख कर मर जाता है।

  • इस रोग का मुख्य लक्षण जड़ों के पास वाले तने का अंदर से क्षतिग्रस्त हो जाना है।

  • कपास में इस रोग के नियंत्रण हेतु छह वर्षीय फसल चक्र अपनाएँ। गर्मी के दिनों में गहरी जुताई (6-7 इंच) करके खेत को समतल करें, रोग मुक्त बीज का उपयोग करें।

  • इसके अलावा बीजों को 2.5 ग्राम/किग्रा करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोजेब 63% WP) से उपचारित करें।

  • फूल आने से पहले नोवाफ़नेट (थायोफिनेट मिथाईल 75% wp) @ 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें और बॉल बनते समय ज़ेरोक्स (प्रोपिकोनाज़ोल 25%) @ 200 मिली/एकड़ का स्प्रे करें।

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लहसुन के भाव में तेजी का दौर, 31000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 8050 14800
धार बदनावर लहसुन 2600 21500
धार बदनावर लहसुन-जैविक 12000 12000
भोपाल भोपाल लहसुन 8000 22000
मन्दसौर दलौदा औसत 8000 8000
मन्दसौर दलौदा लहसुन 3501 26400
सागर देवरी औसत 6505 7010
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 5600 23400
इंदौर इंदौर लहसुन 700 23500
रतलाम जावरा औसत 14001 14001
रतलाम जावरा देसी 11000 13831
रतलाम जावरा लहसुन 2750 30011
शाजापुर कालापीपल लहसुन 500 17400
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 4400 30500
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 5700 23000
नीमच नीमच औसत 1300 16300
नीमच नीमच लहसुन 2900 31300
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 981 24001
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 16900 16900
धार राजगढ़ लहसुन 3000 17500
रतलाम रतलाम देसी 9150 19000
रतलाम रतलाम लहसुन 4401 21300
रतलाम सैलाना औसत 13650 19500
रतलाम सैलाना देसी 12006 21501
रतलाम सैलाना लहसुन 2000 24000
रतलाम सैलाना लहसुन-जैविक 10061 18351
सीहोर सीहोर लहसुन 4000 19901
शाजापुर शाजापुर लहसुन 1500 20500
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 9625 21250
शाजापुर शुजालपुर देसी 2950 22001
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 5610 17000
उज्जैन उज्जैन लहसुन 2000 20820

स्रोत: एगमार्कनेट

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पौध गलन रोग से प्याज की फसल को होगा नुकसान, ऐसे करें रोकथाम

Onion crop will be damaged due to Damping off disease
  • खरीफ के मौसम में मिट्टी मे अत्यधिक नमी होती है साथ हीं इस दौरान तापमान मध्यम होता है जो प्याज की फसल में इस रोग के विकास का मुख्य कारक बनता है।

  • इस रोग की वजह से बीज अंकुरित होने से पहले ही सड़ जाते हैं बाद की अवस्था में रोगजनक पौधे के कालर भाग पर आक्रमण करता है। इसके कारण अतंतः कालर भाग विगलित हो जाता है और पौध गल कर मर जाते हैं।

  • इस रोग से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए किसानों को बुवाई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करना चाहिए।

  • रोगग्रस्त फसल में नियंत्रण प्राप्त करने के लिए करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोजेब 63% WP) 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करें।

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