सब्जियों की खेती पर मिलेगी 75% तक की सब्सिडी, जल्द करें आवेदन

Sabji Vikas Yojana

किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार के उघान निदेशालय – कृषि विभाग की तरफ से “सब्जी विकास योजना” शुरू की गई है। जैसा की इस योजना के नाम से ही पता चल रहा हैं इसके तहत सब्जियों की खेती करने हेतु सब्सिडी उपलब्ध करवाई जायेगी। इस योजना की मदद से सरकार उन्नत तकनीकों एवं संसाधनों का उपयोग कर सब्जी उत्पादन में वृद्धि करना चाहती है। साथ ही साह किसानों को भी आत्मनिर्भर बनाकर उनकी आमदनी में दोगुने तक का इजाफा करना चाहती है।

इस योजना के माध्यम से बैगन, तरबूज, खरबूज के हाइब्रिड बिचड़े अधिकतम 75% की सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं कद्दू, गिलकी, करेला, भिंडी, मिर्च पर प्रति हेक्टेयर के दर से 75% तक की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी।

इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार की आधिकारिक वेबसाइट जरूर विजिट करें और योजना की अन्य जानकारियों की प्राप्ति के साथ साथ ऑनलाइन आवेदन भी करें।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 3400 5452
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 3600 5530
सीहोर आष्टा सरसों(काला) 3567 5900
शिवपुरी बदरवास सरसों 5400 5400
मुरैना बनमोरकलां सरसों 4650 5000
भोपाल बैरसिया सरसों(काला) 4500 4500
छतरपुर बिजावर सरसों 5050 5175
सागर बीना सरसों 5000 6700
सागर बीना सरसों(काला) 6460 6821
मन्दसौर दलौदा सरसों 5001 5281
दमोह दमोह सरसों 4895 5225
डिंडोरी डिंडोरी सरसों 5100 5100
विदिशा गंज बासौदा सरसों 2980 5492
गुना गुना सरसों 5305 5305
हरदा हरदा सरसों 5255 5320
जबलपुर जबलपुर सरसों 5000 6605
रतलाम जावरा सरसों 4275 5610
सीहोर जावर पीला (काला) 4444 4444
कटनी कटनी सरसों 5111 5540
शिवपुरी कोलारस सरसों 4100 5555
राजगढ़ कुरावर सरसों-जैविक 4450 5105
ग्वालियर लश्कर सरसों 5240 5690
नीमच मनसा सरसों 4400 5451
मंडला मंडला सरसों 5401 5403
मंडला मंडला सरसों(काला) 5375 5380
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 4853 5354
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 4500 5480
सतना नागोद सरसों-जैविक 5300 5475
नीमच नीमच सरसों 3300 5600
शिवपुरी पोहरी सरसों 4870 5190
मुरैना सबलगढ़ सरसों 4400 4400
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5575 5800
सागर सागर सरसों-जैविक 4800 6670
सतना सतना सरसों 4800 5620
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 4450 4450
शाजापुर शाजापुर सरसों 3990 5065
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5580 5640
विदिशा सिरोंज सरसों 5225 5225
उज्जैन तराना सरसों 3571 4925
विदिशा विदिशा सरसों 5050 5506

स्रोत: एगमार्कनेट

खेती से सम्बंधित जानकारियों और ताजा मंडी भाव जानने के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

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तरबूज में फल मक्खी से होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के उपाय

Damage and control measure of fruit fly in watermelon

तरबूज की फसल में फल मक्खी का हमला बेहद गंभीर होता है। वयस्क मक्खी फूलों में या सीधे फलों में अंडे देती है और जब ये अंडे फूटते हैं तब इससे निकली इल्ली फल में छेद कर देती है और फलों को अंदर से खाती है। इससे फल के गूदे के भीतर भारी सड़न हो सकती है, साथ ही फल की त्वचा पर, जहां अंडे दिए जाते हैं, वहा छोटे-छोटे धब्बे पड़ते हैं। इससे हुए घाव से फल फफूंद एवं जीवाणु के संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। इसके कारण उपज में कमी आती है और फल की गुणवत्ता में भी प्रभाव पड़ता है। 

नियंत्रण: फल मक्खी के नियंत्रण एवं निगरानी के लिए, आईपीएम के अंतर्गत मेलन फ्लाय लूर @ 10 ट्रैप प्रति एकड़ के दर से खेत में लगाएं एवं नीमगोल्ड (अझाडिरॅक्टिन 0.3% EC) @ 1600 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें।

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एक बार फिर बदलेगा मौसम, बारिश और बर्फबारी की संभावना

know the weather forecast,

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान पाला पड़ने की संभावना है। इसके बाद उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान बढ़ने लगेंगे। 29 जनवरी से सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों में बारिश की शुरुआत हो सकती है। 30 जनवरी को एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पहाड़ों पर पहुंचेगा, जिससे बर्फबारी शुरू होगी, जो 2 फरवरी तक जारी रहेगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी से 2 फरवरी के बीच हल्की बारिश होने की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकार देगी 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी, किसान बनवा सकते हैं अपने तालाब

Farm Pond Scheme

देश के कई राज्यों में सिंचाई के लिए पानी की अनुपलब्धता देखने को मिलती है। मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए ही प्रदेश सरकार बलराम तालाब योजना चला रही है जिसकी मदद से किसान सरकारी सब्सिडी पर स्वयं का तालाब बना सकते हैं और अपने खेतों को सिंचित रख सकते हैं।

इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं के खर्च पर तालाब बनवा सकते हैं और सरकार से 80 हजार से 1 लाख रुपये त‍क की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। बता दें की इस योजना वर्ष 2007 में शुरू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 6144 तालाब बनाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। इन तालाबों के निर्माण कार्य पर 5308.34 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार देने वाली है।

अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को आवेदन कर सकते हैं, इसी के आधार पर किसान का पंजीयन होगा। पंजीयन के बाद जिला कृषि उप संचालक से तालाब की तकनीकी मंजूरी मिलने और जिला पंचायत से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही तालाब निर्माण कार्य शुरू होता है। यह ध्यान रखें की इस योजना में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है।

स्रोत: किसान तक

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 3500 3500
बड़वानी अंजड़ पीला 4000 4000
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3900 4700
धार बदनावर पीला 4200 4200
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 3780 3971
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3800 3800
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 4000 4000
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2801 4591
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 2745 4490
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3900 4165
राजगढ़ ब्यावरा पीला 4065 4065
छतरपुर बिजावर सोयाबीन 4000 4400
छतरपुर बिजावर पीला 4350 4350
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 3850 3850
राजगढ़ छापीहेड़ा सोयाबीन 3960 3960
छतरपुर छतरपुर सोयाबीन 3825 3825
देवास देवास सोयाबीन 4000 4000
धार धार सोयाबीन 3802 4000
धार गंधवानी सोयाबीन 3820 4000
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4000 4300
हरदा हरदा पीला 3600 4200
इंदौर इंदौर सोयाबीन 1780 4400
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 2985 4250
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 3650 4415
राजगढ़ जीरापुर पीला 3735 4285
राजगढ़ जीरापुर पीला 3400 4275
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 3800 3800
मुरैना कैलारस सोयाबीन 3940 4037
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3800 3950
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3255 3255
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3810 3851
राजगढ़ खिलचीपुर सोयाबीन 3800 4150
राजगढ़ खिलचीपुर पीला 3845 4100
धार कुक्षी सोयाबीन 4000 4000
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन 4050 4200
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन-जैविक 755 4750
विदिशा लटेरी पीला 4000 4000
राजगढ़ माचलपुर सोयाबीन 4095 4185
राजगढ़ माचलपुर सोयाबीन 3805 3805
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 3905 4100
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 3955 4010
नीमच नीमच सोयाबीन 4580 4580
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 3870 4180
खंडवा पंधाना पीला 3961 4091
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4000 4000
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 4007 4055
सागर राहतगढ़ पीला 3151 4390
सागर सागर सोयाबीन-जैविक 2000 4195
सागर सागर पीला 3900 3900
इंदौर सांवेर सोयाबीन 4051 4111
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4005 4035
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 4055 4170
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 3950 4000
सीहोर श्यामपुर सोयाबीन 4000 4000
सीहोर श्यामपुर पीला 3378 3701
उज्जैन तराना सोयाबीन 4280 4320
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3575 4070
टीकमगढ़ टीकमगढ़ (F&V) काला 3575 4070
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 4000 4000
उमरिया उमरिया सोयाबीन 3850 3850

स्रोत: एगमार्कनेट

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किस माह में कौन सी सब्जी की खेती देगी अच्छा मुनाफा?

Which vegetable cultivation will give good profit in which month
  • किसान भाइयों को हर फसल का बेहतर उत्पादन मिले इसके लिए समय से बुवाई करना जरूरी है इसके विपरीत असमय बुवाई से उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है। परिणामस्वरूप किसानों की आय में कमी हो जाती है।

  • अच्छी जानकारी के अनुसार खेती करना किसानों के लिए हमेशा फायदे का सौदा रही है। किसान भाई सब्जियों की खेती से अच्छा लाभ उठाने के लिए इस प्रकार खेती कर सकते हैं। 

  • जनवरी: गाजर, मूली, पालक, बैंगन, तरबूज आदि। 

  • फरवरी: कद्दू वर्गीय फसलें, खरबूज, तरबूज, पालक, फूलगोभी आदि। 

  • मार्च: ग्वार, करेला, तुरई, पेठा, तरबूज, भिंडी आदि। 

  • अप्रैल: मूली, पालक, धनिया आदि।

  • मई: बैंगन, मूली, मिर्च, धनिया आदि।

  • जून: खीरा, फलियाँ, भिंडी, टमाटर, प्याज आदि।

  • जुलाई: चौलाई, लोबिया, भिंडी, कद्दू वर्गीय फसलें आदि।

  • अगस्त: टमाटर, फूलगोभी, पत्ता गोभी आदि। 

  • सितंबर: शलजम, आलू, टमाटर, धनिया, सौंफ आदि।

  • अक्टूबर: राजमा, मटर, हरी प्याज, लहसुन आलू आदि। 

  • नवम्बर: चुकंदर, शिमला मिर्च, लहसुन, मटर, भिंडी आदि। 

  • दिसंबर: मूली, पालक, पत्ता गोभी, बैंगन, प्याज आदि।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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जनवरी के आखिर और फरवरी में फिर बारिश और बर्फबारी के आसार

know the weather forecast,

29 जनवरी से वेस्टर्न डिस्टरबेंस फिर आना शुरू करेंगे जो फरवरी के पहले सप्ताह तक आते रहेंगे। पहले पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू होगी। पूर्वोत्तर राज्यों सहित पूर्वी भारत और दक्षिण भारत में अच्छी बारिश की संभावना बन रही है। असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गंगिय पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित छत्तीसगढ़ और दक्षिण भारत के कई राज्य बारिश देखेंगे। पंजाब के भी कुछ जिलों में बारिश की संभावना नजर आ रही है। देश के बाकी राज्य शुष्क बने रहेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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आलू भंडारित करते समय रखी जाने वाली सावधानियां

Keep these precautions at the time of storage in potato crop
  • किसान भाइयों आलू की खुदाई के बाद सबसे महत्वपूर्ण काम होता है इसका भंडारण करना। यदि सही तरीके से आलू को भंडारित किया जाए तो इसे कई महीनों तक खराब होने से बचाया जा सकता है। आलू के भंडारण के समय निम्न बातों का रखें ध्यान-

  • आलू को लम्बे समय तक भंडारित करने के लिए 2 से 4 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त रहता है। 

  • आलू को रेफ्रिजरेटर में नहीं रखना चाहिए। इससे आलू के स्वाद पर प्रतिकूल असर होता है।

  • आलू का भंडारण हमेशा किसी हवादार जगह में करें।

  • भंडार गृह पूरी तरह सूखा होना चाहिए। उसमें नमी होने पर आलू भंडारण और उसकी सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

  • यदि किसी बक्से में आलू को भंडारित कर रहे हैं तो आलू के प्रत्येक परत के बीच अखबार जरूर रखें।

  • समय-समय पर भंडार गृह का निरीक्षण करते रहें।

  • भंडारण से पहले आलू को पानी से साफ न करें। इससे आलू में नमी बढ़ती है और भंडारण कम होता है।

  • यदि आलू हरे. भूरे, सिकुड़े हुए नजर आने लगे और उनमे गंध हो तो ऐसे आलू को बाहर निकाल कर अलग कर दें। साथ ही अंकुरित आलू को भी अलग करें।

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आइये जानते हैं साइलेज बनाने की आसान विधि

Know the method of making Silage
  • किसान भाइयों साल भर पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए साइलेज एक बहुत अच्छा स्रोत है। इसके लिए दाने वाली फसलें जैसे मक्का, ज्वार, बाजरा, जई आदि को साइलेज बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। 

  • इन फसलों में जब दाने दूधिया अवस्था में हो तब 2-5 सेंटीमीटर के छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। 

  • काटे गए हरे चारे के टुकड़ों को जमीन पर कुछ घंटे के लिए फैला दे ताकि पानी की कुछ मात्रा वाष्पीकृत हो जाए।

  • अब कटे हुए चारे को पहले से तैयार साइलो पिट या साइलेज गड्ढों में डाल दें। 

  • गड्ढे में चारे को पैरों या ट्रैक्टर से अच्छे से दबाकर भरे जिससे चारे के बीच की हवा निकल जाए।

  • गड्ढे को पूरी तरह भरने के बाद उसके ऊपर मोटी पॉलिथीन डालकर अच्छी तरह से सील कर दें। 

  • इसके बाद पॉलीथिन कवर के ऊपर से मिट्टी की लगभग एक फीट मोटी परत चढ़ा दें जिससे हवा अंदर ना जा सके।

  • साइलेज के गड्ढों में भंडारित किए गए हरे चारे के टुकड़ों से साइलेज बनने लगता है, क्योंकि हवा और पानी के न होने से दबाए गए चारे में लैक्टिक अम्ल बनता है, जिस से चारा लंबे समय तक खराब नहीं होता है।

  • चारे की आवश्यकतानुसार गड्ढों को कम से कम 45 दिनों के बाद पशुओं को खिलाने के लिए खोलें।

स्मार्ट कृषि व पशुपालन आदि क्षेत्रों से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख रोजाना पढ़ें। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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