Gram pod borer in Soybean

नुकसान के लक्षण: –

  • लार्वा पौधे के सभी हिस्सों पर आक्रमण करते हैं, लेकिन ये फूल और फली को खाना अधिक पसंद करते हैं। 
  • प्रभावित फली पर ब्लैक होल दिखाई देता हैं तथा लार्वा भोजन करते समय फली से बाहर लटका हुआ दिखाई देता है।
  • व्यस्क लार्वा पत्तियों के क्लोरोफिल को खुरच -खुरच कर खाता है, जिससे पत्तियाँ कंकाल में परिवर्तित हो जाती है।
  • गंभीर संक्रमण की अवस्था में पत्तिया टूट कर गिरने लगती है तथा पौधा मर जाता है | 

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Flowering stage in Chilli

  • मिर्च में फूल वाली अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण होती है |
  • मिर्च में फूलो का गिरना एक आम समस्या है।
  • मिर्च के उत्पादन में फूलों की संख्या बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है |
  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा मिर्च की फसल में फूलों को झड़ने से बचा कर उनकी संख्या को बढ़ाया जा सकता है परिणाम स्वरूप उपज बढ़ जाती हैं |
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें |
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली/एकड़ का उपयोग करें|
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • होशी नामक उत्पाद का 250 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें

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How to Control Fall army worm

  • प्रकाश प्रपंज लगाए।
  • 5/एकड़ की दर से खेत में फेरोमोन ट्रेप लगाइये।
  • बिवेरिया बेसियाना @ 1 किलो/एकड़ स्प्रै करवाइये |
  • फ्लूबेंडामीड 480 एससी @ 60 मिली/एकड़।
  • स्पिनोसेड 45% एससी @ 80 मिली/एकड़ |
  • क्लोरैट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी @ 60 मिली/एकड़ |
  • थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम/एकड़ |

इनमे से किसी एक कीट नाशक का प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ घोल बना कर छिड़काव करे।

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Fall army worm :- Nature of Damage

पहली बार भारत में इस कीट का प्रकोप जुलाई 2018 में कर्णाटक राज्य में देखा गया इसके बाद यह अन्य राज्यों में भी आ गया | मक्के की फसल को नुकसान पहुंचने वाला यह कीट अन्य कीटो की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहता हैं | इस कीट के पतंगे हवा के बहाव के साथ एक ही रात में लगभग 100 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं इसकी एक मादा अपने जीवन काल में 1 से 2 हजार तक अण्डे देती हैं | नुकसान करने की वजह सिर्फ इनकी आबादी ही नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाने या फसलों को खाने का तरीका भी हैं, ये कीट फसलों पर झुण्ड में आक्रमण करते हैं| जिसकी वजह से ये कुछ ही समय में पूरी फसल को नष्ट कर देते हैं यह बहु भक्षी कीट लगभग 80 प्रकार की फसलों को खाता हैं परन्तु इसका प्रिय भोजन मक्का हैं 

  • ये कीट सामान्यतया पत्तिया खाते है पर अधिक प्रकोप होने पर ये मक्के के फल को भी खाते है |
  • क्षतिग्रस्त पौधे की उपरी पत्तिया कटी फटी होती है, तथा डंठल आदि के पास नमी युक्त बुरादा पाया जाता है |
  • यह भुट्टे के ऊपरी भाग से खाना शुरू करते हैं

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How to Control Weeds in Maize:-

इस साल मक्का की बुवाई का क्षेत्रफल बढा हैं जैसे खंडवा, खरगोन, बैतूल छिंदवाड़ा सिवनी | अच्छी उपज पाने के लिए खरपतवार नियंत्रण करना अति आवश्यक हैं साधारणतः हाथ से निंदाई की जाती हैं कही-कही ‘’हो’’ का भी उपयोग होता हैं परन्तु रासायनिक नियंत्रण किसानो को ज्यादा सुलभ और आसान लगता हैं |

  • बुवाई के 3-5 दिन में एट्राजिन 50% डब्ल्यूपी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • बुवाई के 15-20 दिन बाद टेम्ब्रोट्ररिओन 42% एससी @ 400 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
  • बुवाई के 20-25 दिन बाद 2,4-D 58% @ 400 मिली/एकड़ पानी में घोल बनाकर फ्लेट फेन नोज़ल से स्प्रे करें |
  • जब खरपतवारनाशी का उपयोग किया जाए उस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए |
  • खरपतवारनाशी के प्रयोग के बाद मिट्टी से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए |
  • यदि दलहन फसल साथ में लगी हैं तो एट्राजीन का उपयोग नहीं करना चाहिए इसके जगह पेंडीमेथलीन 30% ईसी @ 800 -1000 मिली/एकड़ का प्रयोग अंकुरण पूर्व या बुवाई के 3 दिन के अंदर करना चाहिए |

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Why, when and how to add mycorrhiza in the field

  • पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक हैं | 
  • यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचने में मदद करता हैं | 
  • नाइट्रोजन, पोटेशियम,लोहा,मैंगनीज,मैग्नीशियम,तांबा,जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ो तक पहुंचाने का कार्य करता हैं जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते  हैं | 
  • यह पौधों को मज़बूती प्रदान करता हैं जिससे वह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं |
  • फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं | 
  • क्योकी माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ले पाते हैं | 
  • मृदा उपचार –  50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 4 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।
  • बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का बुरकाव करें।

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How to Control Cauliflower Diamondback moth:-

पहचान

  • अंडे सफ़ेद-पीले व हल्के हरे रंग लिये होते है|
  • इल्लियाँ 7-12 मिमी. लम्बी, हल्के पीले- हरे रंग की व पुरे शरीर पर बारीक रोयें होते है|
  • वयस्क 8-10 मिमी. लम्बे मटमैले भूरे रंग के व हल्के गेहुएं रंग के पतले पंख जिनका भीतरी किनारा पीले रंग का होता है|
  • वयस्क मादा पत्तियों पर एक एक कर या समूह में अंडे देती है|
  • इनके पखों के ऊपर सफेद धारी होती है जिन्हें मोड़ने पर हीरे जैसी आकृति दिखती है|

नुकसान

  • छोटी पतली हरी इल्लियाँ अण्डों से निकलने के बाद पत्तियों की बाहरी परत को खाकर छेद कर देती है |
  • अधिक आक्रमण होने पर पत्तियां पूरी तरह से ढांचानुमा रहा जाती है | 

नियंत्रण:- 

  • डायमण्ड बैक मोथ की रोकथाम के लिये बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना चाहिये।
  • प्रोफेनोफ़ोस (50 ई.सी.) का 500 मिली/एकड़ या सायपरमेथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी @ 400 मिली/एकड़ की दर से घोल बना कर छिडकाव करें।
  • स्पाइनोसेड (25 एस.सी.) 100 मिली/एकड़ या ईंडोक्साकार्ब 300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट @ 100 ग्राम/एकड़ पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। छिडकाव रोपण के 25 दिन व दूसरा इसके 15 दिन बाद करे।
  • जैविक नियंत्रण के लिए बेवेरिया बैसियाना @ 1  किलो/एकड़ | 
  • नोट :- हर स्प्रे के साथ स्टीकर अवश्य मिलाये | 

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How to avoid adverse weather conditions in Soybean

  • वर्तमान परिस्थिति में वर्षा का न होना या अल्प वर्षा का होना नव अंकुरित फसले जैसे सोयबीन मक्का आदि के लिए एक समस्या पैदा कर रहा हैं जिसकी वजह से फसल की बढ़वार रुक रही हैं जो की आगे चल कर फसल उपज को  प्रभावित करेगा या कम करेगा | 

लक्षण

  • दोपहर के समय फसल का लटक जाना पत्तियों का मुड़ जाना ये पानी की कमी को दर्शाता हैं सुबह और शाम पौधा स्वस्थ दिखाई देता हैं |  

बचाव:- 

  • अगर संभव हो एक हल्की सिंचाई कर दे |
  • होशी नामक उत्पाद का 250 मिली/एकड़ का छिड़काव करे या रूटस 98 @ 100 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करे |
  • आवश्यकता पड़ने पर आप इसके साथ कीटनाशक के तौर पर प्रोफेनोफॉस तथा लैम्डा उपयोग कर सकते हैं 

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Weed management in cucumber

  • फसल की प्रारंभिक अवस्था में खेत को खरपतवार रहित रखना आवश्यक हैं। 
  • जब लताऐ अच्छी तरह से खेत को ढक लेती है, इस दशा में निदाई की आवश्यकता नही होती है।  
  • प्रायः फसल की पहली एवं दूसरी निदाई बुवाई के 20-25 दिन एवं 45-50 दिनों के अंतराल से की जाती है। 
  • मण्डप या सहारे से लगी हुई  ककड़ी में सभी तरह की पत्ती वाले खरपतवार के लिए पैराक्वाट डाईक्लोराइड 24% एस.एल.( ग्रामोक्सोन ) या ग्लाइफोसेट 41% एसएल @ 1 लीटर/एकड़ कतारों के बीच में हुड लगा कर स्प्रे करे क्योकी यह एक नॉन सिलेक्टिव खरपतवारनाशक हैं | अतः हुड लगाना आवश्यक हैं | 

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Fall army worm :- Nature of Damage and Control measures

पहली बार भारत में इस कीट का प्रकोप जुलाई 2018 में कर्णाटक राज्य में देखा गया इसके बाद यह अन्य राज्यों में भी आ गया | मक्के की फसल को नुकसान पहुंचने वाला यह कीट अन्य कीटो की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहता हैं | इस कीट के पतंगे हवा के बहाव के साथ एक ही रात में लगभग 100 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं इसकी एक मादा अपने जीवन काल में 1 से 2 हजार तक अण्डे देती हैं | नुकसान करने की वजह सिर्फ इनकी आबादी ही नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाने या फसलों को खाने का तरीका भी हैं, ये कीट फसलों पर झुण्ड में आक्रमण करते हैं| जिसकी वजह से ये कुछ ही समय में पूरी फसल को नष्ट कर देते हैं यह बहु भक्षी कीट लगभग 80 प्रकार की फसलों को खाता हैं परन्तु इसका प्रिय भोजन मक्का हैं 

  • ये कीट सामान्यतया पत्तिया खाते है पर अधिक प्रकोप होने पर ये मक्के के फल को भी खाते है |
  • क्षतिग्रस्त पौधे की उपरी पत्तिया कटी फटी होती है, तथा डंठल आदि के पास नमी युक्त बुरादा पाया जाता है |
  • यह भुट्टे के ऊपरी भाग से खाना शुरू करते हैं

नियंत्रण :-

  • प्रकाश प्रपंज लगाए।
  • 5 प्रति एकड़ की दर से खेत में फेरोमोन ट्रेप लगाइये।
  • बिवेरिया बेसियाना @ 1 किलो/एकड़ स्प्रै करवाइये |
  • फ्लूबेंडामीड 480 एससी @ 60 मिली/एकड़। 
  • स्पिनोसेड 45% एससी @ 80 मिली/एकड़ | 
  • थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम/एकड़ | 
  • क्लोरैट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी @ 60 मिली/एकड़ | 

इनमे से किसी एक कीट नाशक का प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ घोल बना कर छिड़काव करे।

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