किसानों के लिए सफ़ेद ग्रब एक चुनौतीपूर्ण विषय बन गया है। इस कीट के हमले से 80-100
प्रतिशत तक की नुक्सान होने की संभावना बताई गयी हे। फसलो में 2-14 ग्रब से 64.7 प्रतिशत तक की हानि रिकॉर्ड की गयी हे।
जीवन चक्र:-
- इस कीड़े के वयस्क पहली बारिश के बाद प्यूपा अवस्था से बहार आते हे और अगले एक महीने में जमीन में 8 इंच नीचे अपने अंडे देते है।
- ये अंडे 3-4 सप्ताह में लार्वा अवस्था (इल्ली अवस्था ) में बदल जाते है।
- इस कीट के लार्वा अगले 4-5 महीनो में अपनी अवस्था बदलते हुए फसल को नुकसान पहूंचाते है और गर्मी शुरू होने से पहले पुनः प्यूपा अवस्था में चले जाते है।
नियंत्रण केसे करे ?
रसायनिक उपचार:- फेनप्रोपेथ्रिन 10% ईसी @ 500 मिली प्रति एकड़, फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 100 ग्राम / एकड़ या क्लोरपायरीफॉस 20% ईसी @ 500 मिली / एकड़ का मिटटी में छिडकाव करे।
जैविक उपचार:– मेटाराइजियम स्पी. @ 1 किग्रा / एकड़ और बेवरिया + मेटाराइजियम स्पी. @ 2 किग्रा / एकड़ की दर से पहले उर्वरक छिडकाव के साथ दे।
यांत्रिक नियंत्रण:- लाइट ट्रैप का उपयोग करे।
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