फसलों में सफेद लट कीट के नियंत्रण के उपाय

White grub pest outbreak in crops

👉🏻किसान भाइयों, सफेद लट सफेद रंग का कीट हैं जो सर्दियों में खेत में सुषुप्तावस्था में ग्रब के रूप में रहता है।

👉🏻क्षति के लक्षण:- आमतौर पर प्रारंभिक रूप में ये जड़ों में नुकसान पहुंचाते हैं। सफेद ग्रब के लक्षण पौधे पर देखे जा सकते है, जैसे कि पौधे या पौध का एक दम से मुरझा जाना, पौधे की बढ़वार रूक जाना और बाद में पौधे का मर जाना इसका मुख्य लक्षण है।

👉🏻प्रबंधन:- इस कीट के नियंत्रण के लिए जून और जुलाई माह के शुरूवाती सप्ताह में मेटाराइजियम स्पीसिस [कालीचक्र] @ 2 किलो + 50-75 किलो पकी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें।

👉🏻सफेद ग्रब के नियंत्रण के लिए रासायनिक उपचार भी किया जा सकता है। इसके लिए डेनिटोल (फेनप्रोपाथ्रिन 10% ईसी) @ 500 मिली/एकड़, डेनटोटसु (क्लोथियानिडिन 50.00% डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम/एकड़ को मिट्टी में मिला कर उपयोग करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।

Share

सोयाबीन में सफेद ग्रब को नियंत्रित करने के उपाय

सफेद लट (गिडार) की पहचान:- सफेद लट सफेद रंग का कीट है जो सर्दियों में खेत में सुषुप्तावस्था में ग्रब के रूप में रहता है। यह मिट्टी में रहने वाला बहुभक्षी कीट है जो मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करता है। यह अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है, जैसे सफ़ेद गिडार, गोबर का कीड़ा, गोबरिया कीड़ा आदि, हालांकि वैज्ञानिक रूप से इसे वाइट ग्रब या सफ़ेद लट कहते हैं। 

क्षति के लक्षण:– आमतौर पर प्रारंभिक रूप में ये सोयाबीन की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। सफेद ग्रब के लक्षण पौधे पर देखे जा सकते हैं, जैसे कि पौधे का एक दम से मुरझा जाना, पौधे की बढ़वार रूक जाना और अंत में पौधों की मृत्यु हो जाना इसका मुख्य लक्षण है।

नियंत्रण :- 

  • फसल एवं खेत के आस पास की भूमि को साफ़ सुथरा रखें। 

  • मानसून की पहली बारिश के बाद शाम 7 बजे से रात 10 के बीच एक लाइट ट्रैप/एकड़ स्थापित करें। 

  • ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करें। 

  • फसल बुवाई के पूर्व अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का ही प्रयोग करें।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए जून और जुलाई माह के शुरुआती सप्ताह में कालीचक्र (मेटाराइजियम एनीसोप्ली) @ 2 किलो + 50-75 किलो अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें।

  • सफेद ग्रब के नियंत्रण के लिए रासायनिक उपचार भी किया जा सकता है। इसके लिए डेनिटोल (फेनप्रोपाथ्रिन 10% ईसी) @ 500 मिली/एकड़, डेनटोटसु (क्लोथियानिडिन 50.00% डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम/एकड़ को मिट्टी में मिला कर उपयोग करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

कपास की बुवाई के पहले ऐसे करें सफेद लट का नियंत्रण

👉🏻किसान भाइयों, सफेद ग्रब एक प्रकार की सफेद रंग की सुंडी होती है, जो एक खेत में ग्रब के रूप में रहते हैं, जिनकी सुप्तावस्था सर्दियों में होती है।

👉🏻सफेद ग्रब आमतौर पर जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके प्रकोप के लक्षण कपास के पौधे पर देखे जा सकते है, जैसे कि कपास के पौधे का एक दम से मुरझा जाना, पौधे की बढ़वार रूक जाना और बाद में पौधे का मर जाना इसका मुख्य लक्षण है।

👉🏻वैसे तो इस कीट का नियंत्रण जून और जुलाई के शुरुआती सप्ताह में कर लेना चाहिएl 

👉🏻इसके लिए कालीचक्र (मेट्राजियम) @ 2 किलो + 50-75 किलो गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें। 

👉🏻यदि कपास की फसल की प्रारम्भिक अवस्था में भी इस कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा हो तो नियंत्रण के लिए रासायनिक उपचार भी किया जा सकता है। 

👉🏻इसके लिए (फेनप्रोपाथ्रिन 10डेनिटोल % ईसी) @ 500 मिली/एकड़, डोन्टोटसु (क्लोथियानिडिन 50.00% डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम/एकड़ को मिट्टी में मिला कर उपयोग करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

आइए जानते हैं, खेतों में सफेद ग्रब के प्रकोप का कारण

👉🏻किसान भाइयों खरीफ के मौसम में फसल व खेतों में सफेद लट का प्रकोप होता है l सफेद लट को गोजा लट के नाम से भी जाना जाता है। 

👉🏻इसके प्रकोप का कारण गर्मियों के समय खाली खेत में उपयोग किये जाने वाला कच्चा गोबर है।  

👉🏻जिस गोबर का उपयोग किया जाता है, वह पूरी तरह पकी हुई नहीं होती है।  

👉🏻इस गोबर में बहुत से हानिकारक कीट व कवक पाए जाते हैं, जो की सफेद लट के आक्रमण का कारण होता है। 

👉🏻इस तरह के गोबर के ढेर पर सफेद लट अंडे देती है व जब गोबर को खेत में डाला जाता है तो, सफेद लट मिट्टी में जाकर फसलों को नुकसान पहुंचाने लगती है। 

👉🏻इस कीट के नुकसान से बचाव के लिए गोबर को पूरी तरह सड़ाकर ही उपयोग करें या गोबर की खाद को खाली खेत में भुरकाव के बाद डिकम्पोज़र का उपयोग अवश्य करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

फ़सलों में सफेद ग्रब का प्रबंधन कैसे करें

How to protect the cotton crop from the white grub

सफेद ग्रब

सफ़ेद ग्रब सफेद रंग का कीट हैं जो सर्दियो में खेत में सुसुप्तावस्था में ग्रब के रूप में रहता है।

सफेद ग्रब से क्षति के लक्षण

आमतौर पर प्रारंभिक रूप में ये जड़ों में नुकसान पहुंचाते हैं। सफेद ग्रब के लक्षण पौधे पर देखे जा सकते है, जैसे कि पौधे या पौध का एक दम से मुरझा जाना, पौधे की बढ़वार रूक जाना और बाद में पौधे का मर जाना इसका मुख्य लक्षण है।

सफेद ग्रब का प्रबंधन:

इस कीट के नियंत्रण के लिए जून माह में और जुलाई के शुरूवाती सप्ताह में मेटाराईजियम स्पीसिस (kalichakra) 2 किलो + 50-75 किलो FYM/कम्पोस्ट के साथ मिलकर प्रति एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें या सफेद ग्रब के नियंत्रण के लिए रासायनिक उपचार भी किया जा सकता है। इसके लिए  फेनप्रोपेथ्रिन 10% EC @ 500 मिली/एकड़, क्लोथियानिडिन 50.00% WG @ (डोन्टोटसु) 100 ग्राम/एकड़ को मिट्टी में मिला कर उपयोग करें।

Share

कपास की फसल को सफेद लट्ट (व्हाइट ग्रब) से कैसे बचाएं?

How to protect the cotton crop from the white grub
  • सफेद लट्ट (व्हाइट ग्रब) मिट्टी में रहने वाला सफेद रंग का लट्ट है, जो कपास की फसल में नुकसान पहुंचाता हैं।
  • इसके ग्रब जमीन के अंदर से मुख्य जड़ तंत्र को खाते हैं जिसके कारण पौधा पीला पड़ जाता है और सूख जाता है।
  • गर्मी में खेतों की गहरी जुताई एवं सफाई कर कीट को नष्ट किया जा सकता है।
  • जैव-नियंत्रण के माध्यम से 1 किलो मेटारीजियम एनीसोपली (कालीचक्र) को 50 किलो गोबर खाद या कम्पोस्ट खाद में मिलाकर बुआई से पहले या खाली खेत में पहली बारिश के बाद खेत में मिला दें या
  • फेनप्रोपेथ्रिन 10% EC @ 500 मिली या क्लोथियानिडीन 50% WDG 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से में 200 लीटर पानी में मिलाकर ड्रेंचिंग कर दें।
Share

How to protect our crops from White Grubs

किसानों के  लिए सफ़ेद ग्रब एक चुनौतीपूर्ण विषय बन गया है। इस कीट के  हमले से 80-100

प्रतिशत तक की नुक्सान होने की संभावना बताई गयी हे फसलो में 2-14 ग्रब से 64.7 प्रतिशत तक की हानि रिकॉर्ड की गयी हे

जीवन चक्र:-

  1. इस कीड़े के वयस्क पहली बारिश के बाद प्यूपा अवस्था से बहार आते हे और अगले एक महीने में जमीन में 8 इंच नीचे अपने अंडे  देते है
  2. ये अंडे 3-4 सप्ताह में लार्वा अवस्था (इल्ली अवस्था ) में बदल जाते है
  3. इस कीट के लार्वा अगले 4-5 महीनो में अपनी अवस्था बदलते हुए फसल को नुकसान पहूंचाते है और गर्मी शुरू होने से पहले पुनः प्यूपा अवस्था में चले जाते है

नियंत्रण केसे करे ?

रसायनिक उपचार:- फेनप्रोपेथ्रिन 10% ईसी  @ 500 मिली प्रति एकड़, फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 100 ग्राम / एकड़ या क्लोरपायरीफॉस 20% ईसी @ 500 मिली / एकड़ का मिटटी में छिडकाव करे।

जैविक उपचार:– मेटाराइजियम स्पी. @ 1 किग्रा / एकड़ और बेवरिया + मेटाराइजियम  स्पी. @ 2 किग्रा / एकड़ की दर से पहले उर्वरक छिडकाव के साथ दे।

यांत्रिक नियंत्रण:-  लाइट ट्रैप का उपयोग करे।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of white grubs in Soybean and Groundnut

सोयाबीन एवं मूंगफली में सफ़ेद ग्रब का नियंत्रण

नुकसान के लक्षण:- ग्रब जड़ों को खाता है | ग्रब बारीक जड़ों को खाता हैं जिससे पौधे सूखने लगते हैं पौधों का सुखना पेचों में दिखाई देता हैं |

सफ़ेद ग्रब का प्रबंधन:-

  • जैव-नियंत्रण:- मेटाराहीजियम एनीसोप्ली जोकि एक फफूंद हैं यहाँ सफ़ेद ग्रब, दीमक एवं जैसिड में रोग पैदा कर के उन्हें मारता है | जमीन से:- 2-4 किलो मेटाराहीजियम एनीसोप्ली को 50 किलो गोबरखाद/कम्पोस्ट खाद/खेत की मिट्टी में मिला कर खेत की तैयारी के समय या खड़ी फसल में दे| छिड़काव:- 2 किलो मेटाराहीजियम एनीसोप्ली को 150- 200 लीटर पानी में घोल बना कर 1 एकड़ में छिड़काव करें |
  • रासायनिक दवाई का छिड़काव मध्य जुलाई तक प्रत्येक बारिश के बाद करना चाहिए|
  • पहली बारिश के 3-4 दिन के बाद खेत के आसपास एवं पेड़ों के पास शाम के समय क्लोरोपाइरीफॉस 20% EC @ 2 मिली/लीटर का छिड़काव करेने से ग्रब के व्यस्क मर जाते है और ग्रब की संख्या नियंत्रित रहती हैं|
  • क्लोरोपाइरीफॉस 20% EC ( 6.5 to 12.5 Ml/kg बीज ) से बीज उपचार करना बहुत प्रभावी पाया गया हैं |
  • बहुत अधिक प्रकोप होने पर निम्न मे से किसी एक का प्रयोग करें |
  • कार्बोफुरान 3 % @ 10 किलो प्रति एकड़
  • क्लोरोपाइरीफॉस 20 EC @ 500 मिली प्रति एकड़
  • फोरेट 10% @ 10 किलो प्रति एकड़

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share