- संक्रमित जड़ो में गांठे बन जाती हैं और अनिश्चित आकार में पूरी जड़ पर फैल जाती हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए स्वस्थ एवं रोग रहित बीजो का चुनाव करे |
- खेत में प्रयोग की जा रही मशीनों और औजारों को अच्छे से साफ़ करे |
- धनिया की फसल में खरपतवार का उचित प्रबंधन करें।
- जिस खेत में यह रोग आने की सम्भावना हैं वहाँ गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें और खेत को तेज धूप में खुला छोड़ दें |
- जब संक्रमण पौधे पर होता है तो ड्रिप सिंचाई के द्वारा 2-4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पैसीलोमाईसिस लीलासिन्स से जैविक नियंत्रण करें।
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