- पहली सिंचाई बुआई के तुरंत बाद करनी चाहिए।
- दूसरी सिंचाई पहली सिंचाई के चार दिन बाद करनी चाहिए।
- इसके बाद प्रति 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
मार्च-अप्रैल में फसलों की इन किस्मों की करें बुवाई, तो ज़रूर बढ़ेगी पैदावार
क्र. | फसल का नाम | प्रमुख किस्म के नाम (कम्पनी का नाम) |
1. | करेला | नागेश (हाइवेज),अमनश्री, US1315 (ननहेमस),आकाश (VNR) |
2. | लौकी | आरती |
3. | कद्दू | कोहीनूर (पाहुजा), VNR 11 (VNR) |
4. | भिंडी | राधिका, विंस प्लस (गोल्डन), सिंघम (ननहेम्स), शताब्दी (राशि) |
5. | धनिया | सुरभी (नामधारी), LS 800 (पाहुजा) |
धनिये में चूर्णिल आसिता रोग एवं समाधान
- यह धनिये की फसल का एक भयंकर रोग हैं |
- इस रोग में पत्त्तियो के ऊपर छोटे सफ़ेद भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं जो बाद में पूरी सतह पर फ़ैल जाते हैं |
- इस रोग से ग्रसित पौधे की पत्तिया सुख कर गिर जाती हैं |
- इस रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाजोल 5 % SC @ 400 ml/एकड़ या टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस + बेसिलस सबटिलिस @ 0.25 + 0.25 किलो/एकड़ का स्प्रे कर सकते हैं |
धनिया की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
- अच्छी तरह जल निकास वाली दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
- वर्षा आधारित खेती के लिए चिकनी मिट्टी अच्छी होती है जिसका pH 6-8 होनी चाहिए।
- धनिया की फसल हेतु उपयुक्त तापमान 20-25 oC होता हैं|
- ठंडी और शुष्क जलवायु इसकी फसल के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
Weed Management in Coriander
धनिया में फसल-खरपतवार प्रतिस्पर्धा की क्रांतिक अवधि 35-40 दिन है । इस अवधि में खरपतवारों की निंदाई नहीं करते है तो धनिया की उपज 40-45 प्रतिशत कम हो जाती है । धनिया में खरपतवरों की अधिकता या सघनता व आवश्यकता पड़ने पर निम्न में से किसी एक खरपतवानाशी दवा का प्रयोग कर सकते है । | ||||||||||||||||||||||||
|
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
Share
Suggestions for control of yellowing of Coriander Leaves
- धनिया मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल हैं, जिसके सभी भाग तना,पत्ती एवं बीज का उपयोग किया जाता हैं।
- अगर फसल प्रबंधन सही ना हो तो धनिये की फसल में पीलेपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है, परिणामस्वरूप उत्पादन कम होता हैं तथा हरी पत्तियों की गुणवत्ता प्रभावित होती हैं |
- पत्तियों में पीलेपन के कई कारण हो सकते हैं जैसे खेत में नाइट्रोजन की कमी, फसल पर बीमारियों और कीटों का प्रकोप आदि |
- इसके प्रबंधन के लिए बेसल डोज (खेत की तैयारी के समय) में उर्वरको के साथ नाईट्रोजन स्थिरीकरण एवं फास्फोरस घुलनशील जीवाणु 2 किलो/एकड़ की दर से खेत में अच्छी तरह से मिला दें।
- थायोफिनेट मिथाईल 70% डब्लूपी @ 250-300 ग्राम/एकड़ और क्लोरोपायरीफॉस 20% ईसी @ 500 मिली/एकड़ को सिंचाई के साथ दें।
- उपरोक्त ड्रेंचिंग के बाद 19:19:19 का 500 ग्राम/एकड़ की दर से स्प्रे करना चाहिए।
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
ShareSuggestions for control of yellowing of Coriander Leaves
- धनिया एक मसाले वाली महत्वपूर्ण फसल हे, जिसके सभी भाग तना,पत्ती एवं बीज का उपयोग किया जाता हैं।
- यदि इसका प्रबंधन सही नही हो, तो यह पीली पड़ जाती हे, जिससे उत्पादन में कमी होती है।
- भूमि में नाईट्रोजन की कमी एवं बीमारी ओर कीट की समस्या होने से धनिया की पत्तीया पीली पड़ जाती है।
- इसके प्रबंधन के लिए बेसल डोज में उर्वरको के साथ नाईट्रोजन एवं फस्फोरस स्थरीकरण जीवाणु की मात्रा 2 kg प्रति एकड़ की दर से खेत में अच्छी तरह से मिला दे।
- थायोफिनेट मिथाईल 70 % डब्लूपी @ 250-300 ग्राम और क्लोरोपयरिफोस 20 % ईसी @ 500 ml प्रति एकड को सिचाई के साथ दे।
- इस स्प्रे के बाद 19:19:19 का 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करना चाहिए।
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
ShareRoot knot nematode of coriander
- संक्रमित जड़ो में गांठे बन जाती हैं और अनिश्चित आकार में पूरी जड़ पर फैल जाती हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए स्वस्थ एवं रोग रहित बीजो का चुनाव करे |
- खेत में प्रयोग की जा रही मशीनों और औजारों को अच्छे से साफ़ करे |
- धनिया की फसल में खरपतवार का उचित प्रबंधन करें।
- जिस खेत में यह रोग आने की सम्भावना हैं वहाँ गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें और खेत को तेज धूप में खुला छोड़ दें |
- जब संक्रमण पौधे पर होता है तो ड्रिप सिंचाई के द्वारा 2-4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पैसीलोमाईसिस लीलासिन्स से जैविक नियंत्रण करें।
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
ShareSeed treatment of coriander
- बीजों को 12 घंटे तक पानी में भिगोएँ।
- बीज को कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 @ 2.5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें|
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
ShareSowing time in coriander
- पत्तियों की खेती के लिए जून-जुलाई में धनिया की बुवाई की जाती हैं|
- बीज की फसल लेने के लिए धनिया अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता हैं|
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
Share