सोयाबीन में गर्डल बीटल (रिंग कटर) की रोकथाम के उपाय

गर्डल बीटल क्या है:-

किसान भाइयों, गर्डल बीटल सोयाबीन के मुख्य कीटों में से एक है। मादा बीटल, मुलायम शरीर एवं गहरे रंग की होती है। वयस्क बीटल कठोर खोल जैसा होता है। सिर पर एक एंटीना होता है। इसका लार्वा सफेद रंग एवं नरम सर वाली कीट है,  फसल पर इसका आक्रमण जुलाई से अगस्त के बीच अधिक होता है।

क्षति के लक्षण:- 

यह कीट सोयाबीन की फसल में सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है। इस कीट की मादा तने पर दो रिंग बनती है और नीचे वाले रिंग में 3 छेद बनाती है और बीच वाले छेद में अंडा रखती है। जब अंडे से शिशु निकलते है तो वो वही तने के गूदे को खाकर कमजोर कर देते है l जिसके कारण तना बीच में से खोखला हो जाता है, खनिज तत्व पत्तियों तक नहीं पहुंच पाते एवं पत्तियाँ सूख जाती है, इसके कारण फसल के उत्पादन में काफी कमी आती है।

नियंत्रण के उपाय -: 

नोवालैक्सम (थायोमिथोक्साम 12.60% + लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 09.50% जेडसी) @ 50 मिली या सोलोमोन (बीटा-साइफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% ओडी) @ 140 मिली +  सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

जैविक नियंत्रण:- बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% डब्ल्यू.पी) @ 250 -500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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