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- सोयाबीन उत्पादन के लिए सल्फर बहुत आवश्यक होता है।
- सल्फर सोयबीन की फसल में प्रोटीन एवं तेल के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।
- सल्फर पत्तियों में पर्णहरित के निर्माण में सहायक होता है।
- सल्फर पौधों में एंजाइमों की क्रियाशीलता को बढ़ता है।
- सल्फर की कमी के लक्षण सबसे पहले नई पत्तियों पर दिखाई देते हैं जो की नाइट्रोजन देने के बाद भी बने रहते है।
- नई पत्तियां इसकी कमी के कारण पीली पड़ जाती हैं।
- फसलें अपेक्षाकृत देर से पकती हैं एवं बीज ढंग से परिपक्व नहीं हो पाते हैं।
- सोयबीन के पौधों में स्थित गाठें ढंग से विकसित नहीं हो पाती हैं। इसके कारण प्राकृतिक नाइट्रोजन प्रक्रिया पर विपरीत असर पड़ता है।
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