खेती में रसायनिक उर्वरकों के बढ़ते प्रयोग से मिट्टी की उपज क्षमता पर काफी असर पड़ रहा है। मिट्टी में घटते पोषक तत्वों की वजह से उत्पादकता में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दे रही हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई प्राकृतिक खेती को अपनाकर भूमि को बंजर होने से बचा सकें।
इसी क्रम में राजस्थान सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक खास मिशन चला रही है। इसके माध्यम से राज्य के किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा किसानों को प्राकृतिक खेती के जरिए पूरा लाभ दिलाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं।
इसके अंतर्गत ‘ऑरगैनिक कमोडिटी बोर्ड’ का गठन किया जा रहा है, जहां किसानों के जैविक उत्पादनों को प्रमाणित करने का प्रबंध किया जाएगा। इसके साथ ही जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन किसानों को प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय समारोह में 1-1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। सरकार के अनुसार इस योजना के माध्यम से राज्य के लगभग 4 लाख किसानों को लाभ प्राप्त होगा।
स्रोत: किसान समाधान
Shareकृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।