फसलों का जबरदस्त टॉनिक है नोवामैक्स, पौधों के संपूर्ण ग्रोथ में लाता है तेजी

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नोवामैक्स एक जैविक रूप से उत्पादित पौध वृद्धि सहायक टॉनिक है। फसलों में इसका उपयोग करने से फसल में कई प्रकार के लाभ देखने को मिलेंगे। इससे पौधे स्वस्थ व हष्टपुष्ट रहेंगे, अनाज/फल निर्माण व परिपक्वता की दर बढ़ेगी, मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की क्रियाशीलता बढ़ेगी, फूल तथा फलों के झड़नें की समस्या कम होगी इसके अलावा अधिक प्रकाश संश्लेषण और पौधों के चयापचय जैसी प्रक्रियाओं में सुधार देखने को मिलेगा। पोषक तत्वों व विकास की कमियों से जूझ रहे पौधों को नोवामैक्स सहारा देने का काम भी करता है।

धान, गन्ना, कपास, मूंगफली, केला, टमाटर, आलू, पत्ता गोभी, फूलगोभी, अंगूर, बैंगन, भिंडी, चाय, मलबेरी में नोवामैक्स का उपयोग 180 से 200 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में करना चाहिए। 

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मानसून की रफ़्तार में आई तेजी, कई राज्यों में होगी झमाझम बारिश

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मानसून की अक्षीय रेखा अब उत्तर दिशा की ओर बढ़ रही है। हमारा अनुमान है कि अब पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वी गुजरात के साथ-साथ पूर्वी राजस्थान में झमाझम बारिश होगी। महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बारिश कम होगी। उत्तर पूर्वी राज्यों में भी तेज बारिश की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान में खंड वर्षा ही जारी रह सकती है। पहाड़ों पर एक बार फिर बारिश बढ़ जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

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मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
छिंदवाड़ा अमरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2350 2350
अनुपुर अनुपपुर स्थानीय 2350 2350
होशंगाबाद बाबई मिल गुणवत्ता 2465 2465
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2400 2500
शिवपुरी बदरवास मिल गुणवत्ता 2515 2535
उज्जैन बड़नगर मिल गुणवत्ता 2643 2643
धार बदनावर लोकवन 2310 2320
बड़वानी बड़वानी लोकवन 2750 2750
देवास बागली मिल गुणवत्ता 2300 2500
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2330 2330
छतरपुर बकस्वाहा मिल गुणवत्ता 2300 2365
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2400 2633
होशंगाबाद बानापुरा मिल गुणवत्ता 2461 2609
होशंगाबाद बनखेड़ी मिल गुणवत्ता 2476 2511
रायसेन बरेली मिल गुणवत्ता 2105 2551
शाहडोल ब्यौहारी मिल गुणवत्ता 2300 2305
भोपाल बैरसिया स्थानीय 2480 2768
भोपाल बैरसिया लोकवन 2480 2555
भोपाल बैरसिया मिल गुणवत्ता 2395 2636
भोपाल बैरसिया शरबती 2526 2796
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2529 2555
दतिया भांडेर मिल गुणवत्ता 2450 2495
दतिया भांडेर अन्य 2485 2630
भिंड भिंड मिल गुणवत्ता 2460 2480
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2350 2400
सागर बीना स्थानीय 2550 3100
सागर बीना मिल गुणवत्ता 2421 3127
सागर बीना शरबती 3900 3900
शाहडोल बुढ़ार मिल गुणवत्ता 2200 2200
अशोकनगर चंदेरी मिल गुणवत्ता 2478 2482
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा मिल गुणवत्ता 2350 2727
मन्दसौर दलौदा लोकवन 2570 2734
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2380 2400
दतिया दतिया मिल गुणवत्ता 2490 2510
दतिया दतिया अन्य 2510 2600
सागर देवरी मिल गुणवत्ता 2450 2470
पन्ना देवेन्द्रनगर मिल गुणवत्ता 2390 2400
धार धामनोद मिल गुणवत्ता 2400 2400
धार धार लोकवन 2500 3034
धार धार मिल गुणवत्ता 2560 3050
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2400 2400
धार गंधवानी मिल गुणवत्ता 2600 2610
विदिशा गंज बासौदा लोकवन 2360 2666
विदिशा गंज बासौदा मिल गुणवत्ता 2468 2840
विदिशा गंज बासौदा शरबती 2741 3570
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2425 2495
डिंडोरी गोरखपुर मिल गुणवत्ता 2300 2301
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2275 2300
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 1901 2740
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2301 2580
दमोह हठ मिल गुणवत्ता 2380 2408
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 2350 2951
होशंगाबाद इटारसी मिल गुणवत्ता 1800 2548
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2200 2536
सागर जैसीनगर मिल गुणवत्ता 2300 2360
रतलाम जावरा लोकवन 1800 2876
टीकमगढ़ जतारा स्थानीय 2380 2420
झाबुआ झाबुआ मिल गुणवत्ता 2300 2400
आलीराजपुर जोबट मिल गुणवत्ता 2400 2400
मुरैना कैलारस स्थानीय 2444 2516
नरसिंहपुर करेली स्थानीय 2405 2457
खरगोन कसरावद मिल गुणवत्ता 2500 2675
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2175 2571
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 1900 2799
शिवपुरी खनियाधाना मिल गुणवत्ता 2375 2450
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2300 2350
खरगोन खरगोन मिल गुणवत्ता 2454 2651
देवास खातेगांव मिल गुणवत्ता 2461 2655
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2100 2654
राजगढ़ खुजनेर मिल गुणवत्ता 2460 2526
धार कुक्षी लोकवन 2500 2600
धार कुक्षी मिल गुणवत्ता 2400 2400
गुना कुंभराज मिल गुणवत्ता 2330 2550
राजगढ़ कुरावर मिल गुणवत्ता 2405 2860
सिवनी लखनादौन स्थानीय 2200 2200
छतरपुर लवकुशनगर(लौंदी) मिल गुणवत्ता 2400 2420
सागर मालथोन मिल गुणवत्ता 2480 2520
मंडला मंडला मिल गुणवत्ता 2100 2105
मन्दसौर मन्दसौर लोकवन 2500 3271
मन्दसौर मन्दसौर मिल गुणवत्ता 2400 2572
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 2873 2890
सतना मेहर स्थानीय 2213 2400
सतना नागोद मिल गुणवत्ता 2350 2571
मंडला नैनपुर मिल गुणवत्ता 2200 2400
शाजापुर नलकेहड़ा मिल गुणवत्ता 2415 2560
राजगढ़ नरसिंहगढ़ मिल गुणवत्ता 1900 2630
नरसिंहपुर नरसिंहपुर मिल गुणवत्ता 2340 2535
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2455 2490
रायसेन ओबेदुल्लागंज स्थानीय 2601 2632
रायसेन ओबेदुल्लागंज मिल गुणवत्ता 2450 2450
जबलपुर पाटन स्थानीय 2405 2515
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2205 2555
राजगढ़ पचौर मिल गुणवत्ता 2485 2500
सिवनी पलारी स्थानीय 2280 2281
शिवपुरी पिछौर मिल गुणवत्ता 2425 2435
होशंगाबाद पिपरिया मिल गुणवत्ता 2325 2529
मन्दसौर पिपल्या लोकवन 2450 2840
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर मिल गुणवत्ता 2400 2403
रायसेन रायसेन लोकवन 2450 2621
रायसेन रायसेन मिल गुणवत्ता 2550 2651
धार राजगढ़ लोकवन 2497 2891
सतना रामनगर मिल गुणवत्ता 2410 2450
रतलाम रतलाम मिल गुणवत्ता 2995 2995
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2300 2535
मुरैना सबलगढ़ मिल गुणवत्ता 2484 2496
सागर सागर मिल गुणवत्ता 2400 3035
रतलाम सैलाना लोकवन 2500 3231
राजगढ़ सारंगपुर मिल गुणवत्ता 2509 2509
राजगढ़ सारंगपुर अन्य 2570 2581
सतना सतना मिल गुणवत्ता 2516 2516
जबलपुर सीहोरा मिल गुणवत्ता 1918 2523
सीहोर सीहोर स्थानीय 2586 2586
सीहोर सीहोर लोकवन 2516 3104
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2471 3012
होशंगाबाद सेमरीहरचंद मिल गुणवत्ता 2400 2518
बड़वानी सेंधवा स्थानीय 2618 2618
बड़वानी सेंधवा मिल गुणवत्ता 2680 2740
दतिया सेवड़ा मिल गुणवत्ता 2465 2575
अशोकनगर शाडोरा लोकवन 2580 2580
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2440 2460
शाहडोल शाहडोल मिल गुणवत्ता 2250 2275
जबलपुर शाहपुरा(जबलपुर) मिल गुणवत्ता 2225 2300
मन्दसौर शामगढ़ लोकवन 2321 2655
विदिशा शमसाबाद मिल गुणवत्ता 2356 2498
पन्ना सिमरिया स्थानीय 2360 2370
विदिशा सिरोंज शरबती 2466 3610
मन्दसौर सीतामऊ मिल गुणवत्ता 2720 2720
टीकमगढ़ टीकमगढ़ मिल गुणवत्ता 2465 2471
रायसेन उदयपुरा मिल गुणवत्ता 2205 2490
उमरिया उमरिया लोकवन 2300 2300
उमरिया उमरिया गेहूँ-जैविक 2060 2090

स्रोत: एगमार्कनेट

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कपास की फसल में सफेद मक्खी पहुंचाएगा भारी नुकसान

Management Of Whitefly In Cotton
  • सफ़ेद मक्खी को कपास के खेतों में फैलने से रोकने के लिए खेत की मेड़, बंजर भूमि, सड़क के किनारे और सिंचाई चैनलों/नहरों पर उगने वाले खरपतवारों को हटा दें।

  • सफेद मक्खी का आक्रमण बैंगन, खीरा, टमाटर, भिंडी आदि सब्जियों में भी होता है, इसलिए इन फसलों को कपास के साथ न उगाएं।

  • इन वैकल्पिक धारक फसलों पर फरवरी से और कपास, मूंग पर अप्रैल से नियमित निगरानी की जानी चाहिए ताकि इन फसलों पर सफेद मक्खी का समय पर प्रबंधन किया जा सके।

  • नाइट्रोजन युक्त उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से बचें क्योंकि यह रस चूसक कीड़ों के आक्रमण को बढ़ा देता है।

  • कपास के खेतों में प्रति एकड़ 40 पीले चिपचिपे ट्रैप लगाना सुनिश्चित करें, जिससे सफेद मक्खी के प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

  • नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% SP) @ 40 ग्राम प्रति एकड़ या नोवाफेन (पाइरीप्रोक्सीफेन 5% + डायफेनथियुरोन 25% SE) @ 400-500 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से एक-दो स्प्रे करें।

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देश के अधिकांश राज्यों में हो रही है खंड वर्षा, जानें क्या है इसकी वजह?

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मानसून के मौसम में भी देश के अधिकांश राज्यों में खंड वर्षा हो रही है। जिसको टुकड़ों में बारिश होना भी कहते हैं, इसे ही इंग्लिश में patchy rain भी कहते हैं। ऐसा होने पर एक ही जिले में कुछ स्थानों पर तो तेज बारिश होती है और बाकी हिस्से सूखे रहते हैं। इसी को खंड वर्षा कहा जाता है। हमारा देश भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है। यहां क्लाइमेट चेंज या पर्यावरण बदलाव का सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। इसी वजह से ये सब देखने को मिल रहा है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4500 5376
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 5066 5600
रीवा बैकुंठपुर सरसों 5200 5220
रीवा बैकुंठपुर सरसों(काला) 5100 5200
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5199 5199
भोपाल बैरसिया सरसों(काला) 4495 5290
बेतुल बेतुल सरसों 4951 4990
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 4155 5425
मन्दसौर दलौदा सरसों 5000 5270
दमोह दमोह सरसों 4305 5400
देवास देवास सरसों 4500 5490
विदिशा गंज बासौदा सरसों 3100 6000
विदिशा गंज बासौदा सरसों-जैविक 5272 5272
गुना गुना सरसों 5400 5530
हरदा हरदा सरसों 4100 5114
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5195 5230
जबलपुर जबलपुर सरसों 4855 5155
रतलाम जावरा सरसों 5351 5486
राजगढ़ जीरापुर सरसों 5305 5460
राजगढ़ जीरापुर सरसों(काला) 5200 5200
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 5620 5761
कटनी कटनी सरसों 4650 5400
कटनी कटनी सरसों(काला) 4645 5370
शिवपुरी खनियाधाना सरसों 5200 5260
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5250 5400
खरगोन खरगोन सरसों 4100 4100
देवास खातेगांव सरसों 2401 5230
शिवपुरी कोलारस सरसों 5410 5410
गुना कुम्भराज सरसों(काला) 4910 4910
राजगढ़ कुरावर सरसों 4805 5355
ग्वालियर लश्कर सरसों 5460 5810
ग्वालियर लश्कर सरसों(काला) 5500 5500
गुना मकसूदनगढ़ सरसों 5570 5570
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 4690 6403
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 5200 5331
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सरसों 4925 4925
नीमच नीमच सरसों 4250 5470
टीकमगढ़ पलेरा सरसों 5000 5200
शिवपुरी पिछौर सरसों 5070 5300
होशंगाबाद पिपरिया सरसों 4550 4790
मुरैना पोरसा सरसों(काला) 5450 5525
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर सरसों 5200 5300
सागर राहतगढ़ सरसों 4900 4900
छतरपुर राजनगर सरसों(काला) 5200 5200
रीवा रीवा सरसों(काला) 4981 5231
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5650 5750
सागर सागर सरसों-जैविक 4720 5830
शाजापुर साजापुर सरसों 5000 5295
सतना सतना सरसों 4700 5700
सीहोर सीहोर सरसों 5201 5300
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 5000 5000
मन्दसौर शामगढ़ सरसों 5330 5390
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5500 5670
शिवपुरी शिवपुरी सरसों 5855 5860
शाजापुर शुजालपुर सरसों 5035 5200
मन्दसौर सीतामऊ सरसों 5000 5300
श्योपुर विजयपुर सरसों 5590 5780

स्रोत: एगमार्कनेट

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तिलहनी फसलों में सल्फर की कमी से होगा नुकसान, जानें इसके क्या हैं फायदे?

Why Sulphur is an important nutrient in oilseed crops

पौधों में प्रोटीन, अमीनो एसिड, कुछ विटामिन और एंजाइम, प्रकाश संश्लेषण, ऊर्जा चयापचय, कार्बोहाइड्रेट उत्पादन और प्रोटीन के संश्लेषण आदि में सल्फर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सल्फर अमीनो एसिड जैसे सिस्टीन, सिस्टीन और मेथियोनीन का एक अभिन्न अंग है जो प्रोटीन के आवश्यक घटक हैं। पौधों को पर्याप्त मात्रा में सल्फर देने से उपज और बीजों में तेल की मात्रा बढ़ जाती है।

तिलहनी फसलों में सल्फर की कमी के लक्षण क्या हैं?

सल्फर की कमी के कारण क्लोरोफिल उत्पादन कम होता है जिससे नई पत्तियों में  पीलापन की समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण, पौधे की वृद्धि में कमी देखने को मिलती है। 

सल्फर की कमी को कैसे दूर करें?

सल्फर युक्त उर्वरकों की पूर्ति करके तिलहनी फसल में सल्फर की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। सल्फर पोषक तत्वों को मिट्टी के अनुप्रयोगों जैसे बेसल, टॉप ड्रेसिंग, फर्टिगेशन और पर्ण आवेदन द्वारा पौधों में डाला जा सकता है।

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बादल फटने और भारी बारिश के आसार, देखें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है। अगले 24 घंटे के दौरान यहां एक दो स्थानों पर बादल फटने जैसी भारी बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, विदर्भ तथा तेलंगाना के कुछ जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के तट पर भी कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित पश्चिमी असम में भी भारी बारिश की संभावना है। राजस्थान के अधिकांश जिलों सहित उत्तरी उड़ीसा, गंगिय पश्चिम बंगाल, गुजरात और तमिलनाडु में मानसून कमजोर बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फर्टिगेशन विधि से उर्वरकों का उपयोग दिलाएगा फसलों को कई लाभ

Use of fertilizers through fertigation method will provide many benefits to the crops

फर्टिगेशन उर्वरक उपयोग करने की एक शानदार विधि है। इसमें ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई के पानी में उर्वरक को शामिल किया जाता है। इस प्रणाली में उर्वरक का घोल सिंचाई के माध्यम से फसल में समान रूप से वितरित किया जाता है। इसमें पोषक तत्वों की उपलब्धता बहुत अधिक होती है इसलिए दक्षता अधिक होती है। इस विधि में तरल उर्वरकों के साथ-साथ पानी में घुलनशील उर्वरकों का भी उपयोग किया जाता है। इस विधि से उर्वरक उपयोग दक्षता 80 से 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

फर्टिगेशन के फायदे

  • फर्टिगेशन के माध्यम से सक्रिय रूट ज़ोन के पास पोषक तत्वों और पानी की आपूर्ति की जाती है जिसके परिणामस्वरूप फसलों द्वारा अधिक अवशोषण होता है।

  • चूंकि फर्टिगेशन के माध्यम से सभी फसलों को समान रूप से पानी और उर्वरक की आपूर्ति की जाती है, इसलिए 25-50 प्रतिशत अधिक उपज प्राप्त करने की संभावना रहती है।

  • फर्टिगेशन के माध्यम से उर्वरक उपयोग दक्षता 80-90 प्रतिशत के बीच होती है, जिससे न्यूनतम 25 प्रतिशत पोषक तत्वों को बचाने में मदद मिलती है।

  • इस तरह पानी की कम मात्रा और खाद की बचत के साथ-साथ समय, श्रम और ऊर्जा की खपत भी काफी कम हो जाती है।

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मृदा अपरदन से खेत की मिट्टी को पहुंचता है नुकसान!

Soil erosion causes damage to the soil of the farm

किसी भी कारण से जब मिट्टी का कटाव होता है तो उसे “मृदा अपरदन” कहा जाता है। मृदा अपरदन एक प्राकृतिक क्रिया होती है। भूगर्भीय क्रियाएं (जैसे पानी की धाराएँ या पिघलती बर्फ), जलवायु क्रियाएं (जैसे बारिश या तीव्र हवाएँ) या मानव गतिविधि (जैसे कृषि, वनों की कटाई, शहरों का विस्तार) ये सभी कारक मृदा अपरदन या भू-क्षरण के कारकों में से एक हैं।

मिट्टी के कटाव से कैसे बचें?

  • वृक्षारोपण- पेड़ पौधे लगाने से पारिस्थितिकी तंत्र और मिट्टी के रखरखाव में मदद मिलती है, और इससे मृदा अपरदन को भी रोका जा सकता है।

  • जल निकासी मार्गों का निर्माण- उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी की अवशोषण क्षमता कम है, बाढ़ को रोकने के लिए नालियां और अन्य तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे हम मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं।

  • भूमि का सतत उपयोग- यह कृषि और पशुधन के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है, और पोषक तत्वों के नुकसान के कारण मिट्टी के क्षरण को रोक सकता है।

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