मृदा अपरदन से खेत की मिट्टी को पहुंचता है नुकसान!

किसी भी कारण से जब मिट्टी का कटाव होता है तो उसे “मृदा अपरदन” कहा जाता है। मृदा अपरदन एक प्राकृतिक क्रिया होती है। भूगर्भीय क्रियाएं (जैसे पानी की धाराएँ या पिघलती बर्फ), जलवायु क्रियाएं (जैसे बारिश या तीव्र हवाएँ) या मानव गतिविधि (जैसे कृषि, वनों की कटाई, शहरों का विस्तार) ये सभी कारक मृदा अपरदन या भू-क्षरण के कारकों में से एक हैं।

मिट्टी के कटाव से कैसे बचें?

  • वृक्षारोपण- पेड़ पौधे लगाने से पारिस्थितिकी तंत्र और मिट्टी के रखरखाव में मदद मिलती है, और इससे मृदा अपरदन को भी रोका जा सकता है।

  • जल निकासी मार्गों का निर्माण- उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी की अवशोषण क्षमता कम है, बाढ़ को रोकने के लिए नालियां और अन्य तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे हम मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं।

  • भूमि का सतत उपयोग- यह कृषि और पशुधन के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है, और पोषक तत्वों के नुकसान के कारण मिट्टी के क्षरण को रोक सकता है।

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