मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

onion Mandi Bhaw

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे रतलाम, देवास, बदनावर, कालापीपल, हाटपिपलिया, खरगोन, हरदा और  मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलोट

151

552

अलीराजपुर

1000

1600

बदनावर

500

1685

भोपाल

800

1200

छिंदवाड़ा

500

800

दमोह

700

800

देवरी

300

500

देवास

300

600

धामनोद

600

1200

हाटपिपलिया

600

1200

हरदा

600

700

जबलपुर

750

1200

जावद

300

600

कालापीपाल

150

1020

खंडवा

400

700

खरगोन

500

1500

लश्कर

600

1000

मनावर

600

800

महू

600

1200

पिपरिया

200

1100

राजगढ़

200

600

रतलाम

300

1200

सनावद

800

1000

सांवेर

600

900

सेंधवा

200

700

शाजापुर

320

1050

शुजालपुर

800

800

सीतमऊ

240

550

सोयतकलांं

100

900

थांदला

900

1000

अलोट

151

552

अलीराजपुर

1000

1600

बदनावर

500

1685

भोपाल

800

1200

छिंदवाड़ा

500

800

दमोह

700

800

देवरी

300

500

देवास

300

600

धामनोद

600

1200

हाटपिपलिया

600

1200

हरदा

600

700

जबलपुर

750

1200

जावद

300

600

कालापीपाल

150

1020

खंडवा

400

700

खरगोन

500

1500

लश्कर

600

1000

मनावर

600

800

महू

600

1200

पिपरिया

200

1100

राजगढ़

200

600

रतलाम

300

1200

सनावद

800

1000

सांवेर

600

900

सेंधवा

200

700

शाजापुर

320

1050

शुजालपुर

800

800

सीतमऊ

240

550

सोयतकलां

100

900

थांदला

900

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मिर्च की फसल में रस चूसक कीट की पहचान और नियंत्रण के उपाय

सफेद मक्खी

  • इसके शिशु एवं वयस्क पत्तियों की निचली सतह पर चिपक कर रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।

  • इस कीट का वयस्क हल्का पीला तथा इसके पंख सफेद रंग के होते हैं। ये कीट लिफ़ कर्ल रोग और पीला मोज़ैक वायरस को फैलाने का कारण बनते हैं। 

रोकथाम 

इसकी रोकथाम के लिए  प्रूडेंस  (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) @ 250 मिली  + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

2 दिन बाद प्रिवैंटल  BV @ 100 ग्राम  प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

थ्रिप्स कीट: 

  • मिर्च की फसल में थ्रिप्स कीट भयंकर नुकसान पहुंचाता है। इन कीटों के वयस्क और शिशु दोनों पौधें को नुकसान पहुँचाते हैं। ये कीट मिर्च की पत्तियों के निचली सतह पर चिपका रहता है और पत्तियों का रस चूसता है। 

  • जिससे मिर्च की पत्तियों में झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं तथा ये पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव के समान हो जाती है। 

  • अधिक प्रकोप होने पर पत्तियों का गुच्छा बन जाता है। जिसके कारण  उत्पादन में कमी आती है. ये कीट वायरस जनित रोग को फैलाने में सहायक है | 

रोकथाम 

बेनेविया (सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी) @ 240 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 2 दिन के बाद प्रिवैंटल  BV 100 ग्राम,प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 

मकड़ी:

यह बहुत ही छोटे कीट होते है जो पत्तियों की सतह से रस चूसते है जिससे पत्तियां नीचे की ओर मुड़ जाती है। पत्तियों को खाने से सतह पर सफेद से पीले रंग के धब्बे हो जाते है जैसे जैसे संक्रमण अधिक होता जाता है, पहले पत्तियाँ चांदी के रंग की दिखने लगती है और बाद में ये पत्तियां गिर जाती है.

नियंत्रण के उपाय 

इसके नियंत्रण के लिए ओमाइट (प्रोपरजाईट 57% EC) @ 400 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 5 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

जयपुर

प्याज़

11

12

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

4

5

जयपुर

प्याज़

6

7

जयपुर

प्याज़

8

9

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

जयपुर

लहसुन

10

12

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

32

रतलाम

आलू

20

22

रतलाम

टमाटर

30

35

रतलाम

हरी मिर्च

25

30

रतलाम

अदरक

23

25

रतलाम

कद्दू

10

14

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

32

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

नींबू

25

35

रतलाम

फूलगोभी

15

18

रतलाम

प्याज़

4

6

रतलाम

प्याज़

8

11

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

प्याज़

14

15

रतलाम

लहसुन

7

14

रतलाम

लहसुन

15

21

रतलाम

लहसुन

26

32

रतलाम

लहसुन

35

40

नासिक

प्याज़

3

6

नासिक

प्याज़

5

9

नासिक

प्याज़

7

11

नासिक

प्याज़

11

15

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बंगाल की खाड़ी में 2 लो प्रेशर से कई राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश

know the weather forecast,

पहला निम्न दबाव का क्षेत्र उड़ीसा और उसके आसपास बना हुआ है जो पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ तेलंगाना विदर्भ दक्षिणी मध्य प्रदेश मराठवाड़ा मध्य महाराष्ट्र मुंबई गुजरात और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश देगा। 9 तारीख के आसपास एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बनेगा जो फिर से मध्य भागों में मूसलाधार बारिश देगा जिससे कई स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों में जैसे उत्तर प्रदेश बिहार तथा दिल्ली पंजाब और हरियाणा में बारिश की गतिविधियां फिलहाल हल्की रहेंगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सोयाबीन बीज उत्पादक किसानों की प्रीमियम राशि में हुई बढ़ोतरी, जानें और भी लाभ

उन्नत फसल के लिए बीज का गुणवत्तापूर्ण होना जरूरी है। हालांकि सभी किसानों को गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज प्राप्त नहीं हो पाते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार राज्य के किसानों तक इनकी पहुंच उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास कर रही है। प्रयासों की इस कड़ी में राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से लोगों के बीच योजना से जुड़ी जानकारियां दी जा रही है।

राजस्थान सरकार गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन पर किसानों को प्रोत्साहित राशि प्रदान कर रही है। इसके साथ ही बीजोत्पादन पर किसानों को दी जा रही प्रीमियम की राशि में 500 रूपए बढ़ाए गए हैं। पहले प्रति क्विंटल पर 500 रूपए दिए जाते थे, अब से बीजोत्पादन पर 1000 रूपए प्रति क्विंटल दिए जाएंगे। कहने का मतलब यह है कि सोयाबीन उत्पादकों को अब एमएसपी पर प्रति क्विंटल के हिसाब से 1000 रूपए अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी। 

योजना के अन्तर्गत बीज व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बीज व्यापारियों को निगम का अधिकृत विक्रेता बनाया जा रहा है। इसके लिए व्यापार के आधार पर स्लेब आधारित व्यापारिक छूट की नीति लागू की जायेगी। इसके तहत जो डीलर बीज की ज्यादा बिक्री करेगा उसे उतनी ही अधिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इन नीतियों का उद्देश्य किसानों तक उन्नत और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना है, ताकि किसानों को फसल की उन्नत पैदावार प्राप्त हो सके।

स्रोत : कृषि समाधान

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

आज मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे भोपाल, खरगोन, हरदा और धमनोद आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

भोपाल

1000

1800

धमनोद

2500

4000

हरदा

1800

2000

हरदा

2000

2200

खरगोन

500

2000

शिवपुरी

1300

1300

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  टमाटर जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे खातेगांव, खटोरा, आगर और डबरा आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

आगर

2000

2000

डबरा

2080

2080

खातेगांव

1800

2008

खटोरा

2015

2015

सेगांव

2110

2118

शाहगढ़

1915

1975

उमरिया

1700

2000

स्रोत: एगमार्कनेट

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इस योजना से किसानों को मिलेंगे 4000 रुपये

Crop Diversification Scheme

एक ही फसल की खेती करने से न सिर्फ किसान को बल्कि खेत की मिट्टी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार बदल बदल कर फसल लगाने पर किसानों को जागरूक करती है। हरियाणा सरकार इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए फसल विविधीकरण योजना चला रही है।

दरअसल फसल विविधीकरण योजना के माध्यम से हरियाणा सरकार दलहन-तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के माध्यम से किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाती है। बता दें की हरियाणा सरकार फिलहाल इस योजना को दक्षिण हरियाणा के 7 जिलों में चला रही है।

इन 7 जिलों में भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, हिसार, झज्जर और नूंह शामिल हैं। सरकार की तरफ से किसानों को बाजरा की खेती छोड़ने पर लगभग 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय मदद मिलेगी। इस योजना में मूंग, अरहर व उड़द जैसी दलहन फसलों के अलावा अरंड, मूंगफली व तिल जैसे तिलहन फसल को भी शामिल किया गया है।

स्रोत: कृषि जागरण

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करें ग्रामोफ़ोन ऐप से खरीदी की शुरुआत, मुफ्त पाएं उन्नत कृषि उत्पाद

ग्रामोफ़ोन ऐप के माध्यम से आप बड़ी ही आसानी से अपने पसंदीदा कृषि उत्पाद खरीद सकते हैं और पक्के जीएसटी बिल के साथ फ्री होम डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन ऐप से पहली और दूसरी खरीदी करने वाले किसानों को कुल ₹2350 MRP के जबरदस्त फसल पोषण प्रोडक्ट बिलकुल फ्री मिलेंगे।

पहले ऑर्डर पर दो ट्राई-डिजॉल्व मैक्स फ्री

ग्रामोफ़ोन ऐप से अगर आप 2000 रूपए या ज्यादा की पहली खरीदी करेंगे तो आपको फसल विकास का जबरदस्त टॉनिक.. 1600 रूपए MRP के दो ट्राई-डिजॉल्व मैक्स बिलकुल मुफ्त मिलेंगे।

दूसरे ऑर्डर पर ट्राई-कोट मैक्स फ्री

ग्रामोफ़ोन ऐप से अगर आप 2500 रूपए या इससे ज्यादा की दूसरी खरीदी करेंगे तो आपको पावरफुल पोषण का परफेक्ट प्रोडक्ट.. 750 रूपए MRP का ट्राई-कोट मैक्स बिलकुल मुफ्त मिलेगा।

नोट: इंदौर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, खातेगांव क्षेत्र में ऑफर का लाभ उठाने के लिए नोवा या मैक्स के ₹500 के प्रोडक्ट की खरीदी अनिवार्य होगी

उपर्युक्त दोनों ऑफर्स का तुरंत लाभ उठाएं और खरीदारी के लिए ऐप के बाजार सेक्शन पर जाएँ।

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कपास की फसल में 20-25 दिन की अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन

कपास फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए पोषण हेतु आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा मिट्टी में होना आवश्यक है। अगर मिट्टी में ये पोषक तत्व फसल की आवश्यकतानुसार नहीं है और फसल लगाने के पूर्व या जब भी फसल इनकी कमी देखी जाए तो उनकी उचित मात्रा देना अच्छी फसल लेने के लिए परम आवश्यक है

कपास जब 20 से 25 दिन की हो जाये तब यूरिया 40 किलो + डीएपी 50 किग्रा + सल्फर 90% डब्ल्यू जी 5 किग्रा + जिंक सल्फेट 5 किग्रा को आपस में मिलाकर मिट्टी में मिलाएं। 

2 दिन बाद  19:19 :19 @1 किलो + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001%)@300 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।

अगर बुवाई के समय  कपास समृद्धि किट का उपयोग नहीं किये है, तो अभी इन खाद के साथ खेत में अवश्य ही डाले।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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