किसान भाइयों मार्च का महीना फसल कटाई एवं नई फसल की बुवाई दोनों की ही दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। अतः इस माह में किसान भाई निम्न कृषि गतिविधियाँ अपनाकर उच्च उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
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सरसों की कटाई 75% फलियों के सुनहरे होने पर करनी चाहिए। इस अवस्था में दानों में तेल की मात्रा अधिक रहती है।
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चने के दानों में लगभग 15 प्रतिशत तक नमी होने पर फसल कटाई उपयुक्त होती है।
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जब गेहूँ के दाने पककर सख्त हो जाएं और नमी की मात्रा 20 प्रतिशत से कम हो तब कटाई कर लेनी चाहिए।
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वे किसान, जिन्होंने धान लगाईं हुई है, अपने खेत में जल का स्तर बनाए रखें। रोपाई के 25 से 30 दिनों बाद खरपतवार नियंत्रित कर यूरिया का भुरकाव करें।
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जिस किसान के पास, सिर्फ एक या दो सिंचाई की सुविधा है, वे रबी की फसल काटने के बाद गर्मी की मूंग या उड़द की खेती कर सकते हैं।
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अगर गन्ना या सूरजमुखी की बुवाई करना चाहते हैं तो यह कार्य 15-20 मार्च तक पूरा कर लें। गन्ने की दो कतारों के मध्य उड़द अथवा मूंग की दो-दो कतारें या भिंडी की एक कतार मिश्रित फसल के रूप में लगा सकते हैं।
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गर्मी में पशुओं को सुगमता से चारा उपलब्ध कराने के लिए इस समय मक्का, लोबिया तथा चरी की कुछ खास किस्मों की बुवाई कर सकते हैं।
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सब्जियों में कद्दू वर्गीय फसलों की बुवाई कर सकते हैं एवं टमाटर, मिर्च, बैंगन की नर्सरी डाल सकते हैं।
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