कृषि को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार नई व आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दे रही है, ताकि किसान भाई इन तकनीकों से निर्मित उपकरणों को अपनाकर कम लागत के साथ दोगुना मुनाफा कमा सकें। कृषि ड्रोन इन्हीं आधुनिक उपकरणों में से एक है। इसकी सहायता से कुछ ही घंटों मेंं एक बड़े क्षेत्रफल में फैली फसल पर कीटनाशक और दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है। इससे समय और श्रम दोनों की बचत होगी। इसी के साथ ही ड्रोन को खेतों की सुरक्षा और देखरेख के काम भी लाया जा सकता है।
कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से ‘कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन’ योजना जारी की गई है। इसके लिए मंत्रालय ने आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को वित्त पोषण दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ड्रोन खरीद पर देशभर में अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु-सीमांत औरर महिला कृषकों को प्रति उपकरण लागत का 50 फीसदी या अधिकतम 5 लाख रुपए की सब्सिडी और अन्य किसानों को 40 फीसदी या अधिकतम 4 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी, ताकि हर तबके का किसान इस तकनीक का लाभ उठा सके।
इसी के साथ ही कृषि उपकरणों की उपलब्धता को और अधिक आसान बनाने के लिए कस्टमर हायरिंग सेंटर के दायरे को भी बढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं अग्रणी कृषि अनुसंधान और कृषि प्रशिक्षण संस्थान की सहायता से देशभर में किसानों को ड्रोन से छिड़काव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी मदद से जल्द से जल्द अधिक संख्या में किसान कृषि ड्रोन का इस्तेमाल कर खेती को सुगम बना सकेंगे।
स्रोत: टीवी 9
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