इंदौर मंडी में 10 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?
वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 10 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?
वीडियो स्रोत: यूट्यूब
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लहसुन में कंद फटने से होगा नुकसान, जानें बचाव के उपाय
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किसान भाइयों लहसुन की फसल इस समय परिपक्व अवस्था पर आ गई है। लहसुन की फसल में कंद फटने या कलियां खिलने के प्रथम लक्षण पौधे के आधार पर दिखाई देते हैं।
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इस समस्या का मुख्य कारण फसल में अनियमित रूप से सिंचाई करना होता है।
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खेत में ज्यादा सिंचाई के बाद एकदम कुछ दिन सिंचाई न करना और खेत का पूरी तरह से सूखा दिखाई देना एवं फिर से अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण से भी कंद फटने लगते हैं।
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लहसुन के खेत में लगातार अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
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एक समान सिंचाई और पर्याप्त उर्वरकों की मात्रा का उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है।
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धीमी वृद्धि करने वाले लहसुन की किस्मों का उपयोग करने से भी इस विकार को कम कर सकते हैं।
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धान की फसल में तना छेदक कीट का ऐसे करें नियंत्रण
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इस कीट की सुंडी अवस्था ही धान की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
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अंडे से निकलने के बाद सुंडियां मध्य कलिकाओं की पत्तियों को छेदकर तने में घुस जाती हैं। जिसके बाद ये सुंडियां तने को अंदर ही अंदर खाती हुई गांठ तक पहुंच जाती हैं।
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पौधों की बढ़वार की अवस्था में इस कीट का प्रकोप होने पर बालियाँ नहीं निकलती हैं।
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वहीं बाली निकलने वाली अवस्था में प्रकोप होने पर बालियाँ सूखकर सफेद हो जाती हैं, जिस वजह से दाने नहीं बनते हैं।
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इसके नियंत्रण के लिए सुपर- डी (क्लोरोपाइरीफोस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी) @ 500 मिली या प्रोफेनोवा (साइपरमैथिन 4% + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी) @ 400 मिली एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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कैलडन (कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड 4% जीआर) @ 8 किलो प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में उपयोग करें।
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जैविक नियंत्रण के लिए बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें l
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ऐसे करें मूंग की बुवाई करते समय उर्वरक प्रबंधन
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मूंग की बुवाई के समय अच्छे अंकुरण और फसल के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन तत्वों में फास्फोरस, पोटाश, जिंक, सल्फर प्रमुख होते हैं।
इनके लिए बुवाई के समय निम्न उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है:
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इसमें डीएपी 40 किलोग्राम + म्यूरेट ऑफ पोटाश 20 किलोग्राम + ज़िंक सल्फेट 5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करना चाहिए।
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इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन की ‘मूंग समृद्धि किट’ का उपयोग आवश्यक रूप से करें। इस किट में आपको मूंग की फसल की स्वस्थ बढ़वार के लिए उपयोगी सारे पोषक तत्व साथ मिल जाएंगे।
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इस किट का प्रयोग उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, जिसमें – पी के बैक्टीरिया (प्रो कॉम्बिमैक्स), राइज़ोबियम कल्चर (जैव वाटिका-आर), ट्राइकोडर्मा विरिडी (कॉम्बेट), ह्यूमिक एसिड, सीवीड एक्स्ट्रैक्ट, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा (मैक्समाइको) आदि शामिल हैं।
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में अब थम जाएगी बारिश, बढ़ेगी गर्मी
पर्वतीय राज्यों में हल्के हिमपात की संभावना बन रही है। उत्तर भारत के राज्यों के साथ साथ देश के ज्यादातर क्षेत्रों में अब गर्मी बढ़ेगी। राजस्थान में बारिश तथा ओलावृष्टि के बाद अब मौसम शुष्क होने की संभावना है। वहीं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं गुजरात में भी अब मौसम साफ हो जाएगा और गर्मी बढ़ सकती है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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बनवाएं पशु किसान क्रेडिट कार्ड और पाएं 3 लाख का लोन, जानें आवेदन प्रक्रिया
बहुत सारे किसान कृषि के साथ साथ अतिरिक्त कमाई के लिए पशुपालन करते हैं। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कम ब्याज पर लोन उपलब्ध करवाती है। यह लोन पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर किसान प्राप्त कर सकते हैं।
फिलहाल यह योजना हरियाणा सरकार की तरफ से शुरू की गई है पर जल्द ही इस योजना के अन्य राज्यों में भी शुरू होने की संभावना है। इस योजना का लाभ 56 हजार किसान अब तक ले चुके हैं।
इस कार्ड को बनवाने के लिए पैन कार्ड व आधार कार्ड आवश्यक होता है। सबसे पहले केवाईसी करवाना अनिवार्य है। साथ ही पासपोर्ट साइज फोटो भी देनी होती। यह कार्ड आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर बनवा सकते हैं। आवेदन करने के एक महीने बाद आपको पशु क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा।
स्रोत: कृषि जागरण
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इस योजना से जुड़ें और हर महीने पाए 3000 रूपए की पेंशन
कृषि क्षेत्र की अनिश्चितताओं की वजह से किसान भाईयों की आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं रह पाती है। ऐसी स्थिति में इन्हें वृद्धावस्था में जीवनयापन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किसानों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और भूमिहीन किसानों को शक्ति प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसान भाई 55 रूपए से 200 रूपए का प्रीमियम भरकर प्रतिमाह 3000 रूपए की पेंशन राशि प्राप्त कर सकते हैं।
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने वाले आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसी के साथ ही इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि योग्य भूमि होगी। वहीं योजना से जुड़ने के बाद 18 वर्ष के लाभार्थी को 55 रूपए प्रतिमाह और 40 वर्ष के लाभार्थी को 200 रूपए प्रतिमाह का भुगतान करना होगा। लाभार्थी की आयु 60 वर्ष हो जाने पर आर्थिक सहायता के रूप में 3000 रूपए प्रतिमाह पेंशन राशि दी जाएगी। यदि पेंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थी की मृत्यू हो जाती है तो उसकी पत्नी को 1500 रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना से जुड़ने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट https://maandhan.in/ पर जाएं। यहां लॉगिन बटन पर क्लिक कर लॉगिन करें और मोबाईल नंबर का पंजीकरण करवाएं। इसके बाद आवेदन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरकर सबमिट कर दें।
स्रोत: आज तक
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रतलाम मंडी में 9 मार्च को क्या रहे नए गेहूँ के भाव?
नए गेहूँ भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है गेहूँ का भाव !
स्रोत: यूट्यूब
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रतलाम मंडी में 9 मार्च को क्या रहे सोयाबीन व मटर भाव?
सोयाबीन व मटर भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !
स्रोत: यूट्यूब
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