सोयाबीन में बनी जोरदार तेजी, देखें आगे कैसा रह सकता है भाव?

Ratlam soybean and gram rates Ratlam soybean and gram rates

वीडियो के माध्यम से देखें सोयाबीन का भाव आगे कहाँ तक पहुँच सकता है!

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

पूरे फरवरी माह चलेगी वसंत उत्सव सेल, देखें सभी ऑफर एक साथ

Gramophone February Offers

पूरे फरवरी माह चलेगी वसंत उत्सव सेल, देखें सभी ऑफर एक साथ

खरीदें नोवामैक्स 1 लीटर और पाएं आकर्षक मफलर बिलकुल फ्री !!

खरबूज की फसल का जाँचा परखा साधन, पाएं स्वस्थ फसल बढ़वार व बंपर उत्पादन

मूंग की फसल से पाएं मनचाहा उत्पादन, फसल में डालें उन्नत उत्पादों का अनूठा मिश्रण

ग्रामोफ़ोन के खास ऑफर में खरीदें 20 लीटर क्षमता, लंबी बैटरी व 4 प्रकार के नोजल वाला ₹4500 का मैजेस्टिक स्प्रे पंप सिर्फ ₹3099 में

तरबूज से तगड़ा मुनाफ़ा पाएं, इन बीजों को खेतों में उगाएं

समृद्धि किट का नहीं कोई जोड़, तरबूज से उपज मिलेगी ताबड़तोड़

चाहिए भिंडी की उपज भरपूर, तो इन बीजों को खरीदें जरूर

अब भिंडी से कमाएं भरपूर मुनाफा, समृद्धि किट करेगी उपज में इजाफा

लहसुन से तगड़ा मुनाफ़ा पाएं,फसल में यह किट जरूर डलवाएं

आकर्षक ऑफर वाले सभी कूपन्स की जानकारी

अनु क्रमांक कूपन का नाम खरीद राशि (रु.) छूट राशि (रु.) कूपन का उपयोग
1 GP:NEW:50 1000 50 पहली खरीदी पर लागू
2 Feb1000 1000 20 रु.1000 की व अधिक खरीदी पर लागू
3 Feb2000 2000 50 रु.2000 की व अधिक खरीदी पर लागू
4 Feb3000 3000 80 रु.3000 की व अधिक खरीदी पर लागू
5 Feb5000 5000 150 रु.5000 की व अधिक खरीदी पर लागू
6 Feb7500 7500 200 रु.7500 की व अधिक खरीदी पर लागू
7 FEB10000 10000 320 रु.10000 की व अधिक खरीदी पर लागू
8 FEB15000 15000 500 रु.15000 की व अधिक खरीदी पर लागू

उपर्युक्त कूपन्स और ऑफर्स की अधिक जानकारी के लिए ग्राम बाजार सेक्शन में जाएँ और अपने चयनित उत्पादों पर मौजूद ‘खरीदी करें’ बटन दबा कर कृषि विशेषज्ञों से जुड़ें और विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

Share

तरबूज में गमी स्टेम ब्लाइट रोग की पहचान व नियंत्रण के उपाय

Symptoms and treatment of gummy stem blight disease in watermelon crop
  • किसान भाइयों तरबूज की फसल में लगने वाला गमी स्टेम ब्लाइट (गमोसिस) के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर, फिर तने पर गहरे भूरे रंग के धब्बे या घावों के रूप में दिखाई देते हैं। 

  • घाव अक्सर पत्ती मार्जिन पर पहले विकसित होते हैं लेकिन अंततः पूरी पत्तियों पर फैल जाते हैं।

  • तने पर गमोसिस ब्लाइट के लक्षण घाव के रूप में दिखायी देते हैं ये आकार में गोलाकार होते हैं और भूरे रंग के होते हैं।  

  • गमोसिस ब्लाइट या गमी स्टेम ब्लाइट का एक मुख्य लक्षण यह है की इस रोग से ग्रसित तने से गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है। 

  • इसके रासायनिक उपचार के लिए कोनिका (कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम या जटायु (क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम या लार्क (टेबुकोनाज़ोल 25.9% ईसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त कर सकते है।  

  • जैविक उपचार के रूप में मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस) @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

जानिए, फसलों में खलियों का प्रयोग एवं महत्व

Oil cake manure is better for crops

किसान भाइयों तिलहनी फसलों के बीजों से तेल निकालने के बाद जो अवशिष्ट पदार्थ बच जाता है उसे खली कहते हैं। जब इसे खेत मे खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है तब यह खली की खाद कहलाता है। 

खली 2 प्रकार की होती है –

  1. खाद्य खली: यह पशुओं के खाने योग्य होती हैं जैसे – बिनौला, सरसों, तारामीरा, मूंगफली, तिल, नारियल आदि l           

  2. अखाद्य खली: यह पशुओं के खाने योग्य नहीं होती हैं, इन्हें खेत में खाद के रूप में उपयोग किया जाता है। जैसे अरण्डी, महुआ, नीम, करंज आदि। यह फसल में कीटनाशक का कार्य भी करती हैं। 

खलियों में गोबर की खाद एवं कम्पोस्ट की तुलना में नाइट्रोजन अधिक मात्रा में पाई जाती है, साथ ही खलियों में फास्फोरस एवं पोटाश भी पाया जाता है। 

विभिन्न खली की खादों में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा –

खली 

नाइट्रोजन %

फास्फोरस %

पोटाश    %

अरण्डी

4.37

1.85

1.39

महुआ

2.51

0.80

1.85

नीम

5.22

1.08

1.48

करंज

3.97

0.94

1.27

खली की खाद सान्द्र कार्बनिक खादों के वर्ग में आती है इसका प्रयोग खेत में बुवाई पूर्व एवं पश्चात दोनों समय कर सकते है। 

बुवाई के पहले खलियों का प्रयोग – 

  1. महुआ की खली के अतिरिक्त सभी खलियो का चूर्ण बुवाई के 10 -15 दिन पूर्व खेत में प्रयोग करना चाहिए।

  2. महुआ की खली देरी से अपघटित होती है इसलिए इसका उपयोग खेत में बुवाई के 2 माह पहले करना चाहिए। इसमें सेपोनिन नामक रसायन पाया जाता है जिसकी उपस्थिति के कारण धान की फसल के लिए यह एक उत्तम खाद है। 

  3. खलियों को खेत में बिखर कर हल्की जुताई कर मिट्टी में मिला देना चाहिए। 

बुवाई पश्चात खलियों का प्रयोग – 

  1. अंकुरण के पश्चात पौधे के पास पिसी हुई खली के चूर्ण का प्रयोग करें।

  2. कंद मूल वाली फसलों में मिट्टी चढ़ाते समय खलियों का प्रयोग कर सकते है। 

  3. ध्यान रखे खलियों को खेत मे डालने के बाद उनके अपघटन के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना अति आवश्यक है। 

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

वेस्टर्न डिस्टरबेंस से कई राज्यों में बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर हिमपात देंगे। इनके प्रभाव से बनने वाला चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर भारत के राज्यों में बारिश की गतिविधियां उत्पन्न करेगा। पूर्वी भारत में भी हल्की बारिश की संभावना बन रही है। वहीं तमिलनाडु के कई क्षेत्रों में छिटपुट बारिश के आसार बन रहे हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

इस योजना से मुफ्त इलाज के लिए मिलते हैं 5 लाख रुपये

5 lakh rupees are available for free treatment from this scheme

सरकार किसानों एवं गरीबों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है आयुष्मान भारत योजना जिसके माध्यम से गरीब परिवार को मुफ्त व बेहतर इलाज की सुविधा मिलती है।

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को बड़े अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें इलाज का खर्च हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति को नहीं देना होता है।

इस योजना से जुड़ने के लिए आपको अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाना होगा और सीएमओ से संपर्क करना होगा। यहाँ आपको अपने पूरे परिवार का नाम दर्ज करवाना होगा। इस योजना के पात्र लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया जाता है। अगर किसी व्यक्ति का कार्ड नहीं बना हो तो वह अस्पताल में भर्ती होने के समय अस्पताल में रहने वाले प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र से मिलकर अपना कार्ड बनवा सकता है।

स्रोत: न्यूज़ 18

आपके जीवन से जुड़ी ऐसी ही लाभकारी सरकारी योजनाओं से सम्बंधित जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

इंदौर मंडी में 7 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 7 फरवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

सोयाबीन भाव में दिखी तेजी, देखें 7 फरवरी को रतलाम मंडी के भाव

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

शाजापुर मंडी में 7 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Shajapur Mandi Onion Rates

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 7 फरवरी के दिन शाजापुर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

नर्सरी तैयार करते समय यह सावधानियां अपनाएं और स्वस्थ पौध पाएं

Precautions to be taken while preparing a nursery
  • पौधों को प्रारंभिक अवस्था में उचित देखरेख के लिए जिस छोटे स्थान पर रखा जाता है उसे पौधघर या नर्सरी कहते है।

  • पौधघर के लिए स्थान चयन – पौध घर की भूमि आसपास के स्थान से ऊंची हो, भूमि उपजाऊ व विकार रहित हो, पर्याप्त मात्रा में सूर्य प्रकाश उपलब्ध हो, सिंचाई की स्थायी व्यवस्था हो, प्रदूषण रहित स्थान हो, सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था हो, स्थानीय एवं सस्ते मजदूरों की उपलब्धता हो। इन सभी बातों का ध्यान पौधघर के लिए स्थान चयन करते समय रखें। 

  • उपजाऊ मिट्टी, रेत और केंचुआ खाद क्रमशः 2:1:1 में मिश्रित कर उपयोग में ले।

  • बीज बोने की क्यारियाँ 3 मीटर लम्बी एवं 1 मीटर चौड़ी तथा 10 – 15 सेमी ऊंची उठी हुई आदर्श मानी जाती है। 

  • बीज उपचार – बीजों को बुवाई के पूर्व करमानोवा (कार्बेन्डाजिम12% + मैनकोज़ेब 63% डब्ल्यूपी) @ 3 ग्राम/किलोग्राम बीज़ की दर से उपचारित करें। 

  • सिंचाई – शरद एवं ग्रीष्म ऋतु में अंकुरण के पहले प्रतिदिन सायंकाल हजारे से सिंचाई करना चाहिए। 

  • निराई गुड़ाई-  खरपतवारों को हाथ से या खुरपी से निकाल देना चाहिए एवं समय समय पर हल्की गुड़ाई करें।  

  • पौध संरक्षण –  फफूंदी जनित रोग एवं कीट प्रबंधन के लिए बुवाई के 20 -25 दिन बाद संचार (मेटलैक्सिल 8% + मैंकोज़ेब 64% डब्ल्यूपी) @ 60 ग्राम + पोलिस (फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यू जी) @ 5 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर अच्छे से ड्रेंचिंग करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share