राजस्थान से मध्य प्रदेश तक भारी वर्षा के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक के बाद एक आने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर अच्छा हिमपात देंगे। उत्तर भारत सहित मध्य और पूर्वी भारत में बारिश संभव है। अगले कुछ दिनों तक पंजाब हरियाणा दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित राजस्थान के कुछ जिलों में दिन में तापमान बहुत कम रहेंगे तथा घना कोहरा छाया रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सोयाबीन, प्याज, लहसुन भाव में आज कितनी तेजी, देखें मंदसौर मंडी का हाल

Soybean Onion Garlic Rates

सोयाबीन प्याज व लहसुन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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बैंगन की फसल में मकड़ी की रोकथाम के उपाय

Mites management in brinjal crop
  • किसान भाइयों बैंगन की फसल में मकड़ी की पहचान आसानी से कर सकते है। यह कीट छोटे एवं लाल रंग के होते है जो फसलों के कोमल भागो जैसे पत्तियों, फूलों एवं कलियों, मुलायम टहनियों पर भारी संख्या में देखे जा सकते हैं।  

  • जिन पौधों पर मकड़ी का प्रकोप होता है उस पौधे पर जाले दिखाई देते है। यह कीट पौधे के कोमल भागो का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते है एवं अंत में पौधा मर जाता है। 

  • बैंगन की फसल में मकड़ी के नियंत्रण के लिए निम्र दवाओं का उपयोग किया जाता है।

  • प्रोपरजाइट 57 % ईसी @ 400 मिली या स्पाइरोमेसिफेन 22.9% एससी @ 200 मिली या ऐबामेक्टिन 1.8% ईसी @ 150 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में मेट्राजियम @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

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गाजर घास नियंत्रण के प्रभावी उपाय

Know the measures of Congress grass control
  • किसान भाइयों, गाजर घास एक खरपतवार है, जिसका वैज्ञानिक नाम पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस है, इसे कैरट ग्रास, कांग्रेस घास और क्षेत्रीय भाषा में सफेद टोपी, चटक चांदणी आदि नामों से भी जाना जाता है।

  • यांत्रिक विधि द्वारा, नम जमीन में, इस खरपतवार को फूल आने से पहले हाथ से या खुरपी से उखाड़कर, इकट्ठा करके जला देने से काफी हद तक इसका नियंत्रण किया जा सकता है।

  • उखाड़े गये पौधों को 3 से 6 फीट गहरे गड्ढों में गोबर के साथ मिलाकर दबा देने से अच्छी किस्म की खाद तैयार की जा सकती है।

  • इस घास के रासायनिक नियंत्रण के लिए 2,4 डी @ 40 मिली/पंप उपयोग करें। जब गाजर घास के पौधे 3-4 पत्तों की अवस्था में हो छिड़काव कर सकते हैं। 

  • गैर फसली क्षेत्र में ग्लाइफोसेट 41% एसएल @ 225 मिली प्रति पंप की दर से साफ पानी में मिलाकर छिड़काव करें। बेहतर परिणाम के लिए इसमें 250 ग्राम अमोनियम सल्फेट मिला सकते है।

  • जैविक नियंत्रण के लिए बीटल कीट जो गाजर घास को अच्छी तरह नष्ट करने में सक्षम होते हैं और अन्य उपयोगी फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं डालते। जून से अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में बीटल कीट अधिक सक्रिय रहता है और 1 एकड़ के लिए लगभग 3 से 4 लाख बीटल कीट पर्याप्त रहता है। 

  • केसिया टोरा, गेंदा, जंगली चौलाई जैसे कुछ पौधों की बुवाई मानसून से पहले अप्रैल-मई में करने से गाजर घास ग्रसित क्षेत्र का प्रसारण कम होने लगता है।

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कई राज्यों में फिर शुरू होगी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

उत्तर मध्य और पूर्वी भारत में छाया घना कोहरा अब कम होने लगेगा तथा दिन के तापमान बढ़ेंगे। एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर बारिश और हिमपात देते रहेंगे। एक बार फिर बारिश की गतिविधियां राजस्थान और पंजाब से शुरू होकर बिहार और पश्चिम बंगाल तक जाएंगी। उत्तर राज्यों में फिर शुरू होगी वर्षा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मात्र 319 रुपये में घर लाएं बाइक, TVS कंपनी का बढियाँ ऑफर

TVS company's best offer Bring home a bike for just Rs 319

प्रमुख बाइक निर्माता कंपनी TVS Motors के एक खास ऑफर के अंतर्गत आप TVS Apache बाइक सिर्फ 319 रुपये महीने पर घर ला सकते हैं। अगर आप बढियाँ परफॉर्मेंस वाली दमदार TVS Apache RTR 160 4V खरीदने की सोच रहे हैं और आपके पास इसके लिए पूरे पैसे नहीं हैं तो आपके पास एक शानदार EMI ऑप्शन है।

TVS Apache के ऑफिसियल फेसबुक पेज के पोस्ट के माध्यम से बताया गया है की आप Apache RTR 160 मात्र 319 रुपये की मासिक किस्त पर ले सकते हैं। इसके साथ ही आप इसकी खरीदारी पर 8000 रुपये तक की अच्छी बचत भी कर सकते हैं। इससे जुड़ी अधिक जानकारी हेतु आप अपने क्षेत्र के नजदीकी डीलर से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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जीरो खर्च पर करें निराई गुडाई, इसमें न लगेगा पेट्रोल न डीजल

Do weeding at zero cost

वीडियो के माध्यम देखें की कैसे आप इस ख़ास मशीन के माध्यम से जीरो खर्च में कर सकेंगे निराई-गुडाई का पूरा काम।

वीडियो स्रोत: रविज़ोन फार्मिंग लीडर

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कद्दू वर्गीय फसलों में रस चूसक कीटों का प्रबंधन

Management of sucking pests in cucurbitaceae crops
  • किसान भाइयों एवं बहनों कद्दू वर्गीय फसलों में मुख्यतः लौकी, करेला, गिलकी, तुरई, कद्दू, परवल, पेठा एवं खीरा आदि इसी वर्ग में आते हैं। 

  • मौसम में हो रहे परिवर्तनों के कारण इन फसलों में रस चूसक कीट जैसे थ्रिप्स, माहू, हरा तेला, मकड़ी, सफेद मक्खी आदि पत्तियों, कोमल बेलों व फूलों का रस चूसकर बहुत नुकसान पहुंचाते है। इनका सही समय पर प्रबंधन आवश्यक है –

  • थ्रिप्स:- प्रोफेनोफोस 50% ईसी @ 500 मिली या एसीफेट 75% एसपी @ 300 ग्राम या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% सीएस @ 200 मिली या फिप्रोनिल 5% एससी @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • माहू/हरा तेला:- एसीफेट 50 % + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी @ 400 ग्राम या  एसिटामिप्रीड 20 % एसपी @ 100 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।   

  • सफेद मक्खी:- डायफैनथीयुरॉन 50% डब्ल्यूपी @ 250 ग्राम या फ्लोनिकामिड 50% डब्ल्यूजी @ 60 ग्राम या एसिटामिप्रीड 20 % एसपी @ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें। 

  • मकड़ी:- प्रॉपरजाइट 57% ईसी @ 400 मिली या स्पाइरोमेसिफेन 22.9% एससी @ 250 मिली या एबामेक्टिन 1.9 % ईसी @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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गेहूँ में बालियां निकलते समय जरूर करें ये आवश्यक छिड़काव

In wheat crops necessary spraying management at the time of earhead emergence
  • किसान भाइयों गेहूँ की फसल में 60 -90 दिनों की अवस्था बाली निकलने एवं बालियों में दाना भरने की होती है।

  • इस अवस्था में गेहूँ की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन करना बहुत ही आवश्यक होता है।

  • फसल की अच्छी वृद्धि एवं बालियां बनने के लिए होमोब्रासिनोलाइड 0.04% @ 100 मिली + 00:52:34 @ 1 किलो प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें एवं 10 – 15 दिन बाद बालियों में अच्छा दाना भरने के लिए 00:00:50 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • किसान भाई 00:52:34 के बदले मेजरसोल 500 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें। 

  • बालियाँ निकलने की अवस्था में गेहूँ की फसल में फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। इसके लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी @ 400 मिली/एकड़ एवं 7-10 दिन बाद प्रोपिकोनाजोल 25% ईसी @ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • इस समय इल्लीयों (सूंडी) का प्रकोप दिखाई देने पर इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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ऐसे करें गेहूँ के लूज़ स्मट अर्थात अनावृत्त कंडवा रोग का नियंत्रण

Loose smut disease in wheat
  • प्रिय किसान भाइयों गेहूँ में लगने वाला लूज़ स्मट यानि अनावृत्त कंडवा रोग एक बीज़ जनित रोग है, इसका रोगकारक अस्टीलैगो सेजेटम नामक फफूंद है।

  • इस रोग से संक्रमित बीज ऊपर से बिल्कुल स्वस्थ बीजों की तरह ही दिखाई देते है।

  • इस रोग के लक्षण गेहूँ में बाली आने पर दिखाई देते हैं।

  • रोगी पौधों की बालियों में दाने की जगह रोगजनक के रोगकंड (स्पोर्स) काले पाउडर के रूप में पाये जाते हैं, जो कि हवा से उड़कर अन्य स्वस्थ बालियों को भी संक्रमित कर देते हैं।

  • इस रोग के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय बीज़ उपचार ही है।

  • इसके आलावा इस रोग के नियंत्रण के लिए कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम या हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी @ 400 मिली या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% डब्ल्यूजी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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