आपकी गेहू फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 3 से 5 दिन बाद – पूर्व उद्धभव खरपतवार के लिए छिड़काव

उगने से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए पेंडामेथालिन 38.7% सीएस (धानुटॉप सुपर) 700 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

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आपकी गेहू फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 1 से 2 दिन बाद – बेसल डोज एवं प्रथम सिचाई

बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और उर्वरक की पहली खुराक जमीन से दे । यूरिया 20 किग्रा, डीएपी- 50 किग्रा, एमओपी- 25 किग्रा, एनपीके बैक्टीरिया (एसकेबी फोस्टरप्लस बीसी -15)-100 ग्राम, ज़िंक सोल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया (एसकेबी जेडएनबीबी) – 100 ग्राम, समुद्री शैवाल, अमीनो, ह्यूमिक और माइकोराइजा (मैक्समाइको) – 2 किलो प्रति एकड़ सभी को मिलाएं और मिट्टी में फैलाएं

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आपकी गेहू फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 3 दिन पहले- बीज उपचार

बीज को मिट्टी में मौजूद फफूंद से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम + मैनकोजेब (कार्मानोवा) 2.5 ग्राम या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% (विटावक्स पावर) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।

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आपकी गेहू फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 8 से 10 दिन पहले- खेत की तैयारी

4 टन गोबर की खाद में 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइजोकेयर) मिलाएं। अच्छी तरह मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में मिट्टी में फैला दें। यदि आपके क्षेत्र में दीमक एक बड़ी समस्या है, तो कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4% जीआर ग्रेन्यूल्स (कालडान) 7.5 किग्रा प्रति एकड़ प्रसारित करें।

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सोयाबीन भाव में बढियाँ उछाल, देखें मंदसौर मंडी में आज क्या रहा हाल?

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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प्याज भाव में दिखी कितनी तेजी, देखें 7 जनवरी को इंदौर मंडी का हाल

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 7 जनवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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कबाड़ से स्प्रे पम्प मशीन बनाने का सरल तरीका, देखें पूरा वीडियो

Simple way to make spray pump machine from scrap

कबाड़ में फेंक दी जाने वाली चीजों से भी कई बार बहुत सारे काम की चीजे बनाई जा सकती है। आज के इस वीडियो में कबाड़ से स्प्रे पम्प मशीन बनाने का तरीका बताया गया है। देखें विस्तृत वीडियो।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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अरे वाह, संरक्षित खेती से मिलते हैं इतने सारे फायदे

Know the benefits of protected farming
  • संरक्षित खेती आधुनिक युग की ऐसी नवीनतम कृषि प्रणाली है, जिसके माध्यम से किसान फसलों की मांग के अनुसार वातावरण को नियंत्रित करते हुए महंगी फसलों की खेती प्राकृतिक प्रकोपों एवं अन्य समस्याओं से बचाव कर कम से कम क्षेत्रफल में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। 

  • संरक्षित खेती की संरचनाएं कीट अवरोधी नेट हाउस, ग्रीन हाउस, प्लास्टिक लो-टनल, प्लास्टिक हाई-टनल, प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई तकनीक आदि हैं।

संरक्षित खेती तकनीक अपनाने के निम्न फायदे हैं 

  • फल, फूल व सब्जियों का इस तकनीक के माध्यम से बे-मौसमी उत्पादन करके अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

  • इस तकनीक से बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली फसलों को आसानी से उगाया जा सकता है। जिनकी बाजार में मांग एवं कीमत दोनों ही अधिक होती हैं।

  • प्राकृतिक आपदाओं, जैसे तापमान में उत्तार-चढ़ाव, बारिश, ओला-वृष्टि, कोहरा, धूप, लू आदि कारकों के साथ कीट पतंगों, जंगली जानवरों से भी, फसलों को सुरक्षा मिलती है l 

  • यह कम जोत वाले छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी तकनीक है l 

  • देश में बढ़ती जनसँख्या के साथ बे-मौसमी सब्जियों की मांग भी बाजार में निरंतर बढ़ रही है, बे-मौसमी सब्जियां महंगी होने का यही एक कारण है कि बाजार में उत्पादन कम और मांग ज्यादा है, इस समय किसान भाई यह तकनिक अपनाकर अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। 

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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लहसुन की पत्तियां हो रही हों पीली तो जल्द कर लें बचाव के उपाय

Know why garlic leaves are turning yellow
  • किसान भाइयों, मौसम में लगातार परिवर्तन होने के कारण लहसुन की फसल में पीलेपन की समस्या दिखाई दे रही है जिसके कारण लहसुन की वृद्धि एवं विकास पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है। 

  • लहसुन का पीलापन फफूंदी जनित रोगों, रस चूसक कीटों एवं पोषक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकता है। 

  • यदि यह फफूंदी जनित रोगों के कारणों से होता है, तो कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम या थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • पोषक तत्वों की कमी के कारण होने पर सीवीड एक्स्ट्रैक्ट @ 400 मिली/एकड़ या ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • कीटों के प्रकोप के कारण होने पर प्रोफेनोफॉस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% ईसी @ 400 मिली या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर उपयोग करें।

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मध्यप्रदेश राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना

Madhya Pradesh Weather Update Madhya Pradesh Weather Update

7 जनवरी से एक बार फिर पहाड़ों पर भारी हिमपात शुरू होगा उत्तर भारत के साथ-साथ मध्य भारत के सभी राज्यों में तेज बारिश संभव है। गुजरात तथा महाराष्ट्र सहित बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ तेलंगाना आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तक बारिश संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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