अरे वाह, संरक्षित खेती से मिलते हैं इतने सारे फायदे

  • संरक्षित खेती आधुनिक युग की ऐसी नवीनतम कृषि प्रणाली है, जिसके माध्यम से किसान फसलों की मांग के अनुसार वातावरण को नियंत्रित करते हुए महंगी फसलों की खेती प्राकृतिक प्रकोपों एवं अन्य समस्याओं से बचाव कर कम से कम क्षेत्रफल में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। 

  • संरक्षित खेती की संरचनाएं कीट अवरोधी नेट हाउस, ग्रीन हाउस, प्लास्टिक लो-टनल, प्लास्टिक हाई-टनल, प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई तकनीक आदि हैं।

संरक्षित खेती तकनीक अपनाने के निम्न फायदे हैं 

  • फल, फूल व सब्जियों का इस तकनीक के माध्यम से बे-मौसमी उत्पादन करके अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

  • इस तकनीक से बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली फसलों को आसानी से उगाया जा सकता है। जिनकी बाजार में मांग एवं कीमत दोनों ही अधिक होती हैं।

  • प्राकृतिक आपदाओं, जैसे तापमान में उत्तार-चढ़ाव, बारिश, ओला-वृष्टि, कोहरा, धूप, लू आदि कारकों के साथ कीट पतंगों, जंगली जानवरों से भी, फसलों को सुरक्षा मिलती है l 

  • यह कम जोत वाले छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी तकनीक है l 

  • देश में बढ़ती जनसँख्या के साथ बे-मौसमी सब्जियों की मांग भी बाजार में निरंतर बढ़ रही है, बे-मौसमी सब्जियां महंगी होने का यही एक कारण है कि बाजार में उत्पादन कम और मांग ज्यादा है, इस समय किसान भाई यह तकनिक अपनाकर अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। 

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