लहसुन को सल्फर एवं जिंक से मिलता है जबरदस्त पोषण, पढ़ें इसके फायदे

Importance of sulfur and zinc in garlic crop
  • लहसुन की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए द्वितीयक पोषक तत्व सल्फर एवं जिंक का प्रमुख योगदान रहता है।

  • सल्फर फसल में एक अच्छे उर्वरक के साथ, कवकनाशी और कीटनाशक की तरह भी काम करता है। यह पौधे को भोजन बनाने में मदद करता है। सल्फर फसल में कई प्रकार के हानिकारक कवक, मकड़ी आदि के प्रकोप को नियंत्रित करता है।

  • इसकी कमी को पूरा करने के लिए बुवाई के समय मिट्टी में बेंटोनाइट सल्फर 5 किलो प्रति एकड़ उपयोग कर सकते हैं या सिंगल सुपर फॉस्फेट 50 किलो प्रति एकड़ का उपयोग अनिवार्य रूप से कर सकते हैं। फसल की अच्छी और शीघ्र वृद्धि के लिए लिक्विड सल्फर 80% SC 400 मिली प्रति एकड़ की दर से फसल पर छिड़काव कर सकते हैं।

  • जिंक भी आठ आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक हैं। इसकी कमी से लहसुन की फसल की पैदावार और गुणवत्ता बहुत हद तक प्रभावित होती है और फसल की उपज में 20% तक कमी आ जाती है।

  • जिंक पौधे के विकास के लिए अहम होता है। यह पौधों में कई एंजाइमों और प्रोटीनों के संश्लेण में प्रमुख भूमिका निभाता है।

  • इसके साथ साथ ज़िंक वृद्धि हार्मोन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान करता है। परिणाम स्वरुप इंटर्नोड का आकर बढ़ता हैं।

  • भूमि में जिंक सल्फेट 5 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करके इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में आज भी जारी रहेगी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

Madhya Pradesh Weather Update

मध्य प्रदेश के कुछ भागों सहित महाराष्ट्र के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय बना रहेगा। पूर्वी भारत सहित उत्तर पूर्वी राज्यों, केरल दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तथा तटीय कर्नाटक में तेज बारिश जारी रहेगी। गुजरात और राजस्थान से मानसून जल्द विदा होगा। दिल्ली का मौसम शुष्क रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस हफ्ते प्याज भाव में रही भयंकर तेजी, देखें इंदौर मंडी की साप्ताहिक समीक्षा

Indore onion Mandi Bhaw,

पिछले हफ्ते इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा वीडियो के माध्यम से देखें और जानें आने वाले दिनों में प्याज भाव कैसा रह सकता है?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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मटर की अच्छी उपज चाहिए तो बुआई पूर्व बीज उपचार जरूर करें

For good yield of peas, do seed treatment before sowing
  • जिस प्रकार बुवाई के पूर्व मिट्टी उपचार आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार बुवाई के पूर्व बीज उपचार भी बहुत आवश्यक होता है l

  • बीज उपचार करने से बीज जनित रोगों का नियंत्रण होता है साथ ही बीज का अंकुरण भी अच्छा होता है। बीज उपचार हम रासायनिक व जैविक दो विधियों से कर सकते हैं

  • रासायनिक उपचार: बुवाई से पहले मटर के बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करें।

  • जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो + PSB @ 2 ग्राम/किलो बीज़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर बीज उपचार करें।

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मटर की खेती को बनाएं मुनाफे की खेती, चुनें उन्नत बीज किस्में

Know the high yielding varieties of peas

रबी मौसम की दलहनी फसलों में मटर का विशेष स्थान होता है साथ ही इसका उपयोग सब्जियों में भी किया जाता है इसलिए इसकी खपत खूब रहती है। यही कारण है की किसान भाई इसकी खेती बढ़-चढ़ कर करते हैं। मटर की खेती से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए मटर की कुछ मुख्य किस्मों का उपयोग बुवाई के लिए करना चाहिए। ये किस्में अधिक पैदावार देने वाली एवं रोग प्रतिरोधी होती हैं। इस लेख में मटर की उन्नत किस्में कौन-कौन सी है, उनकी विशेषताएं क्या है और इससे किसानों को कितनी पैदावार मिल सकती है, की जानकारी का विस्तार से दी जा रही है। 

  1. मालव सुपर अर्केल और मालव अर्केल: यह मटर की दो मुख्य किस्में हैं जिनको अर्केल किस्म के नाम से भी जाना जाता है। इनकी फसल अवधि 60 से 70 दिनों की होती है। इन किस्मो में फल की तुड़ाई 2-3 बार की जा सकती है। इसमें एक मटर की फली में बीजों की संख्या 6-8 रहती है। इन किस्मो में पौधा बोना होता है एवं यह उच्च उत्पादन वाली किस्में होती हैं। इसकी फलिया गहरे हरे रंग की होती है और ये दोनों किस्म पाउडरी मिल्डयू के लिए प्रतिरोधी है। इन किस्मों में 55-60 दिनों में पहली तुड़ाई की जा सकती है  एवं प्रति एकड़ उपज 2 टन होती है। 

  1. मालव वेनेज़िया, यूपीएल/एडवंटा/गोल्डन GS10, मालव MS10: यह मटर की तीन मुख्य किस्में हैं जिनको पेंसिल किस्म के नाम से भी जाना जाता है। यह खाने में मीठी होती हैं और इनकी फसल अवधि 75-80 दिनों की होती है। इनकी तुड़ाई 2-3 बार की जा सकती है। इनकी एक फली में बीजों की संख्या 8-10 रहती है। इनके पौधे माध्यम आकार के एवं इनकी शाखाएँ फैली हुई होती हैं। इन किस्मों की प्रति एकड़ उपज 4 टन होती है एवं ये किस्में पाउडरी मिल्डयू के लिए प्रतिरोधी होती हैं।

  1. मास्टर हरिचंद्र PSM-3, सीड एक्स PSM-3 और अंकुर सीड्स अन्वय: यह मटर की दो मुख्य किस्मे है जिनको PSM-3 किस्म के नाम से भी जाना जाता है। इनकी फसल अवधि 60 दिनों की होती है। इन किस्मों में फल की तुड़ाई 1 बार होती है। यह जल्दी पकने वाली किस्में हैं जिसे आर्केल एंड जीसी 141 के क्रॉस के माध्यम से विकसित किया गया है। इसके पौधे गहरे हरे पत्ते के साथ बौने होते हैं। इसकी फली 6-8 बीजों से भरी होती है। इन किस्मों की पैदावार 3 टन/एकड़ रहती है।

4. मास्टर हरिचंद्र AP3: इस किस्म की फसल अवधि 60-70 दिनों की होती है और इसकी तुड़ाई 1 बार होती है। इसकी फली 6-8 बीजों से भरी होती है। यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है। बुवाई के 70 दिनों के बाद पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसको अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बोया जाता है। यह औसतन 2 टन /एकड़ की पैदावार देती है।

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प्याज व लहसुन में जलेबी रोग के प्रकोप की ऐसे करें रोकथाम

Jalebi disease in onion and garlic crop

  • प्याज व लहसुन में लगने वाली जलेबी रोग नमक समस्या एक आम समस्या है जो थ्रिप्स कीट के कारण होती है। यह रोग फसल को अलग अलग अवस्थाओं में बहुत नुकसान पहुंचाता है।

  • थ्रिप्स कीट फसल की पत्तियों को सबसे पहले अपने मुंह से खुरचता है, एवं पत्तियों के नाजुक भाग को खुरचने के बाद ये उसके रस को चूसने का काम करता है।

  • इसके कारण पत्तियाँ मुड़ने लगती है और धीरे-धीरे यह समस्या अधिक बढ़ जाती है। इसके कारण पत्तियां जलेबी का आकार लेने लगती है। इस तरह पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है यह समस्या जलेबी रोग के नाम से जानी जाती हैl

  • इस रोग के निवारण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग आवश्यक होता है। इसके निवारण के लिए प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP @ 300 ग्राम/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या एसीफेट 50 % + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% SP @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में मध्यम से तेज वर्षा के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

Madhya Pradesh Weather Update Madhya Pradesh Weather Update

वीडियो के माध्यम से देखें आज कैसा रहेगा मध्य प्रदेश समेत पूरे देश का मौसम।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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2 अक्टूबर को इंदौर मंडी में क्या रहे फाइनल प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 2 अक्टूबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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किसानों को मिला फ्री ट्रैक्टर व कृषि यंत्र का लाभ, आप भी उठा सकते हैं फायदा

Farmers got the benefit of free tractor and agricultural machinery

पिछले करीब डेढ़ साल में कोरोना महामारी की वजह से बहुत सारे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से कई योजनाएं चलाई गई ताकि किसानों की मदद हो सके। इस दौरान राजस्थान सरकार की तरफ से फ्री रेंटल स्कीम चलाई गई जिससे किसानों को लाभ हुआ।

इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्र बेहद कम किराये पर दिए गए जिससे कृषि कार्य आसानी से सम्पन्न हो पाए। इस योजना में जिस किसान के पास ट्रैक्टर हो वे किसान अपने ट्रैक्टर दूसरे जरूरत मंद किसानों को किराए पर भी देते थे। इस योजना से सभी किसानों को लाभ प्राप्त हुआ।

इस साल यह योजना खरीफ सीजन के शुरुआत में 1 जून 2021 से 31 जुलाई 2021 तक चलाया गया जिससे किसानों को काफी लाभ हुआ। राज्य के करीब 31 हजार 326 किसानों को इस योजना का लाभ मिला। बताया जा रहा है की इस योजना को आगे भी समय समय पर किसानों के लिए चलाया जाएगा।

स्रोत: किसान समाधान

लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों एवं कृषि सम्बंधित ख़बरों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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इस तरह आप मुफ्त में देख सकते हैं IPL के क्रिकेट मैच

This is how you can watch IPL cricket matches for free

पिछले दिनों IPL के दूसरे चरण शुरू हुए हैं और क्रिकेट प्रेमी इसे Disney+ Hotstar पर देख सकते हैं। Disney+ Hotstar देखने के लिए सब्सक्रिप्शन लेने की जरुरत पड़ती है और इसके लिए पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। हालांकि आप चाहें तो इस बार IPL मैचों का आनंद फ्री में उठा सकते हैं।

कई टेलीकॉम ऑपरेटर्स आपको ऐसे प्लान्स दे रहे हैं जिनमें Disney+ Hotstar का सब्सक्रिप्शन फ्री में दिया जा रहा है। Jio की तरफ से भी ऐसे प्लान लांच किये गए हैं। Jio के 499 रुपये वाले प्लान में Disney+ Hotstar Mobile का सब्सक्रिप्शन एक साल के लिए दिया जाता है। इस प्लान में 3GB डेटा और 100 SMS की सुविधा भी दी जाती है साथ ही अनलिमिटेड कॉल भी इस प्लान में मिलता है। इस प्लान की वैलिडिटी 28 दिन की होती है। इसके अलावा Jio के 666 रुपये और 888 रुपये वाले प्लान में भी Disney+ Hotstar Mobile सब्सक्रिप्शन फ्री दिया जाता है।

स्रोत: आजतक

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