मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में अगले चार पांच दिन रहेगा मानसून सक्रीय, जानें कहाँ कहाँ होगी बारिश?

Weather report

मध्य प्रदेश के पूर्वी इलाकों में अगले कुछ दिन मानसून के सक्रीय रहने की संभावना है। इसकी वजह से भारी बारिश देखने को मिल सकती है। मुंबई में कल सुबह से ही बारिश की गतिविधियां जारी है, कई स्थानों पर मध्यम बारिश की वजह से मौसम सुहावना बना सकती है। कोंकण और गोवा सहित तटीय कर्नाटका और केरल में मूसलाधार बारिश के आसार। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 4 या 5 दिनों तक भारी बारिश जारी रह सकती है। दिल्ली सहित उत्तर पश्चिमी भारत को मानसून के लिए अभी 1 हफ्ते से अधिक इंतजार करना पड़ेगा।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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16 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ

1550

1731

1630

रतलाम _(नामली मंडी)

सोयाबीन

5500

6666

6300

रतलाम _(नामली मंडी)

चना

4000

4601

4541

रतलाम

गेहूँ शरबती

2421

4002

2780

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1735

2206

1840

रतलाम

गेहूँ मिल

1605

1690

1660

रतलाम

मक्का

1430

1504

1480

रतलाम

विशाल चना

4300

4826

4585

रतलाम

इटालियन चना

4500

4881

4641

रतलाम

डॉलर चना

4500

7860

7000

रतलाम

यलो सोयाबीन

5900

7501

6850

रतलाम

मटर

3300

5631

4351

हरसूद

सोयाबीन

6000

6826

6780

हरसूद

तूवर

4000

5351

5253

हरसूद

गेहूँ

1400

1691

1650

हरसूद

चना

4450

4600

4500

हरसूद

मूंग

5800

6251

6105

हरसूद

मक्का

1352

1352

1352

रतलाम _(सेलाना मंडी)

सोयाबीन

5501

8630

7065

रतलाम _(सेलाना मंडी)

गेहूँ

1581

2200

1890

रतलाम _(सेलाना मंडी)

चना

4986

4926

4503

रतलाम _(सेलाना मंडी)

डॉलर चना

6300

6801

6550

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मटर

5565

5565

5565

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मेधी दाना

5000

6511

5755

रतलाम _(सेलाना मंडी)

अलसी

6300

7001

6650

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इंदौर मंडी में 16 जून को प्याज के भाव में दिखी 350 रूपये की भारी तेजी

Onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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कपास की प्रारंभिक अवस्था में झुलसा रोग का ऐसे करें नियंत्रण

How to control blight disease in the early stages of cotton crop
  • कपास की फसल की बुआई के बाद अंकुरण की प्रारंभिक अवस्था में झुलसा रोग का प्रकोप होने लगता है जिसके कारण फसल की वृद्धि बहुत प्रभावित होती है।

  • यह रोग जीवाणु जनित है। इस रोग का प्रकोप कपास के खेत में एक साथ न शुरू होकर धीरे-धीरे कुछ कुछ हिस्सों पर होता है तथा धीरे-धीरे यह पूरे खेत में फैल जाता है। इस रोग में पत्तियाँ ऊपर से नीचे की ओर सुखना शुरू होती है।

  • इस रोग के प्रारंभिक लक्षण फसल बुआई के 20 से 35 दिन बाद पत्तियों पर दिखाई देते हैं। अधिक संक्रमण की दशा में पत्तियों का रंग मटमैला हरा हो जाता है। इसके प्रकोप के कारण फसल कमजोर हो जाती है।

  • आर्द्रता के 95 प्रतिशत से अधिक हो जाने पर रोग के तीव्रता से फैलने की संभावना होती है। इस रोग के रोगाणु मिट्टी में बहुत समय तक रहते हैं जिसके कारण यह रोग अगली फसल को भी नुकसान पहुंचाता है।

  • इसके नियंत्रण के लिए कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/प्रति एकड़ जमीन में जड़ के पास छिड़काव करें।

  • कासुगामायसिन 3% SL @ 400 मिली/एकड़ या स्ट्रेप्टोमायसिन सल्फेट 90% + टेट्रासायक्लीन हाइड्रोक्लोराइड 10% W/W @ 20 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से जमीन से दे एवं छिड़काव भी करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मानसून की धीमी रफ्तार से मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्र बारिश से हैं अछूते

monsoon rains

इस साल मानसून के जल्दी आने की वजह से देश के कई क्षेत्रों में पिछले दिनों खूब बारिश हुई पर अब कुछ दिनों के लिए मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लगता दिख रहा है। इसकी वजह से मध्य प्रदेश पश्चिमी जिले बारिश से अछूते रहेंगे। दिल्ली में भी मानसून के एक हफ्ते देर से पहुँचने की संभावना है। इसके अलावा केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भारी वर्षा जारी रहेगी। तेलंगाना महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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15 जून को इंदौर मंडी में किस भाव पर बिका प्याज?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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जानें मध्यप्रदेश में अगले 7 दिन कैसा रहेगा मौसम, कहाँ कहाँ होगी बारिश?

Weekly Madhyapradesh weather update

वीडियो के माध्यम से जानें कैसा रहेगा मध्यप्रदेश में मौसम का हाल पूरे सप्ताह।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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अश्वगंधा से भी पावरफुल इस लत्तेदार औषधीय पौधे की खेती से होगा मोटा मुनाफा

Kaunch plant

आयुर्वेद का सेवन करने वाले लोग अश्वगंधा को बहुत पावरफुल जड़ी बूटी मानते हैं। एक ऐसा ही पावरफुल जड़ी बूटी है कौंच जिसके सेवन से कई शारीरिक लाभ तो मिलते ही हैं साथ ही साथ इसकी खेती करने से मोटा मुनाफ़ा भी हासिल होता है। कौंच एक झाड़ीनुमा पौधा है जिसकी खेती में लगत बेहद कम लगती है और मुनाफा बहुत ज्यादा होता है।

कौंच एक लत्तेदार पौधा है और इसे बढ़ने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है। इसी वजह से कृषि विशेषज्ञ इसे बगीचे में लगाने को कहते हैं। ऐसा करने से जाल लगाने के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं होगा और खेत में आप अन्य फसल लगा पाएंगे।

कौंच दरअसल एक वर्षीय लता है, अर्थात बुआई के बाद इसमें फल लगने में एक वर्ष का वक़्त लगता है। इसकी फली की मांग बहुत ज्यादा है इसीलिए इसका दाम अच्छा मिल जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात और राजस्थान में की जाती है।

कौंच के कई औषधीय फायदे हैं इसीलिए इसके बीजों का इस्तेमाल करने से अनिद्रा, शारीरिक कमजोरी, थकान जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं साथ ही यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा देता है।

स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष

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मिर्च की रोपाई से पहले रोपाई उपचार है जरूरी, जानें इसका महत्व

How to do transplantation treatment and its importance before transplanting chilli
  • नर्सरी में बुआई के 35 से 40 दिनों बाद मिर्च की पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। रोपाई का उपयुक्त समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक है। पौधे नर्सरी से उखाड़ने से पूर्व हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए, ऐसा करने से पौध की जड़ को नुकसान नहीं होता, और पौध आसानी से लग जाती है। पौध को नर्सरी से निकालने के बाद सीधे धूप मे नहीं रखना चाहिये।

  • नर्सरी से मिर्च की पौध को उखाड़ कर खेत में लगाने से पहले पौध का उपचार करना अतिआवश्यक है। अतः जड़ों के अच्छे विकास के लिए 5 ग्राम माइकोरायज़ा प्रति लीटर की दर से एक लीटर पानी में घोल बना लें, इसके बाद मिर्च की पौध की जड़ों को इस के घोल में 10 मिनट के लिए डूबा के रखें। यह प्रक्रिया अपनाने के बाद ही खेत में पौध प्रत्यारोपण करें। रोपाई के तुरन्त बाद खेत में हल्का पानी देना चाहिए।

  • मिर्च की पौध की रोपाई में लाइन से लाइन एवं पौधे से पौधे की दूरी 90-120 X 45-60 सेमी रखनी चाहिए।

  • मिर्च की रोप उपचार के लिए मायकोराइज़ा का उपयोग करने के बहुत लाभ हैं। माइकोराइजा एक ऐसा सहजीवी कवक है जो पौधे की जड़ों और उनके आस-पास की मिट्टी के बीच एक विशाल संबंध बनाने में सक्षम है, जिससे यह जड़ों के कार्य क्षेत्र का विस्तार करता है, और यह पौधे के लिए नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व की उपलब्धता को भी बढ़ाता है।

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मध्य प्रदेश के इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

monsoon

मध्य भारत में मानसून काफी सक्रीय बना हुआ है जिसके कारण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अच्छी वर्षा हुई है और बारिश का दौर इन क्षेत्रों में अभी जारी रहने की संभावना बनी हुई है। बिहार, उत्तर प्रदेश झारखंड में भी भारी बारिश के आसार हैं। कोंकण गोवा, कर्नाटक तथा केरल में भी तेज बारिश की संभावना है। दिल्ली पंजाब हरियाणा उत्तरी राजस्थान सहित उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बारिश तेज हो सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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