2 जून को मध्य प्रदेश में क्या रहे फसलों के भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

भिकणगाव

6500

6918

छपीहेडा

6291

6500

खंडवा

5850

9003

खरगोन

6000

6920

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नैनो यूरिया हुआ लॉन्च, एक बोरी खाद की जगह इस्तेमाल की जाएगी महज आधा लीटर

Nano Urea launched

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने विश्व का पहला नैनो यूरिया लॉन्च किया है। यह लिक्विड यानी तरल अवस्था में होगा और किसान को एक बोरी यूरिया खाद की जगह इसकी सिर्फ आधे लीटर की मात्रा का इस्तेमाल करना होगा।

बता दें कि इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है और इसकी कीमत 240 रुपये प्रति 500 मिलीलीटर है। यह सामान्य यूरिया की कीमत से 10% कम दाम में उपलब्ध होगा।

IFFCO ने कहा है कि यह नैनो लिक्विड यूरिया 500 मिलीलीटर की बोतल में उपलब्ध होगा और सामान्य यूरिया की एक बोरी के समान कार्य करेगा। इससे किसानों की कृषि लागत कम होगी। बता दें कि नैनो यूरिया का निर्माण इसी महीने से शुरू हो जाएगा।

स्रोत: मनी कंट्रोल डॉट कॉम

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में है बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के पूर्वी व दक्षिणी क्षेत्रों में आज हलकी बारिश की संभावना बन रही है साथ ही यहाँ आने वाले 1-2 दिनों में बारिश की गतिविधियां और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। उत्तर पश्चिमी भारत में कई स्थानों पर आंधी और बारिश के आसार बने हुए हैं। पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश के साथ बिजली की गरज चमक देखने को मिल सकती है। मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में तेज बारिश होगी। केरल और कर्णाटक में भी बारिश की संभावना बन रही है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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मंडियों में क्या चल रहे हैं प्याज के भाव?

Mandi Bhaw Onion

वीडियो के माध्यम से देखें, देश भर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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कपास की फसल में बुआई के बाद उर्वरक प्रबंधन है जरूरी, मिलेंगे कई लाभ

How to manage fertilizer after sowing in cotton crop and its benefits
  • कपास की बुआई के 10-15 दिनों में उर्वरक प्रबंधन करने से फसल की वृद्धि एक समान होती है।

  • इससे फसल वातावरणीय तनाव से सुरक्षित रहती है और रोगो से लड़ने की क्षमता भी विकसित हो जाती है।

  • बुआई के बाद उर्वरक प्रबधन के रूप में यूरिया@ 40 किलो/एकड़ + DAP@50 किलो/एकड़ + ज़िंक सल्फेट@ 5 किलो/एकड़ + सल्फर @ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।

  • कपास की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में होने वाली समस्या जैसे पीलापन एवं सूखने जैसी समस्या नहीं आती है, यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी तेज़ करता है।

  • डाय अमोनियम फॉस्फेट (DAP) का उपयोग फास्फोरस की कमी की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से मिट्टी का pH मान संतुलित रहता है एवं पत्तियों के बैंगनी रंग के होने की समस्या नहीं होती है।

  • जिंक सल्फेट के उपयोग के द्वारा मिट्टी एवं फसल में जिंक की कमी नहीं होती है।

    यह जिंक क्लोरोफिल और कुछ कार्बोहाइड्रेट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • पौधों में प्रोटीन, एंजाइम, विटामिन और क्लोरोफिल बनाने वाला सल्फर (एस) एक आवश्यक तत्व है। यह जड़ों के विकास और नाइट्रोजन के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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फसल बीमा योजना के अंतर्गत इन राज्यों में शुरू हुई पंजीयन की प्रक्रिया

Registration process started in these states under crop insurance scheme

खरीफ सीजन की कुछ फसलों के बुआई का कार्य वर्तमान में चल रहा है और कुछ फसलों की बुआई आने वाले दिनों में पूरी कर ली जायेगी। ऐसे में अपनी फसलों को भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने हेतु फसलों का बीमा करवाना भी जरूरी होता है। ऐसा करने से फसल क्षति होने पर उसकी भरपाई की जाती है।

फसल क्षति की भरपाई के लिए ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाती है। इस योजना के अंतर्गत पूरे फसल चक्र में फसल की सुरक्षा होती है। इस खरीफ सीजन की फसलों के लिए कुछ राज्यों में फसल बीमा योजना के तहत नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है तथा कुछ राज्यों में आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगी |

फिहाल उत्तर प्रदेश, उतराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल और जम्मू कश्मीर में इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार जैसे राज्यों में भी यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी।

स्रोत: किसान समाधान

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ग्रामोफ़ोन एप के उपयोग से सोयाबीन किसान की उपज 15 क्विंटल से बढ़कर हुई 24 क्विंटल

Soybean farmer's yield increased from 15 quintal to 24 quintal using Gramophone app

किसान अपनी फसल का ध्यान अगर पूरे फसल चक्र के दौरान रखें तो अच्छा उत्पादन मिलना निश्चित है, और यही काम ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप कर रहा है। ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप में ऐसा विकल्प मौजूद है जिससे किसान अपने खेत को बुआई के समय ही जोड़ सकते हैं। इसके बाद बोई गई फसल के पूरे फसल चक्र के दौरान ग्रामोफ़ोन एप सामयिक सलाह किसानों को भेजता रहता है।

खंडवा जिले के अंतर्गत आने वाले सेमलिया गांव के किसान पूनम चंद सिसोदिया ने भी अपनी सोयाबीन की फसल को बुआई के समय ही ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया था। अपनी फसल एप से जोड़ने के बाद उन्हें सभी जरूरी सलाहें फ़ोन पर मिलती रहीं, जिसका प्रतिफल फसल की उपज में 60% वृद्धि के रूप में सामने आया। इसके अलावा पूनम चंद जी की कृषि लागत में भी कमी आई।

पूनम चंद सिसोदिया की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप का उपयोग कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी इनकी तरह एक स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन की अलग अलग सुविधाओं का लाभ उठायें और अपनी खेती को स्मार्ट बनायें।

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सोयाबीन की बुआई के पूर्व जरूरी है मिट्टी उपचार, जानें पूरी प्रक्रिया

How to treat soil before sowing soybean
  • सोयाबीन की फसल में बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार बहुत आवश्यक होता है।

  • मिट्टी उपचार दो बार किया जाता है, पहला उपचार पहली बारिश के पहले या बाद में, वहीं दूसरा उपचार बुआई के पहले किया जाता है

  • इसके लिए निम्न तरीके अपनाये जाते हैं

  • बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक है, पिछली फसल की कटाई के बाद एक जुताई सामान्य हल से तथा 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें।

  • पकी हुई गोबर की खाद की 50 किलो मात्रा को मेट्राजियम कल्चर की 1 किलो मात्रा/एकड़ को मिलाकर सफ़ेद ग्रब का जैविक नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।

  • बुआई के पहले मिट्टी उपचार करने के लिए किसान सोयबीन समृद्धि किट का उपयोग कर सकते हैं। इस किट में कई उपयोगी उत्पाद हैं जो फसल में पोषक तत्वों की पूर्ति करने में मदद करते हैं।

  • इस किट में पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है जो पोटाश एवं फॉस्फोरस की पूर्ति करते हैं, इसमें ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो जड़ गलन एवं तना गलन जैसे रोगों से फसल की रक्षा करता है। इसमें ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा भी है। यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है एवं सफेद जड़ों का विकास करता है। राइज़ोबियम सोयाबीन कल्चर में नाइट्रोजन का जीवाणु पाया जाता है जो सोयाबीन की जड़ों में रह कर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को स्थिर कर पौधों को प्रदान करता है और पौधों को अच्छी तरह से विकसित करने में मदद करता है।

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पूर्वी व दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य भारत के मौसम पूर्वानुमान की बात करें तो पूर्वी व दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में भारी वर्षा की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज के साथ बारिश तथा धूल भरी आंधी आ सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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