ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाने की पूरी विधि और जानें इसके फायदे
सिंचाई प्रक्रिया के लिए आज किसानों के लिए कई आधुनिक विकल्प हैं। इन्हीं विकल्पों में से एक है ड्रिप सिंचाई का, यह सिंचाई की एक बहुत ही उन्नत तकनीक है जिसके इस्तेमाल से पौधों को पानी की आपूर्ति बेहतर ढंग से होती है और पानी की बर्बादी भी नहीं होती है। इस सिंचाई प्रक्रिया में पानी बूंद-बूंद के माध्यम से पौधों तक पहुंचाया जाता है। आज के इस वीडियो में इसी उन्नत सिंचाई प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
वीडियो स्रोत: माइक्रो इरिगेशन
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तय समय से सात दिन पहले मध्य प्रदेश पहुंचा मानसून, कई जिले में अलर्ट
महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में बारिश कराते हुए दक्षिण पश्चिम मानसून गुरुवार को मध्य प्रदेश में प्रवेश कर गया। इस बार मध्य प्रदेश में मानसून ने अपने तय समय से सात दिन पहले दस्तक दे दी है। मानसून के मध्य प्रदेश पहुँचने के कारण भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर समेत कई जिलों में भारी बारिश शुरू हो गई है।
मौसम विभाग के अनुसार बेतूल, मंडला, खंडवा, जबलपुर और शहडोल व आसपास के क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर/घंटा की गति से हवाएं चलने की संभावनाएं हैं और भारी बारिश की भी संभावना बनी हुई है।
बता दें की मानसून की दस्तक से पहले ही मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में रुक रुक कर बारिश हो रही थी। अब मानसून के धीरे धीरे आगे बढ़ने के साथ भोपाल, सागर, ग्वालियर व इंदौर समेत नौ जिलों भी अगले दो दिन अच्छी बारिश होने की संभावना है। गौरतलब है की मध्य प्रदेश में सामान्यतः मानसून 17 जून तक प्रदेश करता है हालाँकि इस बार पिछले कुछ वर्षों में यह पहली बार है की मानसून एक हफ्ते पहले पहुँच गया है।
स्रोत: अमर उजाला
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शुरू हुआ नैनो यूरिया का उत्पदान, किसानों की लिए पहला ट्रक हुआ रवाना
पिछले दिनों इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने विश्व का पहला नैनो यूरिया लॉन्च किया था। अब खबर है की इस यूरिया का उत्पादन किसानों के लिए शुरू हो चुका है और सबसे पहले यह नैनो यूरिया गुजरात और उत्तर प्रदेश के किसानों को दिया जाएगा। इसके लिए नैनो यूरिया से भरा हुआ ट्रक रवाना कर दिया गया है। जल्द भी यह यूरिया मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों के किसानों के लिए भी भेजी जायेगी।
बता दें की यह यूरिया लिक्विड यानी तरल अवस्था में होगा और किसान को एक बोरी यूरिया खाद की जगह इसकी सिर्फ आधे लीटर की मात्रा का इस्तेमाल करना होगा। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है और इसकी कीमत 240 रुपये प्रति 500 मिलीलीटर है। यह सामान्य यूरिया की कीमत से 10% कम दाम में उपलब्ध होगा।
IFFCO ने कहा है कि यह नैनो लिक्विड यूरिया 500 मिलीलीटर की बोतल में उपलब्ध होगा और सामान्य यूरिया की एक बोरी के समान कार्य करेगा। इससे किसानों की कृषि लागत कम होगी। बता दें कि नैनो यूरिया का निर्माण इसी महीने से शुरू हो जाएगा।
स्रोत: किसान समाधान
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मिट्टी में पोटाश तत्व की कमी एवं अधिकता के कारण एवं निदान के उपाय
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पोटेशियम (पोटाश) की कमी के कारण: अधिक क्षारीय मिट्टी होने, कार्बनिक खाद का उपयोग नहीं होने या कम होने के कारण तथा लगातार सघन फसल चक्र अपनाने से भूमि में पोटाश तत्व की कमी दिखने लगी है।
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पोटेशियम की किमी के लक्षण: पोटाश की कमी के कारण पौधा वातावरणीय तनाव के प्रति अधिक सवेदनशील हो जाता है एवं बीज़ व फल का आकार सही से विकसित नहीं हो पाता है।
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पोटेशियम की अधिकता: MOP एवं अन्य पोटाश उर्वरकों के अधिक उपयोग के कारण मिट्टी में पोटाश की अधिकता हो जाती है। इसकी अधिकता के कारण पत्तियों का आकार बिगड़ जाता है।
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पोटाश के कार्य: फसलों के लिए पोटाश एक अति आवश्यक पोषक तत्व है। पोटाश पौधों में संश्लेषित शर्करा को फलों तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटाश प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है। टमाटर के सुर्ख़ लाल रंग के लिए आवश्यक लाइकोपेन का निर्माण के लिए पोटाश जरूरी है। पोटाश फल के वजन को बढ़ाता है।
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ये सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर आ जाएंगे आपकी बजट में और मेंटेनेंस में भी होगा कम खर्च
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते रेट की वजह से बहुत सारे लोग आज इलेक्ट्रिक से चलने वाले गाड़ियों की तरफ देख रहे हैं। इलेक्ट्रिक से चलने वाले स्कूटर भी कई लोग खरीद रहे हैं। आइये आज जानते हैं कम बजट में आने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर कौन हैं जो आप आसानी से खरीद सकते हैं।
हीरो ऑप्टिमा: हीरो कंपनी का यह इलेक्ट्रिक स्कूटर 8 से 10 घंटे में फुल चार्ज हो जाता है। इसकी अधिकतम स्पीड 25 किमी/घंटा है और एक बार चार्ज कर लेने के बाद यह 50 किमी तक चलता है। इस स्कूटर में 250W का BLDC इलेक्ट्रिक मोटर है और इसकी कीमत 51,440 रुपये है।
ओकिनावा रिज: ओकिनावा का यह स्कूटर 6 से 8 घंटे में फुल चार्ज हो जाता है और एक बार चार्ज करने के बाद 80 किलोमीटर चल सकता है। इसका उपयोग सामान ढोने में भी कर सकते हैं, 150 किलोग्राम तक का वज़न यह उठा सकता है। इसकी बैटरी पर एक साल एवं मोटर पर डेढ़ साल की वारंटी है।
एम्पेयर वी 48: इस स्कूटर में 48 V/ 24 Ah की Advanced Li-Ion बैटरी है जो 250 W की BLDC इलेक्ट्रिक मोटर को पावर प्रदान करती है। इसकी बैटरी पर 1 साल की वारंटी भी मिलती है। एक बार चार्ज होने में इसे 8 से 10 घंटे का समय लगता है और चार्ज होने के बाद 45 से 50 किमी चल सकता है।
स्रोत: जागरण
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10 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव?
मंडी |
फसल |
न्यूनतम |
अधिकतम |
मॉडल |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
सोयाबीन |
5600 |
7800 |
6500 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
गेहूँ |
1551 |
2190 |
1800 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
रायदा |
5853 |
6003 |
5900 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
चना |
4571 |
5101 |
5000 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
डॉलर चन्ना |
7000 |
7273 |
7136 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
लहसुन |
1653 |
8511 |
5052 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
प्याज |
451 |
1905 |
1178 |
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इंदौर मंडी में बढ़ी प्याज की आवक, जानें 10 जून को क्या रहे प्याज के भाव?
वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज यानी 10 जून को क्या रहे प्याज के भाव?
वीडियो स्रोत: यूट्यूब
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18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को लगेगी फ्री कोरोना वैक्सीन
पिछले कुछ दिनों से भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में गिरावट देखने को मिली है। हालाँकि अभी भी वायरस का खतरा टला नहीं है और इसीलिए सभी का वैक्सीनेशन जरूरी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीयों को 21 जून से मुफ्त कोविड -19 वैक्सीन दी जाएगी।
वीडियो स्रोत: एबीपी न्यूज़
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बड़ी खुशखबरी, खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य 62% तक बढ़े
वर्तमान में किसानों द्वारा बोई जा रही खरीफ सीजन की फसलों के लिए सरकार ने एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार की तरफ से यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया।
इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि “कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जा रहे हैं और भविष्य में भी इसी तरह वृद्धि होती रहेगी।” बता दें की इस बार एमएसपी को 62% तक बढ़ाया गया है जो किसानों के लिए बड़ी राहत की तरह है।
देखें फसलों के नए एमएसपी क्या हैं?
स्रोत: अमर उजाला
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