आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 36 से 40 दिनों में – कवक जनित रोगो के प्रबधन के लिए

 गुलाबी इल्ली और कवकजनित रोगो से बचाव के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP ( एरिस्टाप्रिड) 100 ग्राम + प्रोफेनोफॉस 40%+साइपरमेथिन 4% EC ( प्रोफेक्स सुपर) 400 मिलीलीटर अच्छी वृद्धि और विकास के लिए 19:19:19 1 kg + GA 0.001% 300 के लिए छिड़काव करे । 200 लीटर पानी मिला कर छिड़काव करे । अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 31 से 35 दिनों में – खड़ी फसल में उर्वरको की खुराक के लिए

बेहतर फसल वृद्धि और विकास के लिए यूरिया 40 किग्रा + DAP 50 kg + सल्फर 5 kg + जिंक सल्फेट 5 kg प्रति एकड़ मिट्टी में फैला दे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 26 से 30 दिनों में – हाथ से निदाई एवं गुड़ाई के लिए

यह भोजन के लिए फसल-खरपतवार प्रतियोगिता का आदर्श समय है। इस अवधि में एक निराई-गुड़ाई पूरी करें| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 21से 25 दोनों में – आगामी सिंचाई के लिए

वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें। मिट्टी की नमी के आधार पर 7 से 10 दिनों के अंतराल पर अगली सिंचाई दें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 14से 20 दिनों में – आद्र गलन रोग से बचाव के लिए

आद्र गलन रोग को रोकने के लिए रोग को कम करने से रोकने के लिए रिजोकेर 250 ग्राम या ट्राइकोशिल्ड कॉम्बेट 1 किलोग्राम या क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी 400 ग्राम 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ जड़ क्षेत्र के पास डालें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 11 से 15 दिनों में – रसचूसक कीटो के प्रबधन के लिए

वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए और थ्रिप्स के प्रबंधन के लिए एफिड्स इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल (मीडिया) 100 मिली + एसीफेट 75% एसपी (असटाफ) 300 ग्राम + सीवीड (विगोर्मोक्स जेल) 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाएं। धिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 3 से 5 दिनों में – पूर्व उद्भव खरपतवारो के नियंत्रण के लिए

अंकुरण से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए 200 लीटर पानी में पेण्डामैथलीन 38.7% CS स्टोम्प एक्स्ट्रा 250 मिली या क्यूजालोफोप इथाइल 5 % EC (टरगा सुपर ) 400 ml और प्रोपेक्यूजाफोप 10%EC (एजिल) 400 ml सुपर 700 मिली प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के बाद 1 से 2 दिनों में – आधारीय खुराक एवं पहली सिंचाई के लिए

बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और नीचे दिए गए उर्वरक की बेसल खुराक दे | यूरिया- 30 किलो, डीएपी- 50 किलो, MoP- 30 किलो, + कपास समृद्धि किट प्रति एकड़ की दर से इन सभी के साथ मिलाकर मिट्टी में फैला दे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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बुवाई के 1 दिन पहले – बीज़ो को कवक जनित रोग से बचाव के लिए

मिट्टी में फफूंद या कीटों से बीज को बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% (साफ) 3.5 ग्राम + इमिडाक्लोप्रिड 48% एफएस ( गावाचो ) 5 मिली या थायमेथाक्साम 30% FS (रेनो) 10 मिली प्रति किलो बीज से उपचारित करें। । बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें। अधिक जानने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।

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आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 5 से 7 दिन पहले- उठी हुई क्यारियों (बेड) की तैयारी और कपास के पौधो के मध्य दुरी

पंक्ति से पंक्ति की दूरी 2-3 फुट रखते हुए कुंड और मेढ़ तैयार करें। यदि ड्रिप सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो खरपतवारों को रोकने और प्रकाश संश्लेषण क्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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