अगले दो दिन मध्यप्रदेश में हो सकती है भारी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य भारत के कई क्षेत्रों में कल बारिश की गतिविधियां देखने को मिली। इन क्षेत्रों में मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल रहे। राजस्थान में अब मौसम पूरी तरह से शुष्क हो गया है लेकिन पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ इलाकों में से एक दो स्थान पर गरज और चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

गर्मियों में खाली खेत में करें वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग

How to use vermicompost in summer in farm
  • आजकल जैविक खाद के रूप में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग बहुत सारे किसान भाई कर रहे हैं।

  • यह आसानी से उपलब्ध होती है एवं कम खर्च में अधिक लाभ प्रदान करती है।

  • गर्मियों में वर्मीकम्पोस्ट के उपयोग से पहले खेत में गहरी जुताई करें एवं मिट्टी को ऊपर नीचे जरूर कर लें।

  • वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करने से पहले वर्मीकम्पोस्ट में पर्याप्त नमी अवश्य बनाए रखें।

  • इसके पश्चात पूरे खेत में वर्मीकम्पोस्ट का अच्छे से भुरकाव करें।

  • वर्मीकम्पोस्ट के उपयोग के बाद खेत में हल्की सिचाई अवश्य करें।

आधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share

मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी से फसलों में दिखाई देंगे ये लक्षण

nitrogen deficiency in soil
  • विशेष रूप से फल और बीज विकास के लिए पौधों द्वारा नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है।

  • इसके अलावा नाइट्रोजन पत्ती के आकार और गुणवत्ता को भी बढ़ाता है और पौधे की परिपक्वता को भी बढ़ाता है।

  • इसकी कमी के कारण पूरे पौधे का सामान्य क्लोरोसिस एक हल्के हरे रंग का हो जाता है और इसके बाद पुरानी पत्तियों का पीलापन युवा पत्तियों की ओर बढ़ने लगता है।

  • इसके कारण पत्तियां पर्याप्त क्लोरोफिल बनाने में असमर्थ हो जाती हैं। इस अवस्था में पत्तियों को क्लोरोटिक कहा जाता है। निचली पत्तियों (पुरानी पत्तियां) पर सबसे पहले इसके लक्षण दिखते हैं।

आधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share

मध्य प्रदेश के किसानों को सम्मान कार्ड के माध्यम से मिलेंगे कई लाभ

Madhya Pradesh farmers will get many benefits through Samman Card

मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत मध्य प्रदेश के लाखों किसानों को सालाना चार हजार रुपए देने के बाद शिवराज सरकार अब ‘सम्मान कार्ड’ देने की तैयारी में है। इस योजना के तहत किसान ‘सम्मान कार्ड’ से मंडियों में बनाए जाने वाले बाजार में खरीदी कर सकेंगे। बता दे कि यह कार्ड बैंक खाता और आधार कार्ड से लिंक होगा।

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के अनुसार इस कार्ड की शुरुआत नए वित्तीय वर्ष में कर दी जाएगी और कुछ मंडियों में बाजार भी शुरू कर दिए जाएंगे। इस कार्ड से किसानों को मिलिट्री कैंटीन की तरह रियायती दर पर सामग्री मिलेगी। मध्य प्रदेश के किसानों को एक ही जगह पर सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए सरकार कृषक बाजार बनाने जा रही है। इसके लिए मंडियों का चयन किया जा रहा है।

स्रोत : नई दुनिया

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

गेहूँ की कटाई के बाद घर पर ही करें सुरक्षित भंडारण, देखें वीडियो

safe wheat storage

गेहूँ की फसल की कटाई बहुत सारे किसान भाइयों ने कर ली है। कटाई के बाद कई किसान उपज को भरोसेमंद खरीददारों के पास सही रेट पर बेचना चाहते हैं। इसके लिए तो ग्रामोफ़ोन का ग्राम व्यापार मददगार सिद्ध हो सकता है। यहाँ आप कई भरोसेमंद खरीददारों से संपर्क कर सकते हैं और घर बैठे सौदा तय कर सकते हैं। हालाँकि कई किसान अपनी गेहूँ की उपज को घर पर ही भंडारित कर के रखते हैं। तो घर पर घरेलू नुस्खों के साथ गेहूँ के सुरक्षित भंडारण हेतु देखें वीडियो।

वीडियो स्रोत: ग्रीन टीवी

कृषि से जुड़े ऐसे ही घरेलू नुस्खे एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

गेहूँ की पराली से खेत में ही बनाएं घरेलू खाद, जानें पूरी प्रक्रिया

Make domestic fertilizer in the field with wheat straw

किसानों के बीच फ़सल अवशेषों के निपटारे को लेकर अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। अक्सर फसल की कटाई के बाद फ़सल अवशेषों को जलाये जाने की खबर आती है जिसके कारण प्रदूषण का स्तर भी काफी बढ़ जाता है। फसल अवशेषों को खेत में जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसीलिए फ़सल अवशेषों के बेहतर निपटारे हेतु किसानों को कार्य करना चाहिए और इसके लिए सबसे बेहतर युक्ति है इन अवशेषों का डिकम्पोजर की मदद से घरेलू खाद बनाना। ऐसा करके वे ना सिर्फ फ़सल अवशेषों का निपटारा कर पाएंगे बल्कि डिकम्पोजर की मदद से तैयार घरेलू खाद से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ा पाएंगे।

कृषि से जुड़े ऐसे ही घरेलू नुस्खे एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

इन उपायों से मिर्च की नर्सरी को डंपिंग ऑफ रोग से बचाएं

damping off disease in chilli nursery,
  • डम्पिंग ऑफ मिर्च की नर्सरी में लगने वाला एक प्रमुख रोग है।

  • इस रोग के कारण मिर्च की फसल नर्सरी अवस्था में बहुत अधिक प्रभावित होती है।

  • डम्पिंग ऑफ रोग के कारण अंकुरण के तने पानी से लथपथ और पतले, लगभग धागे जैसे हो जाते। हैं।

  • संक्रमित पत्तियाँ भूरे से हरे रंग की हो जाती हैं और युवा पत्तियां मुरझाने लगती हैं।

  • प्रबंधन हेतु थियोफैनेट मिथाइल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या मेटालेक्सिल + मेंकोजेब @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ दर से उपयोग करें।

आधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share

ऐसे जानें मिट्टी का पी.एच मान, फ़सलों को होता है इसका लाभ

How to know the pH of soil and its benefits in crops
  • मिट्टी के पीएच द्वारा मिट्टी की अभिक्रिया का पता चलता है। इससे पता चलता है की यह सामान्य, अम्लीय या क्षारीय किस प्रकृति का है?

  • मिट्टी के पीएच मान के घटने या बढ़ने से फसलों की वृद्धि पर असर पड़ता है।

  • जिस जगह pH मान की समस्या होती है ऐसे क्षेत्रों में फसल की उन उपयुक्त किस्मों की बुआई की जाती है जो कि अम्लीयता और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता रखती हो।

  • मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 की बीच होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों का सबसे अधिक ग्रहण किया जाता है।

  • पीएच मान 6.5 से कम होने पर भूमि अम्लीय और 7.5 से अधिक होने पर भूमि क्षारीय होती है।

  • अम्लीय भूमि के लिए चूने एवं क्षारीय भूमि के लिए जिप्सम डालने की सिफारिश की जाती है।

आधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share