छिड़काव सिंचाई से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां एवं इसके लाभ

Sprinkler Irrigation
  • छिड़काव सिंचाई दरअसल सिंचाई की उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें पानी फसलों पर पानी बारिश की बूंदों के बौछार की तरह डाली जाती है।

  • इसमें पानी पाइप तंत्र के माध्यम से पम्पिंग द्वारा वितरित किया जाता है, फिर स्प्रे हेड के माध्यम से हवा और पूरी मिट्टी की सतह पर छिड़का जाता है जिससे भूमि पर गिरने वाला पानी छोटी बूँदों में बंट जाता है।

  • फव्वारे छोटे से बड़े क्षेत्रों में कुशलता से फैल जाते हैं तथा सभी प्रकार की मिट्टी पर उपयोग किये जा सकते हैं।

  • इस प्रक्रिया के द्वारा सिंचाई करने से भूमि पर जल भराव नहीं होता है जिससे मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

  • जिन जगहों पर भूमि ऊंची-नीची रहती है वहां पर जमीनी सिंचाई संभव नहीं हो पाती है। ऐसी जगहों पर बौछारी सिंचाई यानी छिड़काव सिंचाई बहुत फायदेमंद साबित होती है।

  • इस विधि से सिंचाई करने से उत्पादन भी अच्छा होता है एवं जल सरक्षण भी होता है।

आधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share

फसल उपार्जन के दौरान कोरोना से मरे व्यक्ति के परिजनों को मिलेंगे 25 लाख रुपए

25 lakh will be given to the kin of the person who died from the corona during the crop procurement

देश भर में आये कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बहुत सारे लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। कोरोना के इस कहर के बीच अब मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के अंतर्गत उन्होंने कहा है कि फसल उपार्जन के कार्य में लगे जिन कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई है उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता निधि के अंतर्गत 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।

उन्होंने इस मसले पर आगे कहा की “1 अप्रैल से अभी तक 31 कर्मचारियों का निधन हुआ है, मृतक कर्मचारियों के परिवार को जल्द ही सहायता निधि की राशि दी जाएगी।” कृषि मंत्री ने ये बातें एक वीडियो जारी करते हुए कही। इस वीडियो में उन्होंने कहा की “हम सभी ईश्वर के आगे नतमस्तक हैं। मंडी बोर्ड और समितियों के वो कर्मचारी जो किसानों की फसल तुलवा रहे थे, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना महा संकट के समय अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दी है। मैं इन सभी कर्मचारियों के दुखद निधन पर उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।”

स्रोत: ज़ी न्यूज़

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही अन्य जानकारियों व कृषि प्रक्रिया से सम्बंधित उपयोगी सलाहों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों से भी साझा करें।

Share

समृद्धि किट के उपयोग से मिर्च को मिली चमत्कारिक शुरुआती बढ़वार, देखें वीडियो

Chilli gets miraculous early growth using Chilli Samriddhi Kit

बहुत सारे किसान मिर्च की खेती कर रहे हैं। फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान बहुत सारे फसल पोषण उत्पादों का भी इस्तेमाल करते हैं। पर ग्रामोफ़ोन के मिर्च समृद्धि किट के इस्तेमाल से आप अपनी मिर्च की फसल को ऐसा पोषण दे सकते हैं जिससे बेहतरीन फसल बढ़वार के साथ साथ अच्छे उत्पादन की भी संभावना बढ़ जाती है।

वीडियो में आप देखेंगे की पिछले साल कैसे मिर्च समृद्धि किट के ड्रिप वाले किट का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने चमत्कारिक शुरूआती बढ़वार ली। आप भी इस किट का इस्तेमाल कर के अच्छी बढ़वार प्राप्त कर सकते हैं। पूरा वीडियो देखें और मिर्च समृद्धि किट ऑर्डर करने के लिए एप के ग्राम बाजार सेक्शन पर जाएँ।

ऐसी ही महत्वपूर्ण कृषि सम्बंधित जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ साझा करें।

Share

करेले की फसल को कई लाभ पहुंचाता है मैग्नीशियम सल्फेट

What is the benefit of magnesium sulfate in bitter gourd crops
  • मैग्नीशियम के उपयोग से करेले की फसल की हरियाली बढ़ती है।

  • इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी तीव्र हो जाती है जिससे उच्च पैदावार मिलती है और फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।

  • मैग्नीशियम पोषक तत्वों को धीरे-धीरे फसल को प्रदान करता है जिससे करेले की फसल के पूरे फसल चक्र में पोषक तत्व मिलते रहते हैं।

  • मैग्नीशियम की कमी के कारण पत्तियों की शिरा पर हल्के हरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।

  • इसकी कमी से फसल अपरिपक्व अवस्था में ही नष्ट हो जाती है इसीलिए इस प्रकार की सभी समस्याओं से बचने के लिए मैग्नीशियम से दें करेले की फसल को सुरक्षा।

अपनी करेला व अन्य फसलों के खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

मध्य प्रदेश के कई इलाकों में है तेज बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश में आज तो मौसम गर्म रहने की संभावना है, मगर कल यानी 7 मई को कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना बन रही है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से उत्तराखंड तक बारिश और मेघ गर्जना होने की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में अगले 2 दिनों तक आंधी के साथ मेघ गर्जना तथा बौछारें होने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

मिर्ची की फसल से अच्छी उपज प्राप्ति का जांचा परखा नुस्खा है मिर्च समृद्धि किट

Chilli Samriddhi Kit is a tried and tested product to get good yield from chilli crop

  • ‘मिर्च समृद्धि किट’ आपकी मिर्च की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत मिर्च की फसल को होती है।

  • खेत की अंतिम जुताई के बाद ग्रामोफोन के ‘मिर्च समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर उपयोग करें और फिर हल्की सिंचाई कर दें।

  • इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवक एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है।

  • इसका उपयोग खेत में बुआई के समय भुरकाव के रूप में करने से फसल का अनुकरण बहुत अच्छा होता है एवं पौधा बहुत सी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।

  • यह किट मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाने में सहयता करती है।

अपनी मिर्च व अन्य फसलों के खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 90 से 100 दिनों में – बोलवॉर्म (सुंडी) के प्रबन्धन के लिए

बोलवॉर्म के प्रबंधन के लिए 200 लीटर पानी में फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% EC (डेनीटाल) 400 मिली +डायफैनथीयुरॉन 50%WP(पेजर) 250 मिली प्रति एकड़ स्प्रे करें। गेंदों की बेहतर वृद्धि के लिए इस स्प्रे में 00:00:50 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

Share

आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 75 से 80 दिनों में -कवकजनित रोगों के प्रबंधन के लिए

कीटों और कवकजनित रोगों के प्रबंधन के लिए पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC (प्रूडेंस) 250 मिली +मोनोक्रोटोफॉस 36% SL(फोस्किल) 400 मिली +थायोफिनेट मिथाइल 70%W/W (मिलडुविप) 300 ग्राम +00 :00:50 1 किलो 200 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

Share

आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 60 से 65 दिनों में – बोलवॉर्म (सुंडी) के प्रबन्धन के लिए

बोलवॉर्म (सुंडी) का प्रबन्धन (सुंडी) के प्रबंधन के लिए नोवालूरान 5.25%+इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC (बेराजाइड) 600 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे । बोल्‍स (डोड़े) के बेहतर विकास के लिए एमिनो एसिड (प्रोएमिनोमेक्स) 250मिली + 00:52:34 उर्वरक 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से इस स्प्रे में मिलाये| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

Share

आपकी कपास फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 51 से 55 दिनों में – फूलो की वर्द्धि बढ़ाने एवं कवक रोगो से बचाव के लिए

फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए होमब्रेसिनोलाइड (डबल ) 100 मिली को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करे | यदि पत्तियों पर किसी भी प्रकार की सफेद फफूंद वृद्धि देखी जाती है तो इस स्प्रे में कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63%(साफ़) 400 ml कीट नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9 % EC(एबासीन) 150 ml प्रति एकड़ की दर से मिला दे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

Share