मध्य प्रदेश में 27 मार्च से शुरू होगी चना, मसूर, सरसों की एमएसपी पर खरीदी

On MSP the purchase of gram, lentil and mustard will start from March 27

रबी फसलों की कटाई का काम अब खत्म हो रहा है और ज्यादातर किसान अपनी उपज की बिक्री की तैयारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी आई है। प्रदेश में चना, मसूर और सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीदी आगामी 27 मार्च से शुरू होने जा रही है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021-22 के तहत एमएसपी पर चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी की तिथि पहले 22 मार्च निश्चित की गई थी। पर अचानक हुई बारिश को देखते हुए राज्य के कृषि विभाग ने इस तिथि को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है और अब यह प्रक्रिया 27 मार्च से शुरू होने जा रही है।

स्रोत: कृषक जगत

कृषि सलाहों और कृषि क्षेत्र से सम्बंधित हर जानकारी के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख पढ़ते रहें और अपनी फसल की सही बिक्री के लिए ग्राम व्यापार पर स्वयं खरीदारों के करें संपर्क।

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मध्य प्रदेश में अब तापमान में होगी वृद्धि, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

मध्य भारत में पिछले कई दिनों से मौसम की गतिविधियां देखने को मिल रही थी और बारिश के साथ साथ तेज हवाएं भी चल रही थी। इसके साथ ही कई इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली थी। हालाँकि अब मध्य भारत में धीरे धीरे तापमान बढ़ने की संभावना है जिससे मौसम पूरी तरह से साफ हो जाएगा। इसके साथ धूप भी तेज रहेगी और इन इलाकों में अगले एक हफ्ते तक मौसम की गतिविधियां देखने को नहीं मिलेगी।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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कद्दू वर्गीय फसलों की गर्मियों के मौसम में जरूरी है सुरक्षा

How to protect cucurbits crops in summer
  • गर्मियों के मौसम में कद्दू वर्गीय फसलें बहुत मात्रा में लगायी जाती है।
  • गर्मियों में लगने के कारण सूर्य के तेज प्रकाश के कारण इन फसलों के फल में सन स्ट्रेचिंग हो जाती है।
  • इसके कारण फसल की गुणवत्ता बहुत प्रभावित होती है।
  • किसानों ने इस समस्या से बचने के लिए लगाई गई फसल के फल को घास से ढककर रखें।
  • इसके अलावा फसल में नियमित सिंचाई करते रहना चाहिए।
  • नियमित सिंचाई करने से मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

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मध्य प्रदेश के मंडियों में 24 मार्च को क्या रहे फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल न्यूनतम अधिकतम
हरसूद सोयाबीन 4303 5630
हरसूद तुवर 4801 6001
हरसूद गेहूं 1599 1740
हरसूद चना 3400 4700
हरसूद मक्का 1257 1280
खरगोन कपास 4800 6400
खरगोन गेहूं 1650 1895
खरगोन चना 4315 4750
खरगोन मक्का 1231 1377
खरगोन सोयाबीन 5501 5660
खरगोन डॉलर चना 7000 7851
खरगोन तुवर 5681 5775
धामनोद गेहूं 1690 1800
धामनोद डॉलर चना 6700 7650
धामनोद मक्का 1051 1375
धामनोद कपास 4305 5500

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपने फसल की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़े।

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ग्रामोफ़ोन लेकर आया है ‘ग्राम व्यापार – फसलों का बाजार’

Gramophone's Gram Vyapar

ग्रामोफ़ोन एप की मदद से स्मार्ट खेती करने वाले किसानों के लिए ग्रामोफ़ोन एक और सौगात लेकर आया है जिसकी मदद से किसान घर बैठे मनपसंद खरीददार को सही रेट पर अपनी उपज बेच पाएंगे। इस सौगात का नाम है ‘ग्राम व्यापार’ जो ग्रामोफ़ोन एप पर एक नए फीचर के रूप में किसान भाइयों के लिए लाया गया है। इस नए फीचर को अपने एप पर पाने के लिए आपको अपना ग्रामोफ़ोन एप प्लेस्टोर पर जाकर अपडेट करना होगा।

लॉगिन के समय चुनें एप मोड

अपडेट करने के बाद जब आप एप खोलेंगे और लॉगिन करेंगे तब आपको चुनना होगा कि आप किसान हैं या फिर व्यापारी। जब आप “मैं किसान हूँ” चुनेंगे तब एप का मुख्य स्क्रीन खुल जाएगा।

मुख्य स्क्रीन से व्यापार स्क्रीन 

मुख्य स्क्रीन के निचले हिस्से के केंद्र में मौजूद गोल बटन से आप व्यापार विकल्प में चले जाएंगे। व्यापार विकल्प पर आपको खरीददार और विक्रेता की सूची नजर आएगी।

ऐसे बनाएं फसल बिक्री सूची

व्यापार स्क्रीन के दाहिने-निचले हिस्से में बने + के चिन्ह पर क्लिक कर आप अपनी फसल की बिक्री सूची तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको बेची जाने वाली सामग्री का नाम, मात्रा, भाव, बेचने की तारीखें व गुणवत्ता सम्बन्धी जानकारी दर्ज करनी होगी और आखिर में इसे प्रकाशित करना होगा। ऐसा करने से आपकी फसल की बिक्री सूची सफलतापूर्वक दर्ज हो जायेगी। 

ढूंढें भरोसेमंद खरीददार 

इसके साथ ही आप चाहें तो खरीददारों की सूची में जाकर खुद ही अपनी फसल के लिए सही और भरोसेमंद खरीददार ढूंढ सकते हैं। यहाँ आपको खरीददार द्वारा इच्छित फसल और उसकी गुणवत्ता संबंधी जानकारी के साथ फसल के भाव की भी जानकारी मिल जायेगी। खरीददार के संपर्क सूत्र यानी फोन नंबर पर आप स्वयं उनसे बात कर सकते हैं और अपनी फसल का सौदा तय कर सकते हैं।

तो कुछ इस प्रकार आप घर बैठे अपनी फसल का सौदा तय कर सकते हैं और अच्छा भाव प्राप्त कर सकते हैं। तो देर किस बात की, इस बार रबी फसलों की बिक्री ग्राम व्यापार से ही करें। ज्यादा जानकारी के लिए मिस्ड कॉल करें 1800-315-7470

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करेले में लीफ माइनर कीट से होने वाले नुकसान एवं बचाव के उपाय

Control of leaf miner in Bitter gourd
  • लीफ माइनर कीट के वयस्क गहरे रंग के होते।
  • यह कीट करेले की पत्तियों पर आक्रमण करता है।
  • इसके प्रकोप से पत्तियों पर सफेद टेढ़ी मेढ़ी धारियां बन जाती हैं। यह धारियाँ इल्ली के द्वारा पत्ती के अंदर सुरंग बनाने के कारण होता है।
  • इससे पौधे की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते हैं।
  • ग्रसित पौधों की फल एवं फूल लगने की क्षमता पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
  • इसके नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

अपनी हर फसल के खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

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मध्य प्रदेश समेत इन इलाकों में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहेगी, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

पिछले 24 घंटों से मध्य प्रदेश के साथ साथ विदर्भ, मराठवाड़ा में बारिश की गतिविधियाँ जारी हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भी हल्की बारिश हुई है। आज भी इन इलाकों में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहने की संभावना है। हालांकि धीरे धीरे मौसम की ये गतिविधियाँ काफी कम हो जाएंगी और छुटपुट बारिश की गतिविधियाँ मध्य प्रदेश के साथ विदर्भ, मराठवाड़ा और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में देखने को मिलेगी। इसके साथ ही इन इलाकों में तापमान कल से बढ़ने लगेगा।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

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गिलकी की फसल को मकड़ी के प्रकोप से होगा नुकसान, जानें नियंत्रण के उपाय

How to control Mites in Sponge gourd
  • यह कीट छोटे एवं लाल रंग के होते हैं जो गिलकी की फसल के कोमल अंगों जैसे पत्तियां, फूल, कलियों एवं टहनियों पर भारी मात्रा में पाए जाते हैं।
  • इसके प्रकोप के कारण पत्तियों पर सफ़ेद रंग के धब्बे बन जाते हैं।
  • जिन पौधों पर मकड़ी का प्रकोप होता है उस पौधे पर जाले दिखाई देते हैं। ये पौधे के कोमल भागों का रस चूसकर उनको कमज़ोर कर देते हैं एवं अंत में पौधा मर जाता है।
  • इसके नियंत्रण हेतु प्रोपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पाइरोमैसीफेन 22.9% SC @200 मिली/एकड़ या ऐबामेक्टिन 1.8% EC @150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में मेट्राजियम @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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पुराने संग्रहित किए गए गोबर पर डीकम्पोजर का उपयोग कैसे करें?

How to use Decomposer on old stored dung
  • किसान अपने खेत पर इकट्ठा किये गए गोबर को डीकम्पोजर की सहायता से आसानी से उपयोगी खाद में बदल सकते हैं।
  • 4 किलो डीकम्पोजर कल्चर 2-3 टन गोबर के लिए उपयुक्त रहता है।
  • इसके लिए गोबर के ढेर को सबसे पहले अच्छे से पानी से गीला कर लें।
  • इसके बाद डीकम्पोजर कल्चर को अच्छे से 200 लीटर पानी में मिलाएं एवं तैयार किये गए इस पूरे मिश्रण का गोबर के ढेर पर छिड़काव करें।
  • छिड़काव करते समय अगर संभव हो तो गोबर के ढेर को पलटते रहें। ऐसा करने से डीकम्पोजर कल्चर अच्छी तरह से गोबर में मिल जाएगा।
  • इस प्रकार गोबर के ढेर में नमी की मात्रा अच्छे से बनाकर रखें। इससे गोबर बहुत जल्द खाद में परिवर्तित हो जाता है।
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घर पर बनाएं प्राकृतिक रंग और मनाएं सुरक्षित होली

Make natural colors at home and celebrate safe Holi

लाल:

  • लाल चंदन पाउडर को पानी में मिला कर लाल रंग बनाएं।
  • अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है।

हरा:

  • सूखे मेहंदी पाउडर को आप सूखे हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • पालक, धनिया और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट पानी में घोल कर गीला हरा रंग बनाएं।

नारंगी:

  • पलाश के फूलों को रात भर पानी में भिगोकर नारंगी रंग बनाएं।
  • हरसिंगार के फूलों को पानी में भिगोकर नारंगी रंग बनाया जा सकता है। 

पीला:

  • 50 गेंदे के फूलों को दो लीटर पानी में मिलाकर उबालें व रात भर भीगने दें। इससे पीला रंग तैयार होगा। 
  • 1 चम्मच हल्दी को 2 लीटर पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं और गाढ़ा पीला रंग बनाएं।

त्योहारों के मौसम में आपकी फसलों का ग्रामोफ़ोन रखेगा ख्याल। तुरंत एप के मेरे खेत विकल्प से अपने खेतों को जोड़ें और हर कृषि समस्या की सूचना समय रहते पाएं।

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