खेती में गौमूत्र के इस्तेमाल से आपको मिलेंगे कई लाभ

benefits from the use of cow urine in farming
  • गौमूत्र आपकी फसल एवं आपके खेत की मिट्टी के लिए अमृत की तरह है।
  • गौमूत्र से तैयार कीटनाशक के छिड़काव के बाद फसल या फल पर किसी प्रकार के कोई कीट नहीं बैठते हैं।
  • इससे तैयार कीटनाशक से किसी प्रकार की कोई दुर्गंध भी नहीं आती है।
  • गोमूत्र में नाइट्रोज़न की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसका छिड़काव पौधे की जड़ में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाता है।
  • इसके उपयोग से जड़ों को बढ़ने में सहायता मिलती है।
  • इसके उपयोग से मिट्टी में सूक्ष्म लाभकारी जीवाणु बढ़ते हैं साथ ही मिट्टी का प्राकृतिक रूप बना रहता है।
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मध्यप्रदेश में सर्दियाँ बढ़ेगी और कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हो सकती है

Weather report

मध्य प्रदेश के उत्तरी तथा पश्चिमी क्षेत्रों में उत्तरी बर्फीली हवाएं चल रही हैं। इन हवाओं के कारण तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो गई है। सर्दियों के बढ़ने के साथ साथ प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना भी बनी हुई है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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जैविक विधि से करें सुरक्षित खेती और पाएं अच्छा उत्पादन

Benefits of organic farming
  • जैविक खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी खेती होती है।
  • इससे भूमि की उपज क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
  • इससे सिंचाई अंतराल में भी वृद्धि होती है क्योंकि जैविक खाद लम्बे समय तक मिट्टी में नमी को बनाये रखते हैं।
  • रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है।
  • फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  • जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों का बाजार भाव अधिक मिलता है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।
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आरा मक्खी से सरसों की फसल को होगा काफी नुकसान, जानें नियंत्रण विधि

Symptoms and prevention of sawfly
  • सरसोंं की फसल में आरा मक्खी का प्रकोप होने का डर सबसे ज्यादा रहता है।
  • आरा मक्खी दरअसल काले रंग की होती हैं जो पत्तियों को बहुत तेजी के साथ नुकसान पहुँचाती है।
  • इसके अलावा इसके कारण पत्तियों के किनारों पर छेद जैसी संरचना बनती है और यह कीट पत्तियों को खाती चली जाती है। इसके कारण सरसों की पत्तियां बिल्कुल छलनी हो जाती हैं।
  • इसके निवारण के लिए प्रोफेनोफोस 50% EC@ 500 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 30.5% SC@ 50 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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तरबूज में ब्लॉसम एंड रॉट के प्रकोप से होने वाली क्षति एवं बचाव के उपाय

Damages of Blossom and rot in watermelon crop
  • इस रोग के प्रकोप के कारण तरबूज के फल के पिछले किनारे में गहरी सड़ी-गली और सिकुड़न जैसी संरचना बन जाती है।
  • सामान्यत: यह पानी देने का अंतराल कम या अधिक होने के कारण होता है।
  • जब खेत की मिट्टी बहुत सूखी हो जाती है, तब कैल्शियम मिट्टी में रह जाता है और पौधों को प्राप्त नही हो पाता है।
  • इसके निवारण के लिए कैल्शियम नाइट्रेट @10 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • तरबूज में ब्लॉसम एंड रॉट के प्रकोप से होने वाली क्षति एवं बचाव के उपाय।
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सरकार ने किया गोवर्धन एकीकृत पोर्टल लॉन्च, पशुपालकों को होगा लाभ

Government launches Govardhan integrated portal, cattle owners will be benefited

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने साल 2018 में शुरू किये गए गोवर्द्धन योजना के अंतर्गत एक एकीकृत पोर्टल शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य मवेशियों के गोबर तथा अन्य जैव कचरे का बेहतर प्रबंधन करते हुए पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि करना है।

स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत गोवर्द्धन योजना को प्राथमिक कार्यक्रम के रूप में अपनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत मवेशियों के गोबर तथा अन्य जैव कचरे से बायोगैस तथा ऑर्गेनिक खाद भी बनाई जा रही है।

स्रोत: अमर उजाला

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तरबूज की फसल के लिए हानिकारक है लीफ माइनर कीट, पढ़ें बचाव के उपाय

Measures to protect the watermelon crop from the leaf life minor damage
  • लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट आकार में बहुत ही छोटे होते हैं और ये पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं।
  • इससे तरबूज़ की पत्तियों पर सफेद धारी जैसी लकीरें बन जाती हैं।
  • इस कीट के वयस्क हल्के पीले रंग के एवं शिशु आकार में बहुत ही छोटे एवं पैर विहीन तथा पीले रंग के होते हैं। यह कीट पत्तियों में सुरंग बनाते हैं और इसी सुरंग में प्यूपा का निर्माण होता है।
  • इस कीट का प्रकोप पत्तियों पर होता है और इससे प्रभावित पत्ती पर आड़ी सर्पिलाकार सुरंग बन जाता है। इसके कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भी बाधा होती है और अततः पत्तियां गिर जाती हैं।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 8.8 + थायोमेथोक्जाम 17.5% SC @ 200 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
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भिंडी की फसल में बुआई के पूर्व ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन

Benefits of fertilizer management before sowing in okra crops
  • तरबूज की उन्नत खेती के लिए बुआई के पूर्व उर्वरक प्रबंधन करने से खेत की मिट्टी में यदि किसी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसकी पूर्ति हो जाती है।
  • इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से भिंडी के बीजों को अंकुरण के समय आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति में आसानी से हो जाती है।
  • बुआई के समय DAP@ 75 किलो/एकड़ + पोटाश@ 30 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी में भुरकाव करें।
  • भिंडी की फसल को बहुत से अलग अलग प्रकार की बीमारियों से रक्षा की भी करने की भी जरुरत पड़ती है।
  • इसके लिए बुआई से पहले मिट्टी उपचार करना चाहिए या फिर बुआई के समय मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए। इस किट में उन सभी आवश्यक उत्पादों को शामिल किया गया है जो भिंडी की फसल के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।
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ऑपरेशन ग्रीन से 22 फसलों को जोड़ने से किसानों को होगा लाभ

Farmers will benefited by adding 22 crops to Operation Green

बजट 2021 के प्रावधानों में ऑपरेशन ग्रीन स्कीम से 22 फसलों को जोड़ने का निर्णय किया गया है। इस स्कीम की शुरुआत टमाटर, आलू एवं प्याज के साथ की गई थी। इस स्कीम का मुख्य लक्ष्य आलू, प्याज एवं टमाटर को बेहतर संरक्षण करने के साथ साथ इनकी आपूर्ति में वृद्धि करना था। साथ ही इस स्कीम का यह भी उद्देश्य था की टमाटर, आलू एवं प्याज के फसल का मूल्य स्थिर रहे और इसकी खेती करने वाले किसानों को इसका लाभ भी मिले।

बहरहाल आने वाले दिनों में इस स्कीम में 22 फसलों को और जोड़ा जाएगा जिससे किसानों को काफी लाभ होगा। इन 22 फसलों में मुख्यतः सब्जी व फलों को शामिल किया गया है।

स्रोत: जागरण

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5 फरवरी से मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बढ़ जाएंगी बारिश की गतिविधियां

weather forecast

मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों, उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पूर्वी क्षेत्र, बिहार, झारखंड एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ में 5 फ़रवरी से बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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