फोटो प्रतियोगिता के शुरुआती 3 दिन में इन किसानों ने बनाई टॉप टेन में जगह

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता चल रहा है जिसमे हजारों किसान भाग ले रहे हैं और अपने गांव की तस्वीरें पोस्ट कर अपने दोस्तों से उसपर लाइक बढ़ा रहे हैं।

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी सात दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें अन्य किसान भी बढ़-चढ़ कर भाग ले सकते हैं और आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।  

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

 

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तरबूज की फसल में एफिड एवं जैसिड के प्रकोप से होगा नुकसान

Damage due to Aphid and Jassid in melon crop
  • एफिड एवं जेसिड छोटे एवं नरम शरीर वाले कीट होते हैं जो पीले, भूरे, हरे या काले रंग के हो सकते हैं।
  • ये आमतौर पर तरबूज की फसल की छोटी पत्तियों और टहनियों के कोनों पर समूह बनाकर पौधे से रस चूसते हैं तथा चिपचिपा मधु रस (हनीड्यू) छोड़ते हैं। इससे फफूंदजनित रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती है।
  • गंभीर संक्रमण के कारण पत्तियां और टहनियां कुम्हला सकती हैं या पीली पड़ सकती हैं।
  • एफिड एवं जेसिड कीट से बचाव हेतु थायोमेथोक्सोम 25% WG@100 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@100 मिली/एकड या फ्लूनेकामाइड 50% WG @ 60 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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तरबूज़ की फसल के बेहतर बढ़वार हेतु बुआई पूर्व जरूर करें इन उर्वरकों का उपयोग

Which fertilizer is beneficial in watermelon crop before sowing
  • तरबूज की फसल में बुआई के पहले खेत की जुताई के बाद उर्वरक की आपूर्ति करना बहुत आवश्यक होता है।
  • बुआई के पहले उर्वरकों का प्रबंधन करने से तरबूज़ की फसल को अंकुरण के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
  • बुआई पूर्व उर्वरक प्रबंधन करने के लिए DAP@ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट@ 10 किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फ़ेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • इसी के साथ किसान चाहे तो तरबूज समृद्धि किट का उपयोग भी मिट्टी उपचार के रूप में कर सकते हैं।
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इस हस्तचालित यंत्र से आसानी से निकल जाएगा खेतों का खरपतवार

Weed of fields will be removed easily by this manual weed dispenser
  • खरपतवार हर फसल के लिए एक बहुत बड़ी समस्या होती है।
  • खरपतवार को खेत से निकालने के लिए खरपतवार निकलने वाले यंत्र का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।
  • यह हुक टाइप का एक ऐसा हस्तचालित यंत्र होता है जो फसल की पंक्तियों के बीच खरपतवार को नष्ट करता है।
  • इसमें एक रोलर होता है जिसमें लोहे की रॉड द्वारा फिट की गई दो डिस्क लगी होती है। रॉड पर छोटे समचतुर्भुज आकार के हुक जुड़े होते हैं। इस यंत्र का रोलर नरम लोहे से निर्मित होता है।
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इस दिन शुरू होगा गेहूँ व अन्य रबी फसलों की एमएसपी पर बिक्री हेतु पंजीकरण

Registration for sale on MSP of Rabi crops will start on this day

मध्यप्रदेश में गेहूँ समेत अन्य रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर बिक्री हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। यह प्रक्रिया आगामी 25 जनवरी से शुरू होगी। हरियाणा राज्य में यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।

बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा हर साल खरीफ एवं रबी की 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किये जाते हैं। इसी के अंतर्गत साल 2021-22 के लिए रबी फसलों जैसे गेहूँ 1975 रुपये प्रति क्विंटल, जौ 1600 रुपये रुपये प्रति क्विंटल, चना 5100 रुपये प्रति क्विंटल रुपये, मसूर 5100 रुपये रुपये प्रति क्विंटल, रेपसीड एवं सरसों 4650 रुपये रुपये प्रति क्विंटल एवं कुसुम 5327 रुपये रुपये प्रति क्विंटल जारी किये गए हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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पीएम किसान योजना का फायदा इन किसान परिवारों को नहीं मिलेगा, जानें वजह

These farmer families will not get the benefit of PM Kisan Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत हाल ही में सातवीं क़िस्त किसानों के बैंक खाते में भेजी गई है। इस योजना से देश के करोड़ों किसान भाई लाभ उठा रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद कुछ ऐसे किसान परिवार भी हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।

किन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ?

  • संस्थागत किसानों को नहीं मिलेगा इसका लाभ।
  • संवैधानिक पद पर पदस्थ रह चुके व्यक्ति को नहीं मिलेगा इसका लाभ।
  • राज्य सरकार, केंद्र सरकार, पब्लिक सेक्टर कंपनी, सरकारी स्वायत्त संगठन आदि के सेवारत या सेवानिवृत्त कर्मचारी को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसमें मल्टी टास्किंग, ग्रुप डी और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है।
  • पिछले असेसमेंट वर्ष में आयकर भरने वाले लोग भी इसका लाभ नहीं उठा सकते।
  • डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंट और प्रोफेशनल संगठनों के साथ रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट्स भी इसका लाभ नहीं उठा सकते।

स्रोत: जागरण

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ग्रामोफ़ोन की फोटो प्रतियोगिता के पहले दिन ये रहे टॉप दस किसान

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ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर कल यानी 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता शुरू हुआ। पहले ही दिन इस प्रतियोगिता में हजारों किसानों ने भाग लिया और अपने गांव की तस्वीरें पोस्ट कर अपने दोस्तों से उसपर लाइक बढ़ाएं।

22 जनवरी को शीर्ष पर रहे दस किसान

  • शिवशंकर यादव
  • सतीश मेवाड़ा
  • मोतीलाल पाटीदार
  • संदीप रघुवंशी
  • धरम कन्नोज
  • कमल कृष्ण माली
  • प्रकाश पाटीदार
  • अशोक पाटीदार
  • प्रिंसू
  • प्रीतेश गोयल

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी नौ दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लें और आकर्षक पुरस्कार जीतें।

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

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समन्वित कीट प्रबंधन से फसल में कीटों के प्रकोप से पाएं छुटकारा

What is Integrated insect management
  • समन्वित कीट प्रबंधन से आशय यह है की कीटों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने से पहले ही कीटों का नियंत्रण करना।
  • समन्वित कीट प्रबंधन के अंतर्गत लाभकारी कीटों की पहचान करके उनके सरक्षण के उपाय किये जाते हैं।
  • इसके अंतर्गत फसल में कीट लगने के पहले ही उनके नियंत्रण के लिए प्रयास किये जाते हैं एवं उपयोग किये जाने वाले रसायनों को बदल बदल कर उपयोग किया जाता है।
  • जैविक उत्पादों जैसे फेरामोन ट्रैप लगाकर समन्वित कीट प्रबंधन किया जा सकता है।
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ऐसे करें खेत से निकलने वाले कचरे का उचित प्रबंधन

How to properly manage farm waste
  • किसान भाई खेतों में कई प्रकार की फसलें लगाते हैं और जितने प्रकार की फसलें होती हैं उतनी ही प्रकार के फसल अवशेष यानी कचरा भी खेत से निकलता है।
  • खेत से निकलने वाले इस कचरे का उचित तरीके से प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
  • अतः खेत में बिखरे कचरे को एक स्थान पर इकट्ठा करके रखना चाहिए।
  • खरपतवार का कचरा जिसमें खरपतवार के बीज़ होते हैं उन्हें खेत से दूर ले जाकर रखना चाहिए।
  • फसलों के जो अवशेष होते है उनको खेत के एक कोने में इकठ्ठा करके रखना चाहिए।
  • जानवरों के खाने लायक कचरे को अलग करके रखें।
  • आजकल बाजार में बहुत से ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं जिनका उपयोग करके इस कचरे को सड़ा कर खाद में बदल कर उपयोग कर सकते हैं।
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मछली रिटेल आउटलेट खोलने के लिए सरकार देगी 50% सब्सिडी

Government will give 50% subsidy to open fish retail outlet

अगर आप मछली रिटेल आउटलेट खोलना चाहते है पर आपके पास इसके लिए पैसे नहीं हैं तो अब आपको निराश होने की जरुरत नहीं है। दरअसल केंद्र सरकार की मदद से मध्य प्रदेश सरकार किसानों को मछली रिटेल आउटलेट खोलने के लिए 50% की सब्सिडी दे रही है।

मध्य प्रदेश के सभी निवासी इस सब्सिडी को प्राप्त कर सकते है, हालाँकि इसमें प्राथमिकता अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति, महिला तथा बेरोजगार युवाओं को दी जाएगी। आउटलेट खोलने हेतु 100 वर्गफ़ीट की जगह जरूर होनी चाहिए। आउटलेट खुलने के बाद इसके मैंटेनस की सारी ज़िम्मेदारी हितग्राही की होगी।

बता दें की एक मछली आउटलेट को खोलने में तक़रीबन 10 लाख रुपये का खर्च आता है। सरकार इस पूरी रकम का आधा यानी 50% सब्सिडी के रूप में देगी और शेष खर्च हितग्राही को स्वयं करना होगा। इस योजना से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग या फिर क्षेत्रीय कृषि विभाग जा सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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