ऐसे करें लहसुन की फसल में लगे सफेद कीड़े की रोकथाम

white worms in garlic crop
  • लहुसन की फसल की जड़ों में एक सफ़ेद रंग के कीड़े का प्रकोप देखने को मिलता है।
  • इस कीड़े के कारण लहसनु का कंद पूरी तरह सड़ जाता है।
  • यह कीड़ा लहसुन के कंद के अंदर जाकर पूरी तरह से कंद को खाकर नुकसान पहुँचाता है।
  • इस कीड़े के नियंत्रण के लिए कारबोफुरान 3% GR@ 7.5 किलो/एकड़ या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50% SP@ 7.5 किलो/एकड़ मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
  • क्लोरपायरीफोस 50% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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28 और 29 जनवरी को मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में हो सकती है बारिश

weather forecast

आने वाले दिनों में ख़ास कर के मध्य भारत के कुछ राज्यों में बारिश की संभावना बनी हुई है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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इस विधि से तैयार करें अच्छी कम्पोस्ट खाद

How to prepare good compost manure
  • अच्छी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए खेत से निकले कचरे को एक जगह इक्कठा कर लेना चाहिये।
  • इसके बाद 15 से 20 फुट लम्बा, 5-6 फुट चौड़ा, 3-3 ½ फुट गहरा गड्ढा बना लेना चाहिए।
  • सारे कचरे को आपस में अच्छे से मिलाकर गड्ढे में एक परत बिछा दें और उसके ऊपर गीला गोबर फैला दें।
  • यही क्रम तब तक दोहराते रहें जबतक की कचरे का स्तर भूमि की सतह से 2-2½ फुट ऊँचा ना हों जाए।
  • यदि गर्मी के मौसम में कम्पोस्ट तैयार कर रहे हैं तो 15-20 दिन के अन्तर पर 1-2 बार गड्ढे में पानी चला देना चाहिए ताकि कचरे को गलाने के लिए पर्याप्त नमी बनी रहे।
  • वर्षा एवं सर्दी के मौसम में ज्यादा पानी डालने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद जो खाद बनकर तैयार होती है उसमें 0.5 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.15 प्रतिशत फास्फोरस तथा 0.5 प्रतिशत पोटाश की मात्रा होती है।
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पोटैशियम से करें फसल का पोषण प्रबंधन, मिलेंगे कई लाभ

Potassium contributes to plant nutritional management
  • पोटैशियम फसल की पत्तियों में शर्करा और स्टार्च के निर्माण में सहायता करता है एवं पत्तियों के कार को भी बढ़ाता है।
  • पोटैशियम कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ाता है एवं जल संचरण में सहायता करता है।
  • इसके अतिरिक्त पौधों की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले एन्जाइमों को सुचारु रूप से चलाने में भी यह सहायक होता है।
  • पोटैशियम फसल में रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है एवं पौधे में लौह तत्व की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है।
  • इससे पौधे के तने को मज़बूती मिलती है।
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फोटो प्रतियोगिता के छठे दिन इन किसानों ने बनाई टॉप टेन में जगह

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता चल रहा है जिसमे हजारों किसान भाग ले रहे हैं और अपने गांव की तस्वीरें पोस्ट कर अपने दोस्तों से उसपर लाइक बढ़ा रहे हैं।

27 जनवरी को शीर्ष पर रहे दस किसान
नरेंद्र सिसोदिया
दीपेश सोलंकी
मोतीलाल पाटीदार
भूरू पटेल
कुलदीप चौहान
धर्मेंद्र विश्वकर्मा
कमल कृष्ण माली
प्रेम पाटीदार
सतीश मेवाड़ा
सुमित राजपूत

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी चार दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें अन्य किसान भी बढ़-चढ़ कर भाग ले सकते हैं और आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

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मध्य प्रदेश सरकार अब गोबर व पराली से बनाएगी सीएनजी और जैव उर्वरक

MP government will now make CNG and bio-fertilizer from cow dung and Crop residue

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अब गोबर और पराली के उपयोग से सीएनजी और जैव उर्वरकों का उत्पादन करने की तैयारी में है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को आनंद, गुजरात के भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि गोबर एवं पराली दोनों ही अत्यंत उपयोगी हैं और इनके उपयोग से मध्यप्रदेश में बायो सीएनजी और ऑर्गेनिक सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उत्पादन के लिए योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा की “पहले चरण में इसके लिए सालरिया गौ-अभयारण्य एवं कामधेनु रायसेन को चुना गया है। यहां भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाए जाकर उस पर कार्य किया जाएगा।”

स्रोत: वन इंडिया डॉट कॉम

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मटर की फसल में एस्कोचाईटा ब्लाईट के लक्षण एवं नियंत्रण

Symptoms and control of ascochyta blight in peas
  • इस रोग से प्रभावित होकर मटर की फसल में पौधे मुरझा जाते हैं।इसके कारण पौधों की जड़ें भूरी हो जाती हैं, पत्ते तथा तने पर भी भूरे धब्बे पड़ जाते हैं।
  • इस बीमारी से फसल कमजोर हो जाती है।

रासायनिक उपचार: इसके निवारण के लिए क्लोरोथालोनिल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ब 63% WP@ 500 ग्राम/एकड़ या ऐजोस्ट्रोबिन 11% + टेबूकोनाज़ोल 18.3% SC@ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

जैविक उपचार: जैविक उपचार के रूप में रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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गेहूँ की फसल में दीमक के प्रकोप की पहचान, लक्षण एवं प्रबंधन

Symptoms and control of termite attack in wheat crop
  • दीमक पोलीफेगस कीट होता है और यह सभी फसलों को नुकसान पहुँचाता है।
  • गेहूँ की फसल में भी दीमक के कारण बहुत नुकसान होता है।
  • दीमक गेहूँ के अंकुरित पौधों को चट कर जाती हैं।
  • यह कीट जमीन में सुरंग बनाकर पौधों की जड़ों को खाते हैं। इसके प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी खाते हैं।
  • इस कीट का वयस्क मोटा होता है, जो धूसर भूरे रंग का होता है।
  • यह कीट दरारों या गिरी हुई पत्तियों के नीचे छिप जाते हैं और रात में तने और पत्तियों का नरम हिस्सा खाते हैं।
  • जिस खेत में कच्ची खाद का उपयोग किया जाता है वहाँ दीमक का प्रकोप बहुत ज्यादा होता है।
  • बुआई के पहले खेत में गहरी जुताई करें।
  • खेत में अच्छी सड़ी हुई खाद का ही उपयोग करें।
  • इसके नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफोस 50% EC@ 500 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4% GR@ 7.5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
  • इसके अलावा क्लोरोपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर/एकड़ को किसी भी उर्वरक के साथ मिलाकर जमीन से दें और सिंचाई कर दें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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तरबूज़ की फसल में सफ़ेद मक्खी का प्रकोप एवं नियंत्रण की विधि

Control of white fly in watermelon
  • सफ़ेद मक्खी के शिशु एवं वयस्क रूप तरबूज के पौधों की पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते हैं एवं मधु-श्राव का उत्सर्जन करते हैं जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं ।
  • इसके कारण पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती हैं और सूटी मोल्ड से ढक जाती हैं।
  • यह कीट पत्ती मोड़क विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है।
  • इसके नियंत्रण हेतु डायमेथोएट 30% ईसी @ 300 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 400 मिली/एकड़ का छिड़काव 10 दिनों के अंतराल पर करें।
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फोटो प्रतियोगिता के पहले दो दिनी विजेता बनें शिवशंकर यादव, अभी बाकी है इनाम जीतने के कई और मौके

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता चल रहा है। इस प्रतियोगिता में हर दो दिनों पर एक विजेता चुना जाना है। प्रतियोगिता के पहले दो दिनी विजेता बनें हैं शिवशंकर यादव जिन्होंने 22 और 23 जनवरी के दिन अपने गांव की तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त किये हैं। शिवशंकर जी को जल्द ही ग्रामोफ़ोन की तरफ से आकर्षक पुरस्कार मिलेगा।  

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी सात दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें अन्य किसान भी बढ़-चढ़ कर भाग ले सकते हैं और आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।  

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

 

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