खरीफ सीजन में अधिकतर किसान भाई धान की खेती करते हैं। हालांकि दूसरी फसलों के मुकाबले धान की फसल में ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। वहीं परम्परागत तरीके से एक किग्रा चावल उत्पादन प्राप्त करने में लगभग 3 हजार से 5 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल होता है। यह भी भूमिगत जलस्तर के नीचे जाने का एक मुख्य कारण है।
ऐसे में पानी की बचत को लेकर राज्य सरकारें धान की सीधी बुवाई पर जोर दे रही हैं। अगर आप भी सरकार की इस मुहिम में जुड़कर पानी की बढ़ती कमी को रोकना चाहते हैं तो, धान की खेती के लिए इसकी सीधी बुवाई एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए आपको विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
धान की सीधी बुवाई के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
सीधी बुवाई के लिए धान की सही किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए धान की ऐसी किस्म का चयन करें जिससे सूखे की स्थिति या कम पानी में भी बढ़िया पैदावार प्राप्त हो सके। कृषि विशेषज्ञों ने एक ऐसी ही ‘स्वर्ण शक्ति धान’ की किस्म तैयार की है, जो धान के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है।
जानें स्वर्ण शक्ति धान की विशेषताएं
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स्वर्ण शक्ति धान की खेती कम पानी या फिर अंसिचित क्षेत्र में भी बढ़िया तरीके से की जा सकती है।
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इसकी सीधी बुवाई बिना कीचड़ एवं बिना जल जमाव वाली वायवीय मिट्टी में कर सकते हैं।
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इस धान की किस्म की फसल अवधि मात्र 115 से 200 दिन की होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 4 से 5 टन चावल का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
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यह एक उच्च गुणवत्ता वाली धान की किस्म है, जिसमें सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में मुख्यत: जिंक और लोहा प्रचुर मात्रा में जाए जाते हैं।
स्रोत: किसान समाधान
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