खरीफ मौसम में इन फसलों से होगा बढ़िया मुनाफा, जारी हुई एडवाइजरी

खरीफ मौसम में किसान भाईयों को फायदा पहुंचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने एडवाइजरी जारी की है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मौसम में अधिक लाभ पाने के लिए सब्जियों की खेती करना उचित है। खरीफ मौसम में खेत में सबसे ज्यादा नमी पाई जाती है, जो कि चारे की पैदावार के लिए भी बढ़िया मानी जाती है। इसके अलावा मक्का की बुवाई के लिए भी यह सही समय है। 

इन फसलों की करें बुवाई

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मौसम में प्याज, भिंडी, सेम, लोबिया, खीरा, करेला, पालक और चौलाई आदि सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए बीज प्रमाणिक स्रोत से ही खरीदें ताकि फसल की बढ़िया पैदावार प्राप्त हो सके। हालांकि यह ध्यान रहे कि खेत की मिट्टी ऐसी हो जिसमें बीज का जमाव अच्छे से हो सके।

दीमक और सफेद लट से बचाव जरूरी

बुवाई से पहले मिट्टी में देसी खाद का प्रयोग ज्यादा करें। इसके लिए सड़ी हुई गोबर से खाद बनाए। देसी खाद के प्रयोग से दीमक और सफेद लट के बचाव के साथ ही मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। साथ ही भूमि की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है।

इसके अलावा बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार किसी भी तरह का छिड़काव न करने की सलाह दी है। किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके, इसके लिए खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में प्रबंधन जरूर करें।

स्रोत : टीवी9

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स्वर्ण शक्ति धान लगाने से किसानों को होगा दोहरा फायदा

खरीफ सीजन में अधिकतर किसान भाई धान की खेती करते हैं। हालांकि दूसरी फसलों के मुकाबले धान की फसल में ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। वहीं परम्परागत तरीके से एक किग्रा चावल उत्पादन प्राप्त करने में लगभग 3 हजार से 5 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल होता है। यह भी भूमिगत जलस्तर के नीचे जाने का एक मुख्य कारण है। 

ऐसे में पानी की बचत को लेकर राज्य सरकारें धान की सीधी बुवाई पर जोर दे रही हैं। अगर आप भी सरकार की इस मुहिम में जुड़कर पानी की बढ़ती कमी को रोकना चाहते हैं तो, धान की खेती के लिए इसकी सीधी बुवाई एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए आपको विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

धान की सीधी बुवाई के लिए ध्यान रखने योग्य बातें

सीधी बुवाई के लिए धान की सही किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए धान की ऐसी किस्म का चयन करें जिससे सूखे की स्थिति या कम पानी में भी बढ़िया पैदावार प्राप्त हो सके। कृषि विशेषज्ञों ने एक ऐसी ही ‘स्वर्ण शक्ति धान’ की किस्म तैयार की है, जो धान के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। 

जानें स्वर्ण शक्ति धान की विशेषताएं

  • स्वर्ण शक्ति धान की खेती कम पानी या फिर अंसिचित क्षेत्र में भी बढ़िया तरीके से की जा सकती है।

  • इसकी सीधी बुवाई बिना कीचड़ एवं बिना जल जमाव वाली वायवीय मिट्टी में कर सकते हैं।

  • इस धान की किस्म की फसल अवधि मात्र 115 से 200 दिन की होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 4 से 5 टन चावल का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

  • यह एक उच्च गुणवत्ता वाली धान की किस्म है, जिसमें सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में मुख्यत: जिंक और लोहा प्रचुर मात्रा में जाए जाते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी: 14 खरीफ फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई वृद्धि

Good News for Farmers Increase in Minimum Support Price of 14 Kharif Crops

कोरोना संकट के बीच किसानों के लिए एक बड़ी खुशख़बरी आई है। यह खुशख़बरी मोदी की अध्यक्षता में कल हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक से आई है। इस बैठक में खरीफ सीजन की 14 फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गए हैं जो की पिछले साल की तुलना में बढ़ा दिया गया है।

कैबिनेट ने धान की एमएसपी 1868 रुपये, ज्वार की 2620 रुपये, बाजरा की 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय की है। साथ ही मक्का की एमएसपी 1850 रुपये, मूंगफली की 5275 रुपये, सूरजमुखी की 5885 रुपये, सोयाबीन की 3880 रूपये और कपास की की माध्यम रेशे वाली उपज की 5515 रूपये तथा लम्बे रेशे वाली उपज की 5825 रुपये प्रति क्विंटल तय की है।

ग़ौरतलब है की कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्रइसेज़ (सीएसीपी) ने पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किये अपने रिपोर्ट में 17 खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की सिफारिश की थी। अब केंद्रीय कैबिनेट ने सीएसीपी की इन्हीं सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन की 14 फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिए हैं।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

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मध्य प्रदेश: ख़रीफ़ सीजन के लिए रखा गया 144.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य

Madhya Pradesh Sowing target set for 144.6 lakh hectare in Kharif season

कोरोना महामारी की वजह से चल रहे लॉकडाउन में कुछ दिनों के लिए कृषि कार्य धीमी पड़ी थी पर अब इसने रफ़्तार पकड़ ली है। इसी कड़ी में अब मध्यप्रदेश में खरीफ फ़सलों की बुआई को लेकर लक्ष्य का निर्धारण कर लिया गया है। इस बार प्रदेश में 144.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फ़सलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कृषि विभाग के प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी ने कहा है कि इस बार सबसे ज्यादा 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई का लक्ष्य है। इसके अलावा उन्होंने धान 31 लाख हेक्टेयर, उड़द 17.50 लाख हेक्टेयर, मक्का 16 लाख हेक्टेयर, कपास 6.50 लाख हेक्टेयर, अरहर 4.50 लाख हेक्टेयर, तिल/राम-तिल 4.50 लाख हेक्टेयर, मूंगफली 2.50 लाख हेक्टेयर, मूंग 2 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन फ़सलें 0.10 लाख हेक्टेयर में लगाए जाने का लक्ष्य रखा है।

स्रोत: कृषक जगत

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