धान की फसल में कीचड़ मचाने से मिलते हैं कई फायदे

धान की फसल में कीचड़ मचाने की प्रक्रिया में पानी की मदद से खेत की मिट्टी को मथा जाता है। यह धान के खेतों में देशी हल से प्रारंभिक जुताई के बाद 5-10 सेंटीमीटर गहरे पानी के साथ किया जाता है। इससे खेत की मिट्टी से बने ढेले टूटते हैं और मिट्टी को पूरी तरह से मथ दिया जाता है।

क्या कीचड़ मचाने का उद्देश्य?

धान की खेती में कीचड़ मचाने से होने वाले फायदों में खरपतवार नियंत्रण, पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि और आसान रोपाई शामिल हैं। चावल में खरपतवार नियंत्रण और जल संरक्षण इसके सबसे महत्वपूर्ण लाभ हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से खरपतवारों को नरम मिट्टी में दबा दिया जाता है। साथ हीं यह रिसने से होने वाली पानी की हानि काफी हद तक कम हो जाती है।

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