धान की नर्सरी की तैयारी एवं बुआई

  • धान की पौध को ऐसे खेत में डालना चाहिए जो कि सिंचाई के स्रोत के पास हो। 
  • मई जून में प्रथम वर्षा के बाद नर्सरी के लिए चुने हुए खेत में पाटा चला कर जमीन को समतल कर लेना चाहिए। पौध तैयार करने के लिए खेत में दो-तीन सेमी0 पानी भरकर दो तीन बार जुताई करें। ताकि मिट्टी लेह युक्त हो जाए तथा खरपतवार नष्ट हो जाए। आखिरी जुताई के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल करें। ताकि खेत में अच्छी तरह लेह बन जाए, जिससे कि पौध की रोपाई के लिए उखाड़ने में मदद मिले तथा जड़ों का नुकसान कम हो।
  • पौध तैयार करने के लिए 1.25 मीटर चौड़ी व 8 मीटर लम्बी क्यारियां बना लें तथा प्रति क्यारी (10 वर्गमीटर) में 10 किलो/वर्गमीटर FYM एवं सूक्ष्म पोषक तत्व 100 ग्राम/वर्गमीटर के हिसाब से उपयोग करें। 
  • यह ध्यान रहे कि नर्सरी (पौध) जितनी स्वस्थ होगी उतनी अच्छी उपज मिलेगी।
  • बीज की मात्रा – एक एकड़ क्षेत्रफल की रोपाई के लिए धान के महीन चावल वाली किस्मों का 12-13 किलोग्राम, मध्य दाने वाली किस्मों का 16-17 किलोग्राम और मोटे दाने वाली किस्मों का 20 से 30  किलोग्राम बीज की पौध तैयार करने की आवश्यकता होती है। जबकि संकर प्रजातियों के लिए प्रति एकड़ 7-8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • रासायनिक बीजोपचार – सर्वप्रथम बीज को 12 घण्टे तक पानी में भिगोयें तथा पौधशाला में बुआई से पूर्व बीज को कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63%WP 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 37.8% + थायरम 37.8%  2.5 ग्राम/किलो बीज. 
  • जैविक उपचार: या ट्राइकोडर्मा विरिडी + पीएसबी 10ग्राम + 5 ग्राम/किलो बीज या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस + पीएसबी 10 ग्राम + 5 ग्राम/किलो बीज। 
  • नर्सरी की देखरेख – अंकुरित बीज की बुआई के दो – तीन दिनों के बाद पौधशाला में सिचाई करें। फिप्रोनिल 5% SC  30 मिली/पंप + कसुंगामायसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP 20 ग्राम/पंप + ह्यूमिक एसिड 10 ग्राम/पंप नर्सरी छिड़काव करें।
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