कपास की फसल अन्तरसस्य फसलों के लिए अच्छी मानी जाती हैं क्योंकि कपास की फ़सल शुरुआत में धीरे-धीरे बढ़ती हैं एवं खेत में लम्बे समय तक रहती हैं जो अन्य अन्तरसस्य फसलों के लिए अच्छा माना जाता हैं। अन्तरसस्य का मुख्य उद्देश्य अतिरिक्त फसल के साथ कपास की फसल की अधिकतम उपज प्राप्त करना होता है।
सिंचित क्षेत्रों के लिए अन्तरसस्य फसलें:
- कपास + मिर्च (1: 1 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + प्याज़ (1: 5 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + सोयाबीन (1: 2 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + सनई (हरी खाद के रूप में) (1: 2 पंक्ति के अनुपात में)
अन्तरसस्य फसलें को वर्षा आधारित क्षेत्रों में लगाने के लिए:
- कपास + प्याज़ (1: 5 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + मिर्च (1: 1 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + मूंगफली (1: 3 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + मूंग (1: 3 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + सोयाबीन (1: 3 पंक्ति के अनुपात में)
- कपास + अरहर (1:1 पंक्ति के अनुपात में)