आलू के कंदों में हरापन –
- यह आलू का एक शारीरिक विकार है, जो की आलू के कंदों का प्रकाश के संपर्क में आने से होता है|
- जब आलू की फसल में मिट्टी चढ़ाने की क्रिया नहीं की जाती तो आलू का ऊपरी भाग प्रकाश के संपर्क में लगातार बना रहता इस कारण इसमें हरापन दिखाई देने लगता है|
- यदि आलू को घर में किसी प्रकाश वाले स्थान पर संग्रहित किया जाता है, तो इस कारण भी कंदों में हरापन होने लगता है|
- हरे आलू में सोलेनिन नामक रसायन बनने के कारण ही आलू में हरापन आता है, और इस कारण आलू का स्वाद कड़वा हो जाता है|
सावधानियाँ –
- हरे आलू को खाने में प्रयोग नहीं करना चाहिए|
- आलू की फसल में कंद बनने के दौरान (बुवाई के 35-40 दिनों बाद) मिट्टी चढ़ाने की क्रिया करनी चाहिए ताकि आलू का कन्द प्रकाश के सम्पर्क में ना आए|
- आलू का संग्रहण अँधेरे वाले स्थान पर करना चाहिए, यदि कही से प्रकाश आ रहा है तो उस स्थान को बंद कर देना चाहिए|
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