- इस रोग के प्रकोप के कारण तरबूज के फल के पिछले किनारे में गहरी सड़ी-गली और सिकुड़न जैसी संरचना बन जाती है।
- सामान्यत: यह पानी देने का अंतराल कम या अधिक होने के कारण होता है।
- जब खेत की मिट्टी बहुत सूखी हो जाती है, तब कैल्शियम मिट्टी में रह जाता है और पौधों को प्राप्त नही हो पाता है।
- इसके निवारण के लिए कैल्शियम नाइट्रेट @10 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- तरबूज में ब्लॉसम एंड रॉट के प्रकोप से होने वाली क्षति एवं बचाव के उपाय।
Greening in Potato Tubers
आलू के कंदों में हरापन –
- यह आलू का एक शारीरिक विकार है, जो की आलू के कंदों का प्रकाश के संपर्क में आने से होता है|
- जब आलू की फसल में मिट्टी चढ़ाने की क्रिया नहीं की जाती तो आलू का ऊपरी भाग प्रकाश के संपर्क में लगातार बना रहता इस कारण इसमें हरापन दिखाई देने लगता है|
- यदि आलू को घर में किसी प्रकाश वाले स्थान पर संग्रहित किया जाता है, तो इस कारण भी कंदों में हरापन होने लगता है|
- हरे आलू में सोलेनिन नामक रसायन बनने के कारण ही आलू में हरापन आता है, और इस कारण आलू का स्वाद कड़वा हो जाता है|
सावधानियाँ –
- हरे आलू को खाने में प्रयोग नहीं करना चाहिए|
- आलू की फसल में कंद बनने के दौरान (बुवाई के 35-40 दिनों बाद) मिट्टी चढ़ाने की क्रिया करनी चाहिए ताकि आलू का कन्द प्रकाश के सम्पर्क में ना आए|
- आलू का संग्रहण अँधेरे वाले स्थान पर करना चाहिए, यदि कही से प्रकाश आ रहा है तो उस स्थान को बंद कर देना चाहिए|
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ShareManagement of Leaf reddening in Cotton
कपास में लाल पत्ति का प्रबंधन:-
- घेटे के विकास के समय खराब वातावरणीय स्थिति से बचने के लिए समय पर बुआई करें |
- उचित समय पर यूरिया (1%) के एक या दो स्प्रे करें।
- बुआई के 40-45 दिन में मैग्नीशियम सल्फेट 10-12 किलो प्रति एकड़ के अनुसार दें|
- जल भराव से बचने के लिए उचित जलनिकासी करें |
- रस चुसक कीटों के कारन होने वाले लालपन को रोकने के लिए अनुशंसित कीटनाशकों का प्रयोग करें|
- अधिक घेटे लगने पर प्रबंधन करें|
- फूल और घेंटों के विकास के दौरान विशेष रूप से संकर किस्म में पर्याप्त पोषक तत्वों की पूर्ति करें |
- अंतर शस्य क्रियाये, निदाई एवं अन्य कृषि कार्य समय पर करें |
- जिन किस्मों में यह समस्या आती है उन्हें नहीं लगाना चाहिए|
- उपलब्ध होने पर पर्याप्त सिंचाई करें |
- मिट्टी के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र और अंतरवर्तीय फसलें अपनाए।
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ShareBulb splitting In Onion (physiological Disorder)
प्याज़ में कंदों का फटना:
कारक:-
- प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है|
- खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते है|
- कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है|
लक्षण:-
- प्रथम लक्षण कंद के फटने पर आधार पर दिखाई देते है|
- प्रभावित कंद फटे उभार के रूप में आधार भाग में दिखाई देते है|
रोकथाम:-
- एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है|
- धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते है|
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ShareBolting in Onion (Physiological disorder)
प्याज के फूल निकलना (देहिक विकार)
कारण :-
- विभिन्न किस्म की आनुवांशिक विविधता के कारण|
- तापमान में अत्यधिक उतर चढाव होने से|
- निम्न बीज गुणवत्ता के कारण|
- नर्सरी बेंड पर पौधो का विकास अवरूध्द हो जाने से|
- शुरुआत में अत्यधिक कम तापमान फुलो का विकास करता हें|
लक्षण:-
- यह अवस्था तब होनी हें जब पौधे पांच पत्तियों की अवस्था में होता हें|
- इसमें अचानक प्याज के कंद के सिर पर केंद्र पर वृन्त विकसित हो जाता है|
- इस अवस्था में कन्द हल्के एवं रेशेदार हो जाते हें|
रोकथाम:-
- किस्मो की बुवाई उचीत समय पर करनी चाहिये|
- उर्वरक का अत्यधिक उपयोग नहीं करना चाहिए|
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