मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4600 5412
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 3800 6080
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 5500 5600
मुरैना बनमोरकलां सरसों 6021 6021
भोपाल भोपाल सरसों 5450 5450
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5935 5935
मंडला बिछिया सरसों 5500 5500
छतरपुर बिजावर सरसों 5825 6000
सागर बीना सरसों 6700 6700
रीवा चाकघाट सरसों 5250 5250
मन्दसौर दलौदा सरसों 5512 5735
दमोह दमोह सरसों 5275 5470
देवास देवास सरसों 5731 5731
विदिशा गंज बासौदा सरसों 5000 5910
भिंड गोहाद सरसों (काला) 5855 6275
गुना गुना सरसों 5700 6075
रीवा हनुमना सरसों 5000 5000
हरदा हरदा सरसों 5500 5500
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5812 5812
जबलपुर जबलपुर सरसों 5350 5485
रतलाम जावरा सरसों 5601 6086
मुरैना कैलारस सरसों (काला) 6300 6300
कटनी कटनी सरसों 4842 5843
कटनी कटनी सरसों (काला) 5150 5925
कटनी कटनी पीला (काला) 6400 6400
शिवपुरी कोलारस सरसों 6000 6225
ग्वालियर लश्कर सरसों 5900 6315
गुना मकसूदनगढ़ सरसों 5455 5455
नीमच मनसा सरसों 5100 5890
मुरैना मुरैना सरसों 6270 6270
सतना नागोद सरसों 5300 5550
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सरसों 4000 5725
नीमच नीमच सरसों 5450 6050
जबलपुर पाटन सरसों 5270 5270
रायसेन रायसेन सरसों (काला) 4500 4500
रीवा रीवा सरसों (काला) 5640 5749
मुरैना सबलगढ़ सरसों (काला) 5960 6300
सतना सतना सरसों 5380 6105
सीहोर सीहोर सरसों 5210 5326
मन्दसौर शामगढ़ सरसों 5750 5896
श्योपुर श्योपुरबडोद सरसों 6001 6180
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5975 6300
विदिशा सिरोंज सरसों 5785 5785
हरदा टिमरनी सरसों 4500 5351
विदिशा विदिशा सरसों 4000 6001

स्रोत: एगमार्कनेट

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पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका रोग को इसके लक्षणों से पहचानें

Identify foot and mouth disease in animals by its symptoms

पशुओं में होने वाला खुरपका एवं मुंहपका रोग दरअसल नंगी आँखों से न दिख पाने वाले वाइरस द्वारा होता है। आइये जानते हैं इस रोग के फैलने के क्या क्या कारण हो सकते हैं। 

रोग के फैलने के कारण:

ये रोग मुख्यतः पहले से रोग से संक्रमित जानवर के विभिन्न स्त्राव और उत्सर्जित द्रव जैसे लार, गोबर, दूध के साथ अन्य स्वस्थ सीधे संपर्क मे आने, दाना, पानी, घास, बर्तन, दूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथों से और हवा के माध्यम से फैलता है। इस स्त्राव मे विषाणु बहुत अधिक संख्या मे होते हैं और स्वस्थ जानवर के शरीर मे मुँह और नाक के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं। 

रोग के लक्षण:

यह रोग होने पर पशु को तेज बुखार (104-106०F) होता है। बीमार पशु के मुँह मे मुख्यत जीभ के उपर, होठो के अंदर, मसूड़ों पर साथ ही खुरो के बीच की जगह पर छोटे छोटे छाले बन जाते हैं। फिर धीरे–धीरे ये छाले आपस में मिलकर बड़े छाले बनाते हैं। आगे चलकर ये छाले फूट जाते हैं और उनमें जख्म हो जाती है। मुँह मे छाले हो जाने की वजह से पशु जुगाली बंद कर देता है और खाना पीना छोड़ देते हैं, मुँह से निरंतर लार गिरती रहती है, साथ ही मुँह चलाने पर चाप चाप की आवाज़ भी सुनाई देती है। दुधारू पशुओं में दूध का उत्पादन 80% तक कम हो जाता है। पशु कमजोर होने लगते हैं। प्रभावित पशु स्वस्थ्य होने के उपरान्त भी महीनों तक और कई बार जीवनपर्यन्त हांफते रहता है।

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कई राज्यों में ठंड की दस्तक, दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट

know the weather forecast,

पूरे उत्तर पश्चिम भारत से दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी हो चुकी है। इसके साथ ही दिल्ली और यूपी में ठंड की आहट महसूस की जा रही है। मौसम विभाग की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तर बंगाल की खाड़ी से मॉनसून की वापसी हो चुकी है।

स्रोत: किसान तक

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सल्फर का फसल के लिए क्या होता है महत्व, जानें इसके लाभ

Importance of Sulfur in crops
  • सल्फर (गंधक) फसलों में प्रोटीन के प्रतिशत को बढ़ाने में सहायक होता है साथ ही साथ यह पर्णहरित लवक के निर्माण में योगदान देता है जिसके कारण पत्तियां हरी रहती हैं तथा पौधों के लिए भोजन का निर्माण हो पाता है।

  • सल्फर पौधों में नाइट्रोजन की क्षमता और उपलब्धता को बढ़ाता है।

  • दलहनी फसलों में, सल्फर के कारण हीं जड़ों में अधिक गाठों का विकास होता है। इससे जड़ों में उपस्थित राइज़ोबियम नामक जीवाणु, वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन को लेकर, फसलों को उपलब्ध कराते हैं।   

  • तम्बाकू, सब्जियों एवं चारे वाली फसलों की गुणवत्ता भी सल्फर के कारण बढ़ जाती है।

  • सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहन फसलों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है। 

  • सल्फर आलू की फसल में स्टार्च की मात्रा को बढ़ाता है।

  • सल्फर को मिट्टी का सुधारक भी कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है।

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कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की आशंका, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है जो जल्दी ही डिप्रेशन बन जाएगा। इसके प्रभाव से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश सहित तमिलनाडु के कई जिलों में भारी से अधिकारी बारिश की गतिविधियां जारी हैं। चेन्नई के कई इलाकों में 100 मिलीमीटर से ज्यादा की बारिश दर्ज की जा चुकी है। कई स्थानों पर जल भराव है। सड़क हवाई और रेल यातायात प्रभावित होने की आशंका है, जनजीवन भी अस्त व्यस्त होने की संभावना दिखाई दे रही है। दक्षिणी कर्नाटक, दक्षिणी आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के उत्तरी जिलों में अगले दो दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश जारी रहेगी। मानसून अब देश के बाकी हिस्सों से भी जल्द विदाई ले लेगा साथ ही साथ उत्तर पूर्वी मानसून भी दस्तक दे देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी जारी, 40500 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 14399 18499
शाजापुर आगर लहसुन 6700 27900
सीहोर अष्ट लहसुन 8000 22000
उज्जैन बड़नगर औसत 8000 12000
धार बदनावर औसत 20950 20950
धार बदनावर देसी 23600 23600
धार बदनावर लहसुन 1600 31000
खंडवा बड़वाह (F&V) औसत 15000 25000
भोपाल भोपाल लहसुन 13000 28950
मन्दसौर दलौदा लहसुन 9001 33700
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 1000 22415
सीहोर इछावर (F&V) लहसुन 11310 20000
इंदौर इंदौर औसत 23800 23800
इंदौर इंदौर लहसुन 200 27900
रतलाम जावरा लहसुन 8000 35000
शाजापुर कालापीपल लहसुन 6800 24050
शाजापुर कालापीपल (F&V) लहसुन 4600 24400
नीमच मनसा लहसुन 1000 28100
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 3500 40500
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 8300 28400
नीमच नीमच औसत 1700 29625
नीमच नीमच लहसुन 2211 37001
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1000 33500
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 9111 15101
धार राजगढ़ लहसुन 5100 26400
धार राजगढ़ (F&V) औसत 5100 26400
रतलाम रतलाम देसी 5000 29801
रतलाम रतलाम लहसुन 1300 30000
रतलाम सैलाना लहसुन 6501 26801
रतलाम सैलाना(F&V) लहसुन 8000 28750
सीहोर सीहोर लहसुन 4000 28000
शाजापुर शाजापुर लहसुन 8000 25100
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 12601 29100
शाजापुर शुजालपुर देसी 13100 29300
शाजापुर शुजालपुर(F&V) लहसुन 7000 33000
मन्दसौर सीतामऊ (F&V) औसत 5000 26000
मन्दसौर सीतामऊ देसी 12100 27200
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 14000 30300
उज्जैन उज्जैन लहसुन 22900 25900

स्रोत: एगमार्कनेट

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रबी फसलों में ऐसे करें दीमक का नियंत्रण

  • दीमक एक पोलीफेगस कीट होता है जिसका मतलब यह होता है की यह सभी फसलों को बर्बाद कर सकता है।

  • दीमक भूमि के अंदर फैली पौधों की जड़ों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। इसका प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी नुकसान पहुंचाता है।

  • आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, सरसों, राई, मूली, गेहू आदि फसलों को यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्र प्रबंधन करना जरूरी है।

  • बीजों को कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करके ही बोना चाहिए।

  • कीट नाशक मेट्राजियम से मिट्टी उपचार अवश्य करना चाहिए।

  • कच्ची गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कच्चा गोबर इस कीट का मुख्य भोजन है।

  • दीमक को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर को 4 किलो रेत में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में बुआई के समय डालना चाहिए।

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राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात में बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अरब सागर पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र अब यमन की तरफ चला गया है। अब इससे भारत को कोई भी खतरा नहीं है। दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव गहरा गया है और जल्दी ही डिप्रेशन बन जाएगा। इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश तमिलनाडु और दक्षिणी कर्नाटक में भारी बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश की गतिविधियां इन सभी राज्यों के साथ-साथ केरल और गोवा तक दिखाई देंगी जो अगले दो दिनों तक जारी रह सकती हैं। उत्तर भारत में सुबह और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है परंतु दिन के तापमान गिरने में अभी कुछ और समय लग सकता है। पूर्वी भारत में मौसम लगभग साफ रहेगा परंतु उत्तर पूर्वी भारत में हल्की से मध्यम बारिश से जारी रह सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सोयाबीन 4200 4510
बड़वानी अंजड़ पीला 4050 4050
धार बदनावर सोयाबीन 4124 4574
धार बदनावर पीला 3850 4910
खरगोन बड़वाह सोयाबीन 3250 4111
होशंगाबाद बानापुरा पीला 3300 4200
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 3900 4200
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3800 3800
खरगोन भीकनगांव पीला 4000 4000
सागर बीना सोयाबीन 4150 4150
देवास देवास सोयाबीन 3700 4450
धार धार सोयाबीन 4300 4500
धार धार पीला 4200 4230
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4000 4000
विदिशा गंज बासौदा पीला 3900 3900
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4040 4410
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 3800 3850
खंडवा हरसूद पीला 3600 4200
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4050 4100
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4000 4000
आलीराजपुर जोबट(F&V) पीला 4000 4000
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3850 4209
खंडवा खंडवा पीला 3650 3900
धार कुक्षी सोयाबीन 3300 4300
खंडवा मुंडी सोयाबीन 4000 4000
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 2880 4345
सागर सागर सोयाबीन 4150 4250
इंदौर सांवेर सोयाबीन 4250 4301
खरगोन सेगांव सोयाबीन 3500 4000
सीहोर सीहोर पीला 3902 4451
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 4000 4200
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 3775 3875
उज्जैन तराना सोयाबीन 4180 4350
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा सोयाबीन 4000 4100
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3950 4000

स्रोत: एगमार्कनेट

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भिंडी की फसल में पीला शिरा मोज़ेक वायरस प्रकोप के लक्षण एवं नियंत्रण

Symptoms and control of yellow vein mosaic virus in okra crop

पीला शिरा मोज़ेक दरअसल एक वायरस यानी विषाणु जनित रोग है जो फसल में उपस्थित रसचूसक कीट के कारण से और ज्यादा फैलता है। यह भिंडी की फसल के लिए वर्तमान समय में बेहद घातक हो सकता है।  

लक्षण: इस रोग के शुरुआती अवस्था में ग्रासित पौधे की पत्तियों की शिराएँ पीली पड़ने लगती हैं और जैसे ही रोग बढ़ता जाता है वैसे वैसे पीलापन पूरी पत्ती पर फैलता जाता है और इसके परिणाम से पत्तियाँ मुड़ने एवं सिकुड़ने लगती है, पौधे की वृद्धि रुक जाती है। प्रभावित पौधे के फल हल्के पीले, विकृत और सख्त हो जाते हैं।

नियंत्रण: यह रोग मुख्यत सफेद मक्खी से फैलता है, इसके नियंत्रण के लिए नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% SP) @ 30 ग्राम प्रती एकड़ या पेजर (डायफैनथीयुरॉन 50% WP) 240 ग्राम/एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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