कपास में होगा मिलीबग का प्रकोप, कर लें बचाव की तैयारी

  • कपास की फसल के वनस्पति विकास वाले चरण के दौरान मिलीबग से संक्रमित पौधों में पत्तियों का मुड़ने, झाड़ीदार अंकुर, झुर्रियों वाली या मुड़ी हुई और गुच्छेदार पत्तियों के लक्षण दिखाई देते हैं। इससे पौधे सूखने लगते हैं और बौने व शुष्क हो जाते हैं।

  • वयस्क और शिशु मिलीबग नरम और कठोर दोनों प्रकार के पौधों के ऊतकों में छेद कर देते हैं और उनका रस चूसते हैं। यह कपास की फसल के विकास के सभी चरणों में हो सकता है।

  • हालांकि इससे नुकसान अक्सर थोड़ा-थोड़ा होता है, पर उन क्षेत्रों में नुकसान और भी बदतर हो सकता है जहां फसल तनाव में है (उदाहरण के लिए खराब जल निकासी वाले क्षेत्र)।

  • भारी संक्रमण जो जल्दी शुरू होता है और बना रहता है, वे चिपचिपे पदार्थ उत्सर्जित करते हैं। जिसके कारण ये कई बीमारियों के वाहक के रूप में काम करते हैं।

  • इसके रासायनिक उपचार के लिए नोवालक्सम (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC)@ 50 मिली + बवे कर्ब (ब्यूवेरिया बैसियाना) @ 250 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

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