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यह एक नाइट्रोज़न स्थिरीकरण जीवाणु नील हरित शैवाल है, जो प्रकाश संश्लेषी सूक्ष्म जीव होते है।
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जो नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक है। नील-हरित शैवाल को ‘सायनोबैक्टीरिया’ भी कहा जाता है|
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यह सूक्ष्म जीव गुणात्मक रूप से बाकी जीवाणु वर्ग से अधिक लाभकारी होता है| इसलिए ये सायनोबैक्टीरिया कहलाते है।
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सभी नील-हरित शैवाल नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक नहीं होते हैं। नील-हरित शैवाल की कुछ प्रजातियाँ एनाबीना अजोला, एनाबीना फर्टिलिसिया, एनाबिना लेवेन्छरी, नॉस्टॉक फॉरमीडियम, आसिलेटोरिया, ट्राइकोडेसियम, इत्यादि नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक होते हैं|
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नील-हरित शैवाल की उन प्रजातियों में हिटरोसिस्ट युक्त व हिटरोसिस्ट रहित दोनों प्रजातियां शामिल हैं, नील-हरित शैवाल धान की फसल के लिए बहुत उपयोगी हैं।
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