जैविक खाद बनाने के लिए 50% अनुदान पर खरीदें एचडीपीई बेड

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं, ताकि ज्यादा संख्या में किसान जैविक खेती को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में मदद कर सकें। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार राज्य के किसानों को जैविक खाद उत्पादन के लिए वर्मी खाद इकाई यानी एचडीपीई बेड की खरीद पर अनुदान दे रही है। इस योजना का उद्देश्य जैविक खाद निर्माण के लिए आर्थिक स्तर पर किसानों की मदद करना है।

योजना के तहत प्रदेश के किसानों को एचडीपीई बेड की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। सरकार की ओर से एचडीपीई वर्मी बेड के लिए 96 घन फ़ीट (12*4*2) की प्रति इकाई लागत 16,000 रुपए निर्धारित की गई है। इस हिसाब से किसानों को अधिकतम 8 हजार रुपए प्रति इकाई का अनुदान प्रदान किया जाएगा।

16 अगस्त 2022 से आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक किसान राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/mphd पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी सभी जानकारी भी इसी वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो बिना देरी करें जल्द आवेदन करें।

स्रोत : कृषि समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

केंचुआ खाद बनाकर करें लाखों की कमाई, जानें उत्पादन का आसान तरीका

कृषि क्षेत्र मे रासायनिक उत्पादों के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता खत्म हो रही है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण और लोगों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। इसके समाधान के तौर पर कई किसान जैविक खेती की ओर मुड़ रहे हैं।

जैविक खेती के जरिए मिट्टी की उपज क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा रासायनिक खेती के मुकाबले जैविक खेती में कम लागत के साथ बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है। वहीं जैविक खेती में केंचुआ खाद एक अभिन्न अंग है। ऐसे में केंचुआ पालन का व्यवसाय करके लाखों की कमाई की जा सकती है।

ऐसे तैयार करें केंचुआ खाद

ग्रामीण परिवेश में केंचुआ पालन आसानी से किया जा सकता है। केंचुआ पालन के लिए अंधेरे और थोड़े गर्म स्थान का चुनाव करना चाहिए, या फिर ऐसा स्थान जहां सीधी धूप ना पड़ती हो। स्थान चुनाव के बाद केंचुआ खाद बनाने के लिए 6 X 3 X 3 फीट का गड्ढा बना दें। गड्ढे में छोटे आकार के ईंट-पत्थरों की परतों के बीच बालू मिट्टी और दोमट मिट्टी को बिछा दें। इस जगह को पानी की मदद से 60% तक नम कर दें। इसके बाद 1000 केंचुआ प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में छोड़ दें। इनके ऊपर गोबर के उपले और घास की पुआल के साथ हरे वानस्पतिक पदार्थ बिछा दें। गड्ढा भरने के 45 दिन बाद केंचुआ खाद बनकर तैयार हो जाती है।

स्रोत: आज तक

कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

जैविक विधि से करें सुरक्षित खेती और पाएं अच्छा उत्पादन

Benefits of organic farming
  • जैविक खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी खेती होती है।
  • इससे भूमि की उपज क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
  • इससे सिंचाई अंतराल में भी वृद्धि होती है क्योंकि जैविक खाद लम्बे समय तक मिट्टी में नमी को बनाये रखते हैं।
  • रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है।
  • फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  • जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों का बाजार भाव अधिक मिलता है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।
Share