प्याज की फसल में कंद फटने की समस्या के कारणों की करें पहचान

  • प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
  • खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते हैं।
  • कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है।
  • प्रथम लक्षण कंद के फटने के बाद आधार पर दिखाई देते हैं।
  • प्रभावित कंद फटे उभार के रूप में आधार वाले भाग में दिखाई देते हैं।
Share

लहसुन एवं प्याज में मकडी का नियंत्रण

लहसुन एवं प्याज में मकडी का नियंत्रण:-

  • व्यस्क एवं अवयस्क दोनों ही कोमल पत्तियों एवं कलियों के बीच में लहसुन एवं प्याज में रस चूसते है| पत्तियाँ पुरी नहीं खुल पाती है पूरे पौधे की छोटा, टेड़ा, घुमावदार एवं पीले धब्बे दार हो जाता है|
  • धब्बे अधिकाँश पत्तियों के किनारों पर दिखाई देते है|
  • माइटस के प्रभावशाली नियंत्रण के लिए,  घुलनशील सल्फर 80% का 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।  
  • अधिक प्रकोप होने पर प्रोपरजाईट 57% का  400 मिली. प्रति एकड़ के अनुसार 7 दिन के अंतराल से दो बार छिड़काव करें |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

प्याज में कंद के फटने से सम्बंधित रोग का नियंत्रण

    • एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है|

 

  • धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते है|

 

 

Share

प्याज में कंद के फटने से सम्बंधित रोग की पहचान

  • कंद फटने के प्रथम लक्षण  पौधे के आधार पर दिखाई देते है |
  • प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है|
  • खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते है|
  • कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है|
Share

Symptoms of Stemphylium Blight in Onion

स्टेमफाईटम झुलसा रोग:- 

  • छोटे पीले से नारंगी धब्बे या धारियां पत्ती के बीच में बनती है
  •  जो बाद में बड़ी धुरी के आकार से अंडाकार हो जाती है जो धब्बे के चारो ओर गुलाबी किनारे इसका लक्षण है| 
  • धब्बे पत्तियों के किनारे से नीचे की और बढ़ते है| धब्बे आपस में मिलकर बड़े क्षेत्र बनाते है पत्तियां झुलसी दिखाई है पौधे की सभी पत्तियां प्रभावित होती है| 

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

control measures of cutworms in onion

  • रोपाई के समय कार्बोफ्यूरान @ 7.5 किलो/एकड़ की दर से जमीन में मिलाये ।
  • क्लोरोपाइरीफोस 20% ईसी @ 500 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Cutworms in onion

प्याज में कटवर्म कीट 

  • इस कीट का लार्वा पीले धूसर रंग के होते हैं और बाद में भूरे रंग  के हो जाते हैं ,
  • इस कीट को स्पर्श करने पर यह कुंडलित हो जाता हैं।
  • कटवर्म कीट आम तौर पर गहरे धूसर-भूरे रंग के होते हैं, तथा उनके अग्रभाग पर अलग-अलग पतले पैटर्न या धब्बे बने होते हैं।
  • ये कीट रात के समय, आधार स्तर से प्याज के छोटे पौधों को काटते हैं और दिन के समय छिप जाते हैं।
  • नव विकसित कीट अधिक संख्या में प्याज के पत्ते पर फ़ीड करते हैं लेकिन बाद में अलग हो कर मिट्टी में प्रवेश करते है

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of Eriophyid mite in Garlic and Onion

  • व्यस्क एवं अवयस्क दोनों ही कोमल पत्तियों एवं कलियों के बीच में लहसुन एवं प्याज में रस चूसते है| पत्तियाँ पुरी नहीं खुल पाती है पूरे पौधे की छोटा, टेड़ा, घुमावदार एवं पीले धब्बे दार हो जाता है|
  • धब्बे अधिकाँश पत्तियों के किनारों पर दिखाई देते है|
  • माइटस के प्रभावशाली नियंत्रण के लिए,  घुलनशील सल्फर 80% का 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।  
  • अधिक प्रकोप होने पर प्रोपरजाईट 57% का  400 मिली. प्रति एकड़ के अनुसार 7 दिन के अंतराल से दो बार छिड़काव करें |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Stem and bulb nematode in Onion and Garlic

प्याज एवं लहसन में तना और कंद सुत्रकृमी:- नेमीटोड रंधो या पौधे के घावों के माध्यम से प्रवेश करती है और पौधों में गांठने या कुवृद्धि पैदा करती है। यह कवक और जीवाणु जैसे माध्यमिक रोगजनकों के प्रवेश द्वार के लिए स्थान देता है। इसके लक्षणों में वृद्धि अवरुद्ध हो जाना, कंदों में रंग हीनता और सूजन पैदा होती है।

प्रबंधन:- ·

  • कंद जो रोग के लक्षण दिखाते हैं वह बीज के लिए नहीं रखना चाहिए।·
  •  खेतों और उपकरणों का उचित स्वच्छता आवश्यक है क्योंकि यह निमेटोड संक्रमित पौधों और अवशेषों में जीवित रहता है और पुन: उत्पन्न कर सकता है।·
  • नेमीटोड के बेहतर नियंत्रण के लिए कार्बोफ्यूरोन 3% दानेदार @ 10 किग्रा/एकड़ जमीन से दे|·
  • नेमीटोड के कार्बनिक नियंत्रण के लिए नीम खली @ 200 किग्रा/एकड़ जमीन से दे|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Management of Downy Mildew in Onions

प्याज में मृदुरोमिल आसिता रोग का प्रबंधन:-

लक्षण:-

  • पत्तियो और पुष्प वृंत पर बैगनी कवक वृद्धि करते हैं, जो कि बाद में हल्के हरे रंग के हो जाते है।
  • पत्तियाँ और पुष्प वृंत अंत मे गिर जाते है।
  • यह रोग अधिक नमी एवं अत्यधिक उर्वरक के उपयोग एवं सधी सिंचाई के कारण होती है

रोकथाम

  • बीज के लिए जिन प्याज के कन्दो का उपयोग करते है उन्हें 12 दिन के लिए सूर्य के प्रकाश में रखने से कवक ख़त्म हो जाती है
  • मेंकोजेब + मेटालेक्ज़ील या कार्बेंडाजीम+ मेंकोजेब @ 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करना चाहिये।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share