इन राज्यों में हो सकती है भारी बारिश, जानें अगले 24 घंटे का मौसम पूर्वानुमान

Take precautions related to agriculture during the weather changes

देश के ज्यादातर राज्यों में मानसून सक्रिय हो गया है और इसका प्रभाव भी नजर आने लगा है। मुंबई और गुजरात में पिछले कुछ घंटे से भारी बारिश हुई है। इसके साथ ही केरल के कई इलाकों में भी लगातार बारिश हो रही है। असम में तो बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है।

मॉनसून की अक्षीय रेखा वर्तमान में फलौदी, अजमेर, उमरिया, अंबिकापुर, जमशेदपुर और दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तक बनी हुई है। मध्य प्रदेश के भीतरी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में तटीय कर्नाटक, केरल और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में मध्यम से भारी बारिश। कोंकण गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश। वहीं जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुज़फ़्फ़राबाद, उत्तर प्रदेश, उत्तरी बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पहुँचाई जाएगी पानी, सीएम शिवराज का ऐलान

Water will be delivered to every inch of farmers' land, CM Shivraj announced

किसानों को उन्नत खेती के लिए जो सबसे प्रमुख जरुरत होती है वो है बेहतर सिंचाई साधन की। इसी जरुरत को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की “हम प्रदेश में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे।”

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा की “मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमताएं बढ़ाने के लिए विशेष कार्य हुए हैं। गत वर्षों में हमने प्रदेश में सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हेक्टेयर से 42 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया है, इसमें नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है।” इसके बाद ही उन्होंने कहा की आने वाले वक़्त में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक सिंचाई की व्यवस्था की जायेगी।

दरअसल मुख्यमंत्री ने ये बातें नाबार्ड के 39वें स्थापना दिवस पर आयोजित किये गए कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कही। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के कई जिले के महिला स्व-सहायता समूह, कृषक उत्पादक संघ के प्रतिनिधि तथा बहुत सारे किसानों शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि “यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि नाबार्ड द्वारा आज मध्यप्रदेश के लिए 1425 करोड़ रूपये की लिफ्ट इरीगेशन को स्वीकृति दी गई है। साथ ही अन्य परियोजनाओं के लिए 4 हजार करोड़ का ऋण भी स्वीकृत किया है। इसके लिए मैं नाबार्ड की पूरी टीम का पूरे हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

स्रोत: भास्कर

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खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मिलेगा अनुदान, किसानों की आय में होगी वृद्धि

खाद्य प्रसंस्करण तथा संरक्षण क्षमता से जुड़े इकाइयों के निर्माण और पहले से बने इकाइयों के आधुनिकीकरण को लेकर सरकार सजग नजर आ रही है। यही कारण है की सरकार इस क्षेत्र में लागत का 35% तक अनुदान देने का निर्णय कर चुकी है। यह अनुदान अधिकतम 5 करोड़ तक के निर्माण पर दिए जाएंगे।

इस योजना के अंतर्गत फल तथा सब्जियों, दूध, मांस/पोल्ट्री/मछली आदि के प्रसंस्करण के साथ साथ रेडी टू ईट/रेडी टू कुक खाद्य उत्पाद ब्रेकफास्ट सीरियल्स/स्नैक्स/बेकरी सहित अनाज/दालें, तेल और अन्य आधुनिक तकनीक से जुड़े प्रसंस्करण शामिल होंगे।

इस अनुदान को दिए जाने का उद्देश्य देश में प्रसंस्करण तथा संरक्षण क्षमताओं का विकास है और इसके अलावा वर्तमान में मौजूद खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के आधुनिकीकरण तथा विस्तार करना भी इसका लक्ष्य है।

स्रोत: कृषि अलर्ट

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इस तारीख से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की छठी किश्त मिलनी शुरू हो जाएगी

PM kisan samman

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किश्त जल्द आने वाली है। यह किश्त किसानों के बैंक खातों में दो हफ्ते बाद पहुँचनी शुरू हो जायेगी। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार किसानों के खाते में सीधे 6000 रुपये सालाना जमा करती है। यह 6000 रुपये की रकम तीन किस्तों में किसानों के खातों में भेजी जाती है। इसी रकम की अगली किश्त 1 अगस्त से सरकार किसानों के खातों में डालने जा रही है।

ग़ौरतलब है की केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को की थी। हालांकि यह योजना 1 दिसंबर 2018 से ही प्रभाव में आ गया था।

अब तक इस योजना के अंतर्गत किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपये की 5 किस्त भेजी जा चुकी है और आने वाले 1 अगस्त से किसानों के बैंक खातों छठी किस्त भी पहुँचनी शुरू हो जाएगी।

स्रोत: लाइव हिंदुस्तान

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परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से जैविक खेती को दिया जायेगा बढ़ावा

Paramparagat Krishi Vikas Yojana

केंद्र और राज्य सरकारें जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। इसके अंतर्गत परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत तीन वर्ष तक प्रति हेक्टेयर भूमि पर 50 हजार रुपये की मदद दी जा रही है। इस मदद में किसान जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तथा वर्मी कंपोस्ट इत्यादि खरीद सकता है। इस खरीदी के लिए 31000 रुपये मिलेंगे जो कुल लागत का 61 प्रतिशत होगा।

भारत सरकार इस योजना के लिए आवंटन दोगुना तक बढ़ा के जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली है। कृषि मंत्रालय ने सरकार को इस क्षेत्र हेतु आवंटित राशि को दोगुना बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले सालों में इस मद में सालाना 1300 करोड़ रुपये तक का आवंटन होगा।

स्रोत: एच एस न्यूज़

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मानसून की अच्छी बारिश के कारण पिछले साल की तुलना में हुई बेहतर फसल बुआई

Monsoon effect: 104% increase in cotton sowing with pulses, oilseed crops

इस साल मानसून ने तय समय पर दस्तक दी है और अभी ज्यादातर राज्यों में अच्छी बारिश भी हुई है। इसी अच्छे मानसून की वजह से वर्तमान समय तह विभिन्न फसलों की बुआई का आंकड़ा 87 प्रतिशत तक पहुँच गया है जो पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।

अगर बात मध्य भारत की करें तो यहाँ मानसून की सामान्य से अधिक वर्षा हुई है जिसकी वजह से किसानों ने सोयाबीन के फसल की बड़े पैमाने पर बुआई की है। सोयाबीन की इतनी ज्यादा बुआई किये जाने से इसकी खेती का रकबा पिछले साल की तुलना में पांच गुना बढ़ गया है। इसके अलावा भारत चावल तथा कपास का सबसे प्रमुख निर्यातक भी है और इसकी अच्छी फसल के लिए इन दोनों की भी अच्छी बुआई की गई है।

स्रोत: फसल क्रांति

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पीएम मोदी ने की मध्यप्रदेश की तारीफ, कहा ‘गेहूं के बाद ऊर्जा क्षेत्र में भी बनाएगा रिकॉर्ड’

PM Modi praised Madhya Pradesh, said 'After wheat, energy will also create record'

शुक्रवार, 10 जुलाई के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन किया। इस प्लांट का निर्माण मध्यप्रदेश के रीवा में किया गया है। पीएम ने इस प्लांट की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की। इस दौरान पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के लोगों और किसानों की खूब तारीफ की।

पीएम ने अपने सम्बोधन में कहा कि “इस प्लांट लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्गीय लोगों, किसान और आदिवासियों को होगा।” पीएम मोदी ने आगे कहा की “कोरोना संकट के दौरान मध्य प्रदेश के किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ फसल उत्पादन किया और सरकार ने उसे खरीदा, जल्द ही मध्य प्रदेश के किसान बिजली पैदा करने का रिकॉर्ड भी तोड़ देंगे।”

गौरतलब है की मध्यप्रदेश के किसानों ने गेंहू उपार्जन में देश के अन्य सभी राज्यों को पछाड़ कर रिकॉर्ड बनाया है। इसी का जिक्र पीएम ने अपने भाषण में किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा की “सोलर प्लांट से जुड़े सामान को भारत में बनाया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत के तहत आयात पर इनकी निर्भरता कम की जायेगी और यहां पर इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।”

स्रोत: प्रदेश टुडे

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कृषि अवसंरचना कोष के लिए सरकार देगी एक लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण किसानों को होगा लाभ

केंद्र सरकार की तरफ से कृषि अवसंरचना कोष के निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है। इस कोष की मदद से कृषि क्षेत्र में बुनियादी संरचना के विकास हेतु सस्ते दर पर ऋण दिए जाएंगे और इससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निजी निवेश को बल मिलेगा साथ ही साथ नए नए रोज़गार के अवसर भी बनेंगे।

इस विषय पर हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने इस बारे में निर्णय लिए। बता दें की कृषि अवसंरचना कोष पीएम के 20 लाख करोड़ रुपये के उसी आर्थिक प्रोत्साहन पैकज का एक भाग है जिसकी घोषणा उन्होंने कुछ दिन पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए की थी।

इस बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया, ‘‘यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। इससे कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा।’’ उन्होंने आगे कहा कि ‘‘ग्रामीण इलाकों में निजी निवेश प्रोत्साहित करने के लिये एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी संरचना कोष माध्यम का काम करेगा।मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी है। यह कृषि क्षेत्र को बदलने में मदद करेगा।’’

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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मध्य प्रदेश के किसानों को अगले तीन साल में सब्सिडी पर दिए जाएंगे 2 लाख सोलर पंप

2 lakh solar pumps to be given on subsidy to farmers of MP in next three years

बिजली के वैकल्पिक स्रोत को सरकार खूब बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में किसानों को बिजली के लिए सौर उर्जा का इस्तेमाल करने हेतु कुसुम योजना की शुरुआत की गई है। इसके साथ साथ राज्य सरकार सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया करवाने सम्बन्धी योजनाओं को भी शुरू कर रही है।

बात मध्य प्रदेश की करें तो यहाँ आने वाले तीन सालों में 2 लाख सोलर पंप किसानों को देने का लक्ष्य रखा गया है। ग़ौरतलब है की सोलर पंप लगाए जाने से राज्य के किसान भाइयों को बेहतर सिंचाई का लाभ मिलेगा। प्रदेश के किसानों की सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत किसानों के लिए वर्तमान समय तक 14 हजार 250 सोलर पंप लगाए भी जा चुके हैं। आने वाले समय में यह संख्या और ज्यादा बढ़ेगी और 2 लाख सोलर पंप स्थापित किये जाएंगे।

स्रोत: किसान समाधान

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मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग मिलेगा? किसानों को होगा लाभ

Basmati rice of Madhya Pradesh will get a GI tag

मध्यप्रदेश के 13 जिलों के लगभग 80,000 किसानों द्वारा उगाये जाने वाली बासमती चावल को मध्यप्रदेश सरकार जीआई टैग दिलाने की कोशिश में। इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से सोमवार को मुलाकात की है। इस मुलाक़ात में उन्होंने राज्य में कई बासमती चावल के लिए जीआई टैग देने में केंद्रीय कृषि मंत्री को सहयोग करने को कहा है।

क्या होता है जीआई टैग?
जीआई टैग दरअसल एक विशिष्ट भौगोलिक संकेत है जो किसी भी उत्पाद के विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति स्थान को इंगित करता है।

राज्य के 13 जिले जिनमें बासमती चावल की खेती की जाती है वे हैं आलंद, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, दतिया, गुना, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन, सीहोर, जबलपुर, होशंगाबाद और नरसिंहपुर। मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री के साथ हुई बैठक में कहा, ‘‘इन 13 जिलों में उत्पादित चावल को जीआई टैग से इनकार करना राज्य के किसानों और उनकी आजीविका के साथ अन्याय होगा।’’

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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