Irrigation Schedule in Muskmelon

  • खरबूज अधिक पानी चाहने वाली फसल है लेकिन पानी का भराव इस फसल के लिए हानिकारक होता है|
  • बीज को खेत में लगाने से पहले एक बार सिंचाई करें और उसके बाद सप्ताह में एक बार सिचाई करनी चाहिए ।
  • फूल आने के पहले, फूल आने के समय एवं फल की वृद्धि के समय पानी की कमी से उत्पादन में बहुत कमी आ जाती है|
  • फल पकने के समय सिंचाई रोक देना चाहिए ऐसा करने से फल की गुणवत्ता बढ़ती है और साथ ही फल फटने की समस्या भी नहीं आती है|
  • लगातार पानी देने से फसल में बिमारियों (सफ़ेद चूर्णी रोग, फल गलन इत्यादि) के प्रकोप भी बढ़ने लगता है| इसके नियंत्रण के लिए समय-समय पर फफूँदनाशक का स्प्रे कर सकते है|

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Irrigation management in snake gourd

  • ककड़ी की बुवाई के पूर्व पहली सिंचाई करते है ताकि बीज की बुवाई अच्छे से की जा सके|
  • इसके बाद 1 सप्ताह में एक बार सिंचाई करते है|
  • गर्मी का मौसम या अधिक धूप पड़ने की दशा में 4-5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की जाती है|
  • इसके फसल के लिए ड्रिप विधि से सिंचाई सर्वोत्तम होती है| इससे पानी की भी बचत हो जाती है|
  • परागण एवं फल की लम्बाई बढ़ने वाली अवस्था इसके सिंचाई की क्रांतिक अवस्था होती है|

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Irrigation in Tomato

  • फसल की प्रायः 8-12 दिनों के अंतराल से सिंचाई की जाती है।
  • ग्रीष्म ऋतु में फसल को 5-6 दिनों के अंतराल से सिंचाई की आवश्यक होती है।
  • प्रायः सिंचाई हेतु खुली नाली (ओपन फरो) विधि का प्रयोग किया जाता है।
  • फूल की अवस्था में पानी की कमी होने पर उत्पादन एवं फलन पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं|

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Irrigation management in watermelon

  • तरबूज अधिक पानी चाहने वाली फसल है लेकिन पानी का भराव इस फसल के लिए हानिकारक होता है|
  • तरबूज की खेती खासकर गर्म मौसम में होती हैं इसलिए इसमें सिंचाई का अंतराल बहुत महत्तवपूर्ण होता हैं|
  • तरबूज में 3-5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए|
  • फूल आने के पहले, फूल आने के समय एवं फल की वृद्धि के समय पानी की कमी से उत्पादन में बहुत कमी आ जाती है|
  • फल पकने के समय सिंचाई रोक देना चाहिए ऐसा करने से फल की गुणवत्ता बढ़ती है और साथ ही फल फटने की समस्या भी नहीं आती है|
  • लगातार पानी देने से फसल में बिमारियों (सफ़ेद चूर्णी रोग, फल गलन इत्यादि) के प्रकोप भी बढ़ने लगता है| इसके नियंत्रण के लिए समय-समय पर फफूँदनाशक का स्प्रे कर सकते है|

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Irrigation Management of Wheat

गेहू मे सिंचाई प्रबंधन:-

  • अच्छी फसल की प्राप्ति के लिए समय पर सिंचाई करना बहुत जरुरी होता है।
  • फसल में गाभा के समय और दानो में दूध भरने के समय सिंचाई करनी चाहिए।
  • ठंड के मौसम में अगर वर्षा हो जाये तो सिंचाई कम भी कर सकते है
  • कृषि वैज्ञानिको के मुताबिक जब तेज हवा चलने लगे तब सिंचाई को कुछ समय तक रोक देना चाहिए।
  • कृषि वैज्ञानिको का ये भी कहना है की खेत में 12 घंटे से ज्यादा देर तक पानी जमा नहीं रहने देना चाहिए ।
  • गेहूँ की खेती में पहली सिंचाई बुआई के लगभग 25 दिन बाद करनी चाहिए।
  • दूसरी सिंचाई लगभग 60 दिन बाद और तीसरी सिंचाई लगभग 80 दिन बाद करनी चाहिए।

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Important Practices for Increase Yield of Watermelon

तरबूज की उपज बढ़ाने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:-

  • काले प्लास्टिक से मल्चिंग  करने से कई तरह के लाभ होते है जैसे – यह मिट्टी को गर्म रखेगा, खरपतवार वृद्धि में बाधा डालेगा, और फलो का विकास, साफ़ सुथरे वातावरण में करने में सहायक होगा ।
  • तरबूज के बीज की बोवाई से ले कर फल तैयार होने तक विभिन्न अवस्थाए  जैसे बोवाई, फूल आने के पूर्व, फल बनते समय पानी का होना बहुत जरूरी  है|
  • मिट्टी को नम रखना जरूरी है, लेकिन यह ध्यान रखते हुए कि खेत में अतिरिक्त पानी भरा नहीं हो । बेल के आधार पर सुबह के समय पानी देना अच्छा होता है, सिचाई के समय यह ध्यान रखे की पत्तिया गीली नहीं हो | जैसे ही  फल बढ़ने लगे पानी कम कर देना चाहिए। शुष्क मौसम या गर्म मौसम फलो को मीठा बनाने में सहायक होता है |
  • यदि आप उर्वरक का चुनाव कर रहे है तो, यह  सुनिश्चित कर ले कि जो उर्वरक आप चुन रहे है वह फॉस्फोरस और पोटेशियम की तुलना में अधिक नाइट्रोजन प्रदान करता हो।लेकिन जब फलो का विकास हो रहा हो तब वो उर्वरक  चुने जो फॉस्फोरस और पोटेशियम ज्यादा दे और नाइट्रोजन कम प्रदान करे| तरल समुद्री शैवाल का उपयोग करना ज्यादा अच्छा होता हैं।
  • एक ही बेल  पर अलग-अलग नर और मादा फूल पैदा करती  हैं। सामान्यत मादा फूल आने के कई सप्ताह पहले नर फूलों का आना  शुरू हो जाता हैं। नर फूल का गिरना पैदावार को नुकसान नहीं पहुँचाता । अगर ये झड भी जाए तो मादा फूल बेल पर रहते है और फल बनाते है ।
  • मधुमक्खिया परागण के लिए आवश्यक होती है, जिससे बेल में फलो की संख्या बढ़ती है |जब फल पक रहा हो तब उसे सड़ने से बचने के लिए धीरे से उठा कर जमीन और फल के बीच गत्ते का  टुकड़ा या भूसा रख देना चाहिए |

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Requirement of Irrigations in Pea

मटर के लिए आवश्यक सिंचाई:-

  • यदि भूमि सूखी हो तो अच्छी तरह से बीजांकुर होने के लिये बोने पूर्व सिंचाई करें ।
  • भूमि के प्रकार व मौसमानुसार 10 से 15 के अंतर से सिंचाई करना चाहिये ।
  • फल एवं फल्ली आने के समय नमी की कमी होने पर उपज में कमी आती है अंतः इस समय सिंचाई अवश्य करें ।

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Critical stage of irrigation in Potato

आलू में सिचाई की क्रांतिक अवस्था:-

  • आलू की फसल में सीजन के दौरान उच्चतम मृदा नमी को बांये रखने के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन की आवश्यकता होता है |
  • वृद्धि के कुछ चरण जब जल प्रबंधन बहुत महत्त्वपूर्ण है-
  • 1). अंकुरण अवस्था
  • 2). कंद स्थापित अवस्था
  • 3). कंद बढ़वार अवस्था
  • 4). अंतिम फसल अवस्था
  • 5). खुदाई के पूर्व |

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Irrigation Management in Sponge Gourd

गिलकी में सिंचाई प्रबंधन:-

  • भूमि में बीजों के अच्छे अंकुरण के लिये पर्याप्त नमी होनी चाहिये।
  • बीजों के अच्छे अंकुरण के लिये बुवाई करने के पूर्व खेत की सिंचाई करनी चाहिये।
  • अगली सिंचाई बीजों को लगाने के बाद करना चाहिये|
  • खेत में सिंचाई मौसम या भूमि के अनुसार करनी चाहिये।
  • प्रायः गर्मी के मौसम में सिंचाई 4-5 दिनों के अंतराल में एवं ठंड के मौसम में 8-10 दिन के अंतराल से करना चाहिये।

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Irrigation in Cauliflower

फूलगोभी में सिंचाई प्रबंधन:-

  • अच्छी फसल के लिए पर्याप्त नमी को बनाए रखना बहुत आवश्यक हैं|
  • रोपाई के बाद हल्का पानी दे |
  • उचित नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अन्तराल पर हल्की सिंचाई करे |
  • अगेती एवं मिड सीजन की फसल की सिंचाई मानसून पर निर्भर रहती है|
  • फूल बनते और बढ़ते समय उचित नमी बनाये रखना बहुत आवश्यक हैं |

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