फुटपाथी दुकानदारों को भारी सब्सिडी पर मिल रहा लोन, जानें योजना के बारे में

Pavement shopkeepers are getting loans on huge subsidies

शहरी क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ‘स्वनिधि योजना’ चला रही है। इस योजना का उद्देश्य शहरों के फुटपाथ पर दुकान लगा रहे लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराना है। इसके जरिए लोग अपनी दुकान के लिए बड़े ही कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर निवासी उठा रहे हैं। पिछले साल जिन लोगों के लोन आवदेनों को बैंकों द्वारा निरस्त किया गया था, जिला प्रशासन उन आवेदनों पर पुन: जांच करेगी। इसके बाद योग्यता के आधार पर चुने गए लाभार्थियों को सब्सिडी पर लोन दिया जाएगा।

बता दें कि इस योजना के जरिए फुटपाथी दुकानदारों को 10 हजार रूपए तक का लोन दिया जा रहा है। इस ऋण का सिर्फ 2% ब्याज दुकानदार को देना होता है, बाकी 7% ब्याज सरकार देती है। जिले में अब तक 4377 लोगों को इस योजना से लाभ प्राप्त हुआ है। आप भी ऑनलाइन आवेदन के जरिए इस योजना से लोन प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। अगर जानकारी पसंद आई हो तो इस लेख को लाइक करें और अपने मित्रों के साथ शेयर करना ना भूलें।

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इंदौर मंडी में 16 अप्रैल को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 16 अप्रैल के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव यूट्यूब चैनल

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फायदे की खबर, कृषि मंत्री ने किया ऐलान

The news of benefits for the farmers of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक खुशखबरी आ रही है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस बाबत ऐलान किया है। वीडियो के माध्यम से देखें पूरी खबर।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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बिना परिक्षा पाएं सरकारी नौकरी, मिलेगा 25 लाख तक वेतन

Get government job without examination

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लोगों के लिए एक खुशखबरी है। इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन बोर्ड यानि आईबीपीएस ने बंपर भर्तियां निकाली हैं। जिनका वेतन सालाना 25 लाख रूपए तक है। इसके साथ ही खास खबर यह है कि भर्ती के लिए लिखित परिक्षा नहीं देनी होगी।

उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। वहीं सिलेक्शन होने के बाद उम्मीदवार को 3 साल के लिए कॉनट्रैक्ट बेसिस पर रखा जाएगा। इस बात की जानकारी आईबीपीएस ने नोटिफिकेशन के माध्यम से दी है।

जानकारी के अनुसार कोई भी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवार इस पद के लिए आवदेन कर सकता है। इसके लिए आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर आवेदन करना होगा। बता दें कि 24 मार्च 2022 से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं। वहीं 13 अप्रैल 2022 को आवेदन भरने की अंतिम तिथि है। तो जल्द ही इस अवसर का लाभ उठाते हुए नौकरी के लिए आवेदन करें।

स्रोत: कृषि जागरण

आपकी जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह। इस लेख को लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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घर बैठे बेचें अपनी फसल, जानें ग्राम व्यापार पर कैसे बनाते हैं बिक्री सूची

Gramophone Gram Vyapar

ग्रामोफ़ोन एप की मदद से स्मार्ट खेती करने वाले किसान अब ग्राम व्यापार के माध्यम से घर बैठे मनपसंद खरीददार को सही रेट पर अपनी उपज बेच रहे हैं। फसल बेचने के लिए किसानों को अपनी फसल की बिक्री सूची बनानी होती है। आइये जानते हैं आखिर यह बिक्री सूची बनाई कैसे जाती है?

  • ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार पर जाने के बाद आपको मुख्य स्क्रीन पर खरीददार और विक्रेता की सूची नजर आएगी।

  • व्यापार स्क्रीन के दाहिने-निचले हिस्से में बने + के चिन्ह पर क्लिक कर आप अपनी फसल की बिक्री सूची तैयार कर सकते हैं।

  • इसके लिए आपको बेची जाने वाली फसल का नाम, मात्रा, भाव, बेचने की तारीखें व गुणवत्ता सम्बन्धी जानकारी दर्ज करनी होगी और आखिर में इसे प्रकाशित करना होगा।

  • ऐसा करने से आपकी फसल की बिक्री सूची सफलतापूर्वक दर्ज हो जायेगी।

अधिक जानकारी के लिए देखें वीडियो:

तो कुछ इस तरह आप बड़ी ही आसानी से अपनी फसल का बिक्री सूची बना सकते हैं। इस सूची को देखकर खरीददार आपको स्वयं सम्पर्क करेंगे और आपसे सौदा तय करने के लिए बात करेंगे।

बिक्री सूची बनाने के लिए यहाँ क्लिक करें ? बिक्री सूची बनायें 

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प्याज, तरबूज, गेहूँ, लहसुन जैसी सभी फसलें घर बैठे बेचें, खुद करें खरीददारों से बात

Gram Vyapar

रबी फसलों की कटाई के समय पूरे देश में एक बार फिर से कोरोना महामारी फैलने लगी है। कई क्षेत्रों में पिछले साल की तरह फिर लॉक डाउन लग गया है। पर कोरोना की इस दूसरी लहर में आपकी उपज बिक्री में कोई बाधा ना आये इसके लिए ग्रामोफ़ोन हर संभव कार्य कर रहा है। ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार के माध्यम से आप घर बैठे अपनी फसल के खरीददार ढूंढ सकते हैं और सौदा तय कर सकते हैं।

आप अपनी फसल की बिक्री सूची बना सकते है जिसे देख कर खरीददार स्वयं आपको सम्पर्क करेंगे। इसके साथ ही आप ग्राम व्यापार पर मौजूद बहुत सारे भरोसेमंद खरीददारों से स्वयं संपर्क कर सकते हैं और अपनी फसल का सौदा तय कर सकते हैं।

तो कुछ इस तरह आप बड़ी ही अपनी फसल के लिए सही खरीददार ढूंढ सकते हैं और डायरेक्ट बात कर सही भाव भी घर बैठे तय कर सकते हैं। देर ना करें ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से अपनी फसल का सौदा जल्द तय करें।

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मिश्रित खेती करने से किसानों को मिलते हैं कई फायदे

How is inter-cropping beneficial o farmers?
  • मिश्रित खेती की प्रक्रिया को कृषि की तकनीकी भाषा में अंतरसस्य (इंटरक्रॉपिंग) कहते हैं।
  • इस प्रकार की खेती खेतों की विविधता और स्थिरता को बनाए रखने में मददगार होती है।
  • इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करने पर रासायनिक/उर्वरक के अनुप्रयोग में कमी आती है ।
  • मिश्रित फसल में खरपतवार, कीड़े और बीमारी की समस्या कम होती है।
  • अंतरसस्य (इंटरक्रोपिंग) में सब्जियों की फसलें कम अवधि में उच्च उत्पादन देती है।
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ग्रामोफ़ोन की फोटो प्रतियोगिता के पहले दिन ये रहे टॉप दस किसान

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर कल यानी 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता शुरू हुआ। पहले ही दिन इस प्रतियोगिता में हजारों किसानों ने भाग लिया और अपने गांव की तस्वीरें पोस्ट कर अपने दोस्तों से उसपर लाइक बढ़ाएं।

22 जनवरी को शीर्ष पर रहे दस किसान

  • शिवशंकर यादव
  • सतीश मेवाड़ा
  • मोतीलाल पाटीदार
  • संदीप रघुवंशी
  • धरम कन्नोज
  • कमल कृष्ण माली
  • प्रकाश पाटीदार
  • अशोक पाटीदार
  • प्रिंसू
  • प्रीतेश गोयल

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी नौ दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लें और आकर्षक पुरस्कार जीतें।

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

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मिला ग्रामोफ़ोन का साथ तो बड़वानी के कपास किसान कालू जी ने पाया दोगुना मुनाफ़ा

कभी कभी जिंदगी में किसी का साथ मिल जाने से जिंदगी जीने का लुत्फ़ दोगुना हो जाता है। कुछ ऐसा ही लुत्फ़ बड़वानी जिले के टिकरी तहसील में स्थित गांव हवोला के रहने वाले किसान श्री कालू जी हम्मड़ को किसानों के सच्चे साथी ग्रामोफ़ोन का साथ मिलने से मिला। दरअसल कालू जी कपास की खेती करते थे और ठीक ठाक कमाई भी करते थे। इसी दौरान वे ग्रामोफ़ोन के सम्पर्क में आये और एक साल ग्रामोफ़ोन की सलाह पर कपास की खेती की।

कपास की खेती के दौरान कालू जी ने कई बार ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली और साथ ही बीज, उर्वरक और दवाइयाँ भी मंगाई। आखिर में जब उन्होंने उत्पादन देखा तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उनका उत्पादन दोगुना हो चुका था और उपज की क्वालिटी भी बेहतर थी।

जहाँ पहले उन्हें 2 लाख का मुनाफ़ा होता था वहीं ग्रामोफ़ोन का साथ मिलने के बाद यह मुनाफ़ा दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर साढ़े चार लाख हो गया। यही नहीं, कालू जी की लागत भी पहले से बहुत कम रही। जहाँ पहले कपास की खेती में लागत 40 हजार आती थी वहीं ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आने के बाद लागत भी घटकर महज 25 हजार हो गई।

आज कालू जी ग्रामोफ़ोन को धन्यवाद करते हुए सभी किसानों को ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए कहते हैं ताकि वे किसान भी उनकी ही तरह लाभ उठा पाएं।

कालू जी की ही तरह अगर अन्य किसान भाई भी कृषि सम्बन्धी किसी भी समस्या से परेशान हैं या अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो इस बाबत ग्रामोफ़ोन के टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल कर कृषि विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं।

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सोशल मीडिया के जरिए किसानों को शिक्षित कर रही है सरकार: नरेंद्र सिंह तोमर

हम इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में हैं। लगभग हर कंपनी या संगठन अपने ग्राहकों से जुड़ने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही है। अब इसी कड़ी में अब सरकार राष्ट्र के किसानों के साथ जुड़ने के लिए भी कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी उपयोग कर रही है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बाबत कहा कि सरकार देश भर में किसानों को शिक्षित करने के लिए फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि का उपयोग कर रही है। भारत में खेती के विकास पर बोलते हुए, तोमर ने कहा कि “सरकार ने किसानों के लाभ के लिए लगभग 100 मोबाइल एप संकलित किए हैं। ये एप ICAR, कृषि विज्ञान केंद्र और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित किए गए हैं।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी पिछले चार वर्षों से किसानों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारे कृषि विशेषज्ञ हमारे मोबाइल एप और विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से किसानों को बहुमूल्य सुझाव देते रहते हैं। किसान अपनी फ़सलों में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए हमें हमारे टोल-फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं।

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